लाइसेंस न परमिट, फर्राटा भर रही है बसें और अप्पे
बारा क्षेत्र के हाईवे एवं संपर्क मार्गों पर चलने वाले बसों, टैक्सी, टेंपो के पास न लाइसेंस है न परमिट। इसके बाद भी रोड पर धड़ल्ले से दौड़ रही है।...
बारा क्षेत्र के हाईवे एवं संपर्क मार्गों पर चलने वाले बसों, टैक्सी, टेंपो के पास न लाइसेंस है न परमिट। इसके बाद भी रोड पर धड़ल्ले से दौड़ रही है। निजी बसों के संचालन में सरकारी नियमों की अनदेखी की जा रही है। इसके कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है।
प्रयागराज से चाकघाट (रीवा) और चित्रकूट के अतिरिक्त क्षेत्र के अन्य संपर्क मार्गों पर निजी बसें, टेंपो और टैक्सी दौड़ती है। इनमें से अधिकांश वाहनों के पास रोड परमिट तक नहीं है। टेंपो और टैक्सी को नाबालिग लड़के तक चला रहे हैं। बारा तलसील मुख्यालय से जसरा, गौहनिया, घूरपुर, लालापुर, जसरा से चिल्ला गौहानी लालापुर, गौहनिया से कर्मा, जारी, जारी से कौंधियारा, बारा, नारीबारी से चाकघाट, शंकरगढ़, खीरी, लेड़ियारी, शिवराजपुर से शंकरगढ़, बरगढ़ सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में अप्पे, जीप, टैक्सी आदि फर्राटा भरती है। इनके लिए न तो कोई नियम है न कानून। क्षेत्रीयजनों के अनुसार स्थानीय दबंगों के बल पर वाहनों का संचालन किया जाता है। साथ ही इनको स्थानीय प्रशासन और परिवहन विभाग की ओर से हरी झंडी रहती है। इलाके में चलने वाली बसों में अग्निशमन यंत्र नहीं रहता है। न ही दुर्घटना आदि के समय के लिए उपचार के लिए फर्स्ट एड बाक्स।
नहीं चस्पा रहती किराया सूची, होती है मनमानी
बस, ऑटो सहित अन्य वाहन संचालकों की मनमानी इस कदर बढ़ी हुई है कि यात्रियों से मनमाना पैसा लिया जा रहा है। शासन का आदेश है कि रूट के हिसाब से किराया सूची चस्पा रहना चाहिए किंतु बहु संख्यक वाहनों में किराया सूची चस्पा नहीं है। इसी कारण यात्रियों के साथ विवाद भी होता है। बस चालकों व कंडक्टर द्वारा यात्रियों से गाली गलौच व अभद्र व्यवहार की शिकायतें आती रहती हैं किंतु पुलिस प्रशासन द्वारा यात्रियों की शिकायतें नहीं सुनी जाती हैं। इससे यात्री परेशान होते हैं।
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