हरि नाम के वगैर मानव जीरो: सत्यम कृष्ण
वास्तव में विद्वान् और सफलतम व्यक्ति बनने के लिये अच्छी पुस्तकों और शास्त्रों का केवल अध्ययन करना पर्याप्त नहीं, उसके अनुकरण की जरूरत होती है। जैसे रोग दूर करने के लिए दवा की जानकारी या नाम ले लेना...
वास्तव में विद्वान् और सफलतम व्यक्ति बनने के लिये अच्छी पुस्तकों और शास्त्रों का केवल अध्ययन करना पर्याप्त नहीं, उसके अनुकरण की जरूरत होती है। जैसे रोग दूर करने के लिए दवा की जानकारी या नाम ले लेना पर्याप्त नहीं, उसके सेवन की जरूरत होती है। यह बातें नवाबगंज गांव में चल रही भागवत कथा के दौरान कथावाचक सत्यम कृष्ण शास्त्री ने कही।
कथावाचक ने नंदोत्सव, पूतना समेत अन्य कई राक्षसों के उद्धार की कथा का विस्तार से चर्चा की। कहा कि दूसरे को साथ लेकर डूबने वाले पत्थर भी जिस हरि नाम के स्पर्श से तर गए। भोले बाबा जिस नाम के प्रताप से जीवों पर कृपा करके भयानक विषपान कर गए। जिस हरि नाम के प्रभाव से मीरा प्रभृति भक्तों के लिए घोर विष भी अमृत के समान हो गया। हे मनुष्य! उस श्रीहरि नाम को छोड़कर तू कैसे अपना कल्याण चाहता है। कथा के समापन पर भक्तों ने कीर्तन भजन के बाद आरती उतारी और प्रसाद लेकर वापस घर लौटे।
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