बलिया में दर्जन भर बस्तियों में घुसा गंगा का पानी, वाराणसी में भी तटवर्ती इलाकों में मची खलबली
- बलिया और वाराणसी में गंगा के उफान से तटवर्ती इलाकों में खलबली मची हुई है। बलिया में जहां कई बस्तियों में गंगा का पानी पहुंच गया है। वहीं, वाराणसी में गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा के बाढ़ में एक मंजिल तक मकान डूब गए हैं।
बलिया और वाराणसी में गंगा के उफान से तटवर्ती इलाकों में खलबली मची हुई है। बलिया के गायघाट गेज पर गुरुवार देर रात गंगा मीडियम फ्लड को भी पार कर गईं। बाढ़ के पानी ने क्षेत्र की दर्जनभर बस्तियों को अपनी चपेटे में ले लिया है। जिन बस्तियों में पानी घुसा है, वहां अफरातफरी मची हुई है। वाराणसी में गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा किनारे की बस्तियों में पानी घुस गया है। लोग पलायन कर रहे हैं। हालांकि गंगा के पानी में बढ़ाव रुक गया है और धीमी गति से ही पानी में घटाव भी हो रहा है।
गायघाट गेज पर शुक्रवार सुबह 6 बजे गंगा का जल स्तर 58.700 मीटर पर पहुंच गया। खतरा बिंदु को पार कर चुकी नदी गुरुवार देर रात यहां अपनी मीडियम फ्लड 58.615 मीटर को भी पार कर गयी। हालांकि इसके बढ़ाव के रफ्तार में काफी कमी आ गयी है। फिलहाल दो घंटे के बीच एक सेमी का बढ़ाव हो रहा है।
बाढ़ का पानी सदर तहसील के बनिया व सोनार टोला रामगढ़, मझौवा मठिया, एनएच किनारे दक्षिण दिशा के जगछपरा, शुक्लछपरा, बेलहरी, गायघाट आदि के साथ ही बैरिया तहसील के सुघरछपरा, नदी पार के नौरंगा, भुआलछपरा गांव मे प्रवेश कर गया है।
उधर, प्राथमिक विद्यालय सुघरछपरा के भवन मे गुरुवार देर रात बाढ़ का पानी घुस गया। शुक्रवार को एहतियातन इसे बन्द कर दिया गया। उक्त भवन से चार विद्यालययों का संचालन होता है। खण्ड शिक्षा अधिकारी पंकज मिश्रा ने बताया कि क्लास रूम तक पानी घुस जाने के बाद इसे बन्द किया गया है। इसको जल्द ही अन्य स्थल पर समायोजित कर पठन-पाठन सुचारू किया जाएगा।
वहीं वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से वरुणा में पलट प्रवाह गुरुवार से ही शुरू हो गया था। इससे दानियालपुर, नक्खीघाट, सरैयां, कोनिया और पुलकोहना इलाके के लगभग सौ घरों में बाढ़ का पानी घुस गया। करीब चार दर्जन से अधिक मकानों के एक मंजिल डूब गए। लोग घरों से सामान ऊंचे और सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाने जुट गए हैं
सलारपुर और सरैया वार्ड के लगभग 111 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन्हें प्राथमिक विद्यालय सलारपुर और प्राथमिक विद्यालय सरैया राहत शिविर में शिफ्ट किया गया है। शिविरों पर राजस्व, चिकित्सा, पशुपालन और नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी को तैनात कर दिया गया है। एडीएम वित्त व राजस्व और आपदा प्रभारी वंदिता श्रीवास्तव ने बतायाकि प्रभावित लोगों को ताजा गर्म भोजन के साथ-साथ शुद्ध पेयजल, बच्चों के लिए दूध फल की भी व्यवस्था की गई है। गद्दा और प्रकाश की भी सुविधा दे दी गई है।
बताया कि जलस्तर में वृद्धि को देख 46 स्थायी औऱ पांच अस्थायी बाढ़ राहत शिविर को क्रियाशील कर दिया गया है। एनडीआरएफ और जल पुलिस को लगातार भ्रमण कर निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां 24 घंटे कर्मचारियों की तैनाती भी कर दी गई है।
बचाव में सभी विभाग साथ काम करें: कमिश्नर
वाराणसी के मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने गुरुवार को बाढ़ से बचाव के तैयारियों की समीक्षा की। आयुक्त सभागार में हुई बैठक में उन्होंने कहा कि राहत कार्य में लगे सभी विभाग मिलकर काम करें। ग्रामीण क्षेत्रों में जाल्हूपुर, शहर में नगवां, अस्सी घाट, सामनेघाट, मारुति नगर, कोनिया, सरैया में स्थित रैनबसेरों को तत्काल सक्रिय करते हुए प्रभावित लोगों को शिफ्ट करें। आश्रय स्थलों में पीने के पानी, शौचालयों की साफ-सफाई, बेड, चादर, खान-पान की सामाग्री की गुणवत्ता के साथ आपूर्ति हो। नगर निगम कोनिया से सारनाथ वाया कज्जाकपुरा सड़क पर सफाई अभियान चलाए। प्रभारी अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में डीपीआरओ, बीडीओ, एडीओ पंचायत, लेखपाल की जिम्मेदारी तय करें। बैठक में डीएम एस. राजलिंगम, अपर पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट एस चनप्पा, सीडीओ हिमांशु नागपाल, एडीएम एफआर वंदिता श्रीवास्तव समेत नगर निगम, लोक निर्माण, सिंचाई मौजूद रहे।