Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़forest department caught a tiger from the Mala range of Pilibhit

पीलीभीत में पकड़ा गया आदमखोर बाघ, कई किसानों पर कर चुका था हमला, डर के मारे घर से नहीं निकल रहे थे ग्रामीण

  • पीलीभीत में आखिरखार आदमखोर बाघ पकड़ा गया। वन विभाग की टीम ने सोमवार को माला रेंज से पकड़ा। हालांकि इस बीच एक अन्य बाघ ने एक युवक पर हमला बोल दिया।

Pawan Kumar Sharma भाषा, पीलीभीतMon, 23 Sep 2024 05:47 PM
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उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व जंगल से सटे गांवों में कई किसानों की मौत का कारण बने आदमखोर बाघ को आखिरकार वन विभाग की टीम ने सोमवार तड़के माला रेंज में पकड़ लिया। बाघ के दहशत के कारण लोग घरों ने निकलना कम कर दिया था। हालांकि दूसरी ओर एक अन्य बाघ ने खेत में काम कर रहे एक किसान पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के उप निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम को सोमवार तड़के माला रेंज में बाघ की मौजूदगी की खबर मिली थी। टीम ने सुबह करीब पांच बजे बाघ को 'ट्रैंकुलाइज' करके पिंजड़े में कैद कर लिया गया है। वन विभाग के अनुसार पकड़ा गया बाघ माला रेंज के जंगल से बाहर आकर बांसखेड़ा और रानीगंज गांवों में किसानों पर हमला कर रहा था। इसके हमले में तीन किसानों की मौत हो गयी थी। इसके अलावा कई अन्य घायल हुए थे।

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उप निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्णय के आधार पर यह तय किया जाएगा कि बाघ को जंगल में वापस छोड़ा जाएगा या किसी चिड़ियाघर भेजा जाएगा। हालांकि इस बीच, सोमवार को ही माधोटांडा थाना क्षेत्र के शारदा सागर बांध के पास जंगल से बाहर निकले एक बाघ ने खेत में काम कर रहे किसान सुजीत राय पर हमला कर उसे घायल कर दिया। उसे गम्भीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सीतापुर में बाघ ने गोवंश को बनाया शिकार

करीब एक सप्ताह बाद फिर बाघ ने गोवंश को अपना शिकार बनाया। एक गांव के बाहर आवारा सांड पर हमला कर उसे खेत में खींच ले गया जहां पर उसको अपना निवाला बनाया। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कांबिंग की। अधिकारियों के मुताबिक गोवंश के गर्दन में बाघ के गहने दांतों के निशान मिले हैं। 

वन क्षेत्र महोली के गांव श्यामजीरा में शनिवार की भोर बाघ ने एक आवारा सांड का शिकार किया। गांव से दूर जंगली जानवर द्वारा अपने शिकार को जबड़े में जकड़ कर खेतों में ले जाया गया। जहां उसने अपनी भूख मिटाई। ग्रामीणों की सूचना पर वन दरोगा संतराम, वनकर्मी विनीत कुमार मौके पर पहुंचे। वन विभाग की टीम ने कांबिंग की। वन दरोगा संतराम के मुताबिक बाघ के कोई ताजा पगचिन्ह नहीं मिले हैं। उन्होंने बताया कि सांड की गर्दन पर गहरे दांतों के निशान बाघ के ही प्रतीत होते हैं।

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