सुबह आई डीएपी शाम तक खत्म, किसानों में आक्रोश
मांडा। एक माह बाद मांडा की समितियों पर बेहद कम मात्रा में भेजी गई डीएपी
एक माह बाद मांडा की समितियों पर बेहद कम मात्रा में भेजी गई डीएपी खाद सुबह आयी और शाम तक खत्म हो गयी। दूसरे दिन खाद लेने गये किसानों को जब खाद नहीं मिल पायी, तो किसानों में इस अव्यवस्था के प्रति काफी आक्रोश दिखा। मांडा क्षेत्र के समितियों पर चार दिन पहले सोमवार को काफी कम मात्रा में डीएपी खाद शहर से भेजी गई थी। मांडा खास व हाटा साधन सहकारी समिति पर चार चार सौ बोरी खाद, मझिगवां में दो सौ बोरी, कोसड़ा कला साधन सहकारी समिति में डेढ़ सौ बोरी, महेवॉ कला दो सौ बोरी के साथ ही अन्य तीन समितियों पर भी इसी तरह अत्यल्प मात्रा में डीएपी आयी थी। सोमवार को ट्रक से खाद उतरते ही किसानों की भारी भीड़ लग गयी। पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में खाद का वितरण समिति संचालकों को कराना पड़ा। सोमवार सांझ तक ही सभी समितियों से डीएपी खत्म हो गयी। इसके पूर्व 12 अक्तूबर को एक माह पहले मांडा की समितियों पर इसी तरह काफी कम मात्रा में डीएपी आयी थी। सभी समितियों पर डीएपी के लिए किसान पहुँच रहे हैं, लेकिन डीएपी खत्म होने की सूचना मिलते ही किसानों में मायूसी छा जाती है । कोसड़ा कला समिति पर किसानों ने सरकार की अव्यवस्था पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन भी कियाथा। गुरुवार को भी डीएपी के लिए तमाम किसान समितियों पर गये, लेकिन डीएपी न होने से निराश होकर लौट गये। इन दिनों आलू, मसूर आदि की खेती के लिए डीएपी खाद की बेहद जरुरत है। किसानों ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से मांडा की समितियों पर पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध कराने की मांग की है।
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