नीति और सदाचार की जीत का प्रतीक है दशहराःउज्ज्वल
करछना में आयोजित दो दिवसीय दशहरा मेले में सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने कहा कि दशहरा श्रीराम की नीति और सदाचार का प्रतीक है। रावण के विनाश का संदेश महत्वपूर्ण है। राम जानकी दरबार की शोभायात्रा में भक्तों...
करछना, हिन्दुस्तान संवाद। दशहरा श्रीराम की नीति, आचरण, मर्यादा, सदाचार और सत्य निष्ठा का प्रतीक है। महान प्रतापी होते हुए भी अनीति और दुष्कर्म पथ के प्रतीक रावण का विनाश हुआ। हमें इसी प्रकार इन प्रतीकों के पर्याय मन में बसे रावण का विनाश होना जरूरी है। यह बातें श्रीरामलीला कमेटी करछना के कलाकारों की ओर से रामलीला मंचन के समापन के बाद आयोजित दो दिवसीय दशहरा मेले में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने फीता काटकर उद्धघाटन करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि रामलीला मंचन और दशहरा मेले का यह आयोजन गांव-गांव हमें अपने मान्यताओं और आस्था से जोड़ता है। आगे अनवरत यह क्रम जारी रहना चाहिए। दशहरा मेले में निकाली गई राम जानकी दरबार की भव्य शोभायात्रा में विराजमान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी की आरती उतारी। शाम से ही आकर्षक सजावट के बीच लोगों की भारी भीड़ से मेला गुलजार रहा और देररात तक चला। इस मौके पर पूर्व प्रमुख विजयराज सिंह राजू,ध्रुवराज सिंह,हंसराज सिंह,डॉ.वाईपी सिंह,मनोज सिंह,लाल दिवाकर सिंह, अभिषेक सिंह पिंटू, भोगाही सिंह,रिंकू सिंह, राजू सिंह, सुनील द्विवेदी, कुंवर सिह, आशुतोष सिंह, अजीत द्विवेदी, सिद्धराज सिंह, डॉ.संजय द्विवेदी, विपिन, देवेंद्र प्रताप, सूरज प्रताप सिंह समेत कमेटी के लोग और बड़ी सख्या पास-पड़ोस गांव के लोग मौजूद रहे।
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