मांडा के किसी भी समिति में डीएपी नहीं, किसान परेशान
मांडा। मांडा की आठों समितियों में बारह दिन पहले तीन तीन सौ बोरी डीएपी आयी,
मांडा की आठों समितियों में बारह दिन पहले तीन तीन सौ बोरी डीएपी आयी, जो आने बाद खत्म भी हो गयी थी। अब आठ में से किसी भी समिति में डीएपी खाद नहीं है। मांडा के उपरौध क्षेत्र के हाटा मझिगवां दो न्याय पंचायतों के 19 ग्राम पंचायतों में चना, मसूर, आलू की खेती के लिए डीएपी खाद की सख्त जरूरत किसानों को है। मझिगवां साधन सहकारी समिति के सचिव ने जानकारी दी कि गुरुवार को उनके स्टाक में यूरिया 107 बोरी, एपीयस सात बोरी, नैनो तरल 869 नग, नैनो डीएपी 121 नग है। बताया कि 13 अक्तूबर को तीन सौ बोरी डीएपी मझिगवां साधन सहकारी समिति में आयी थी, लेकिन वह आते ही खत्म भी हो गई थी। इसी तरह हाटा साधन सहकारी समिति में केवल यूरिया खाद का स्टाक है। मांडा और हाटा साधन सहकारी समिति में भी 13 अक्तूबर को ही तीन तीन सौ बोरी डीएपी खाद आयी थी, लेकिन इस समय किसी भी समिति में डीएपी खाद नहीं है। सभी समितियों पर नैनो यूरिया तरल लेने की बाध्यता से किसान व समिति संचालक दोनों परेशान हैं। मांडा साधन सहकारी समिति के कर्मचारी तन्नू ने बताया कि डीएपी खाद के लिए तीन ट्रक के लिए काफी पहले चेक भेजा गया, लेकिन जिले से केवल तीन सौ बोरी डीएपी खाद का एक ट्रक अभी तक आ पाया है, इतने बड़े क्षेत्र के लिए ऊंट के मुंह जीरा साबित हुई। फिलहाल किसानों की जरूरत को देखते हुए मांडा के सभी समितियों पर डीएपी खाद की आवश्यकता है।
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