राम वन गमन दृश्य पर दर्शक हुए भावुक
शंकरगढ़ के राज भवन परिसर में चल रही रामलीला के छठे दिन राम का वनवास मंचन हुआ। इस दृश्य को देखकर दर्शक भावुक हो गए। 1872 से निरंतर हो रहे इस आयोजन में नगर पंचायत और दूर-दूर से लोग रामलीला का आनंद लेने...
शंकरगढ़/बारा, हिन्दुस्तान संवाद। शंकरगढ़ राज भवन परिसर में चल रही रामलीला के छठवें दिन राम के वनवास जाने का मंचन हुआ। राम के वन गमन को देखकर दर्शक भावुक हो गए।
राम भवन चौराहे के पास स्थिति राज भवन परिसर प्रांगण में सन 1872 से निरंतर रामलीला का मंचन होता है। रामलीला को देखने के लिए नगर पंचायत सहित दूर ग्रामीण अंचलों से महिला पुरुष और बच्चे भारी संख्या में लोग आकर रामलीला का आनंद लेते हैं। राजघराने की ओर से बरसों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वहन कुशलता पूर्वक किया जा रहा है। सोमवार को राम वनवास की लीला का मंचन हुआ। राम, लक्ष्मण और सीता 14 वर्ष के लिए वनवास को निकल पड़े जिसे देखकर राजा दशरथ अचेत होकर गिर गए। आपने पुत्र के विरह में राजा दशरथ ने राम राम कहते हुए अपने प्राण त्याग दिए। मेला प्रबंधन का काम देख रहे अमरेंद्र सिंह उर्फ मुन्नू दादा ने बताया कि इस बार रामलीला का मंचन हनुमत रामलीला मंडल चित्रकूट की ओर से किया जा रहा है।
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