साठ साल से स्थायी पुल की आस, चौपट हो रहा रोजी-रोजगार
Gangapar News - शंकरगढ़,हिन्दुस्तान संवाद। यमुना में प्रतापपुर घाट (शंकरगढ़) पर बनने वाले पीपे के पुल से कौशाम्बी
यमुना में प्रतापपुर घाट (शंकरगढ़) पर बनने वाले पीपे के पुल से कौशाम्बी और प्रयागराज के व्यापारियों का आवागमन नवंबर माह से शुरू हो जाता था लेकिन इस वर्ष आधी जनवरी बीतने के बावजूद पुल नहीं बन पाया है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। विकास खंड शंकरगढ़ के प्रतापपुर में यमुना पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शासन द्वारा पीपे के पुल की मंजूरी दी गई है। पीपे के अस्थाई पुल में हो रही देरी के कारण कौशाम्बी जिले में अपना व्यापार, रोजी रोजगार के लिए जाने वाले शंकरगढ़ व प्रतापपुर क्षेत्र के लोगों को परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा है। एक स्टीमर और नाव के सहारे है यमुना घाट
शंकरगढ़ क्षेत्र के प्रतापपुर यमुना नदी के आर पार आने जाने वाले लोग पीपे के पुल के न होने के कारण स्टीमर और नाव का सहारा लेते हैं। इस नाव के सहारे दो पहिया, साइकिल व अन्य छोटे वाहन को ले जाया जा सकता है। एक मोटरसाइकिल का किराया 20 रुपये और एक व्यक्ति का किराया 10 रुपये नाविक लेते हैं। जब तक यमुना नदी पर स्थाई पुल का निर्माण नहीं होता तब तक लोग व्यापारिक गतिविधियों के लिए नाव के सहारे ही रहते हैं।
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