इंदिरा गांधी के लिए विमान हाईजैक करने वाले भोला पांडे का निधन, क्रिकेट गेंद से दुनिया को किया था हैरान
- विमान को हाईजैक करने के बाद इंदिरा गांधी के करीबी बने कांग्रेस की राजनीति में चर्चित चेहरा रहे डॉ भोलानाथ पांडेय का शुक्रवार को लखनऊ स्थित उनके आवास पर निधन हो गया।
इंदिरा गांधी के लिए क्रिकेट के बाल से विमान को हाईजैक करने वाले भोला पांडे नहीं रहे। इसी हाईजैक कांड के बाद वह पूरी दुनिया में चर्चित हुए और इंदिरा गांधी के करीबी बने। इसके बाद कांग्रेस की राजनीति में तीन दशक तक खास नेता बने रहे डॉ भोलानाथ पांडेय का शुक्रवार को लखनऊ स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय से ही गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे भोला पांडेय 1980 से 1985 और 1989 से 1991 तक दो बार द्वाबा (अब बैरिया) के विधायक के साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव रहे। 71 वर्षीय भोला लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर आते ही द्वाबा समेत पूरे बलिया में शोक की लहर दौड़ गई। बड़ी संख्या में उनके शुभचिंतक अैर पार्टी कार्यकर्ता लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
बैरिया क्षेत्र के मुनिछपरा गांव निवासी डॉ. भोला पांडेय का जन्म 25 अक्तूबर 1973 को हुआ था। इंटर कॉलेज बैरिया और दूबेछपरा से शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने बीएचयू से स्नातक कर हिन्दी विषय में पीएचडी की उपाधि हासिल की। शुरू से ही कांग्रेस से जुड़ाव रखने वाले भोला 1980 में द्वाबा के उस समय के मजबूत नेता मैनेजर सिंह को हराकर पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद 1989 में दूसरी बार विधायक चुने गए। 1986 से 1990 तक आल इंडिया यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रहे। 1991 में उन्हें कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के पार्टी प्रभारी के रूप में उन्होंने लम्बे समय तक संगठन में कार्य किया।
क्रिकेट की गेंद से किया था विमान का अपहरण
केंद्र में जनता पार्टी की सरकार थी और मुरारजी देसाई प्रधानमंत्री थे। तब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 19 दिसम्बर 1978 को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। इसकी सूचना मिलने पर 21 वर्षीय डॉ भोला पांडेय और उनके एक अन्य साथी देवेन्द्र पांडेय ने 20 दिसम्बर 1978 को बोइंग 737 विमान का अपहरण कर लिया था। मजेदार बात यह कि भोला ने क्रिकेट की बॉल को रूमाल में लपेट लिया और उसे बम बताते हुए लखनऊ से दिल्ली जाने वाले विमान की वाराणसी में लैंडिंग करा दी। पूछताछ हुई तो उन्होंने इंदिरा गांधी को तत्काल रिहा करने की मांग रखी। इस घटना ने एक झटके में ही डॉ. भोला पांडेय को दुनिया का चर्चित चेहरा बना दिया और गांधी परिवार के लिए भी उनका दरवाजा हमेशा के लिए खुल गया। घटना के बाद डॉ. भोला जेल गए। बाहर निकले तो कांग्रेस ने टिकट थमा दिया और द्वाबा से पहली बार विधायक बन गए।
मेरी तो लाश कांग्रेस के झंडे में ही जाएगी
राजनीति के मौजूदा दौर में जब नेता समय का रुख भांपकर पलक झपकते पार्टी और उसके प्रति अपनी आस्था बदल देते हैं, डॉ. भोला कांग्रेस से हर क्षण जुड़े रहे। कई मौके आए, जब उन्हें विभिन्न दलों से ऑफर भी आए। वे चाहते तो वहां जाकर विधायक-सांसद बन सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किया। 2014 के चुनाव में डॉ. भोला पांडेय के दूसरे दल में जाने की चर्चा बहुत तेज हो गई थी। तब बलिया के चंद्रशेखर नगर स्थित उनके आवास पर मीडियाकर्मियों ने इस बावत सवाल पूछा। डॉ. भोला पांडेय ने जवाब दिया कि ‘मेरी तो लाश ही कांग्रेस के झंडे में लिपटकर जाएगी।’