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यूपी में चल रहा 'सत्ता सजातीय को सब माफ़' का फ़ार्मूला, अखिलेश ने साधा सीएम योगी पर निशाना

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वाराणसी के एक सपा कार्यकर्ता और पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन पर हमले का मुद्दा उठाते हुए संकेतों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सजातीय आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।

Dinesh Rathour लखनऊ, भाषाTue, 29 April 2025 04:31 PM
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यूपी में चल रहा 'सत्ता सजातीय को सब माफ़' का फ़ार्मूला, अखिलेश ने साधा सीएम योगी पर निशाना

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वाराणसी के एक सपा कार्यकर्ता और पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन पर हमले का मुद्दा उठाते हुए संकेतों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सजातीय आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उप्र में 'सत्ता सजातीय को सब माफ़' का फ़ार्मूला चल रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा 'बनारस वाले जिन हरीश मिश्रा पर प्राणघातक हमला हुआ था, भाजपा सरकार ने उनको ही जेल भेज दिया था। उनको बाहर आने में कई दिन लगे। लेकिन दलित सांसद रामजी लाल सुमन पर जानलेवा हमले करने वाले 24 घंटे से पहले ही बाहर आ गए।

उन्होंने संकेतों में गोरखपुर में सपा के राष्ट्रीय सचिव विनय शंकर तिवारी के आवास (हाता) का जिक्र करते हुए कहा “एक तरफ़ 'हाता नहीं भाता' का फ़ार्मूला काम कर रहा था, तो दूसरे मामले में 'सत्ता सजातीय को सब माफ़' का फ़ार्मूला था।” बीते दिनों गोरखपुर जिले के पूर्व विधायक तिवारी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था। अखिलेश यादव ने आगे कहा “रामजी लाल सुमन के मामले में निलंबित किये गए पुलिस अधिकारी को यह सरकार कहीं पिछले दरवाज़े से बहाल करके, पदोन्नत करके पुरस्कार स्वरूप कोई और बड़ा पद न दे दे। उप्र में अन्यायराज है। वाराणसी में समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ता हरीश मिश्रा ने 12 अप्रैल को आरोप लगाया था कि करणी सेना के सदस्यों ने उसके घर के बाहर उस पर हमला किया। दोनों पक्षों की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई कर रही पुलिस का कहना है कि इस मामले में कोई भी व्यक्ति करणी सेना से संबद्ध नहीं है।

सपा कार्यकर्ता हरीश मिश्रा ने आरोप लगाया कि वह अपने घर के बाहर आशा महाविद्यालय के मोड़ पर खड़े थे, तभी उन पर कुछ लोगों ने चाकू से हमला कर दिया। उनके मुताबिक, शोर सुनकर स्थानीय लोग वहां पहुंचे, उन्हें बचाया और दोनों हमलावरों को पकड़ कर उनकी पिटाई की। मौके से पकड़े गए दो आरोपियों में से एक अविनाश मिश्रा ने कहा, ''मेरा किसी राजनीतिक दल या करणी सेना से कोई संबंध नहीं है। मैं मां करणी का पुजारी हूं। हरीश मिश्रा ने कुछ दिन पहले मां करणी के खिलाफ गलत बयान दिया था। पुलिस ने मामले में हरीश मिश्रा को भी गिरफ्तार किया था। मिश्रा सोमवार की शाम जिला जेल चौकाघाट से रिहा कर दिए गए। उन्हें गैर इरादतन हत्या के मामले में सिगरा थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

उधर, राणा सांगा के खिलाफ टिप्पणी को लेकर निशाने पर आये समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन के काफिले पर रविवार को अलीगढ़ और दिल्ली के बीच गभाना टोल बूथ पर कथित रूप से करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने टायर फेंके। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया और संबंधित चौकी प्रभारी समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संजीव सुमन ने बताया था कि सपा के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन के काफिले पर हुए हमले के मद्देनजर रविवार शाम पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में कृष्ण ठाकुर, सुमित ठाकुर, सुधीर ठाकुर, सचिन सिंह और भूपेंद्र शामिल हैं। अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में इन आरोपियों की रिहाई के बाद सरकार पर निशाना साधा और संकेतों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की क्षत्रिय जाति के लोगों को “सत्ता सजातीय” की उपमा देते हुए सरकार पर उन्हें सरंक्षण देने का आरोप लगाया।

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