फूलों की खेती ने बनाया इस इंजीनियर को मिलिनियर
- इंजीनियरिंग छोड़ बागवानी अपनाने वाले आसिफ अजीज सालाना 20 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं
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महंगाई के बीच जहां किसान खेती से मुंह मोड़ रहे हैं। वहीं, युवा इंजीनियर ने अच्छी नौकरी को छोड़कर खेती की तरफ रुख किया। मिट्टी की महक उसे गांव खींच लाई। आज वह किसानों के लिए नजीर बन चुके हैं।
पाली हाउस बनाकर वह 1.5 लाख रुपये प्रति माह तक कमा रहे हैं। इसके साथ ही गेंदा, गुलाब और सीजन की सब्जी की खेती करके वह तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। किसानों को गेहूं और धान की फसल से हटकर खेती करके आय को बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। श्रावस्ती जनपद के जमुनहा क्षेत्र के नदईडीह निवासी आसिफ अजीज सिद्दीकी ने सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक व प्रबंधन में परास्नातक करने के बाद डीडीए (दिल्ली डेवलपमेंट अथारिटी) इंजीनियरिंग की नौकरी करने लगे। कुछ समय बाद अपने साथ अन्य लोगों को रोजगार देने और मिट्टी की महक उन्हें गांव की ओर खींच लाई। उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ दी और वापस अपने गांव आ गए। वर्ष 2015 में अपने क्षेत्र में पॉलीहाउस का निर्माण कराया और यहीं से उनकी तरक्की की राह आगे चल पड़ी। पाली हाउस में उन्होंने हॉलैंड के जरबेरा से फूल की खेती शुरू की। पहली बार उगाए गए जरबेरा के फूल लखनऊ की मंडी में हाथोंहाथ बिक गए और काफी मुनाफा भी हुआ। इसके बाद आसिफ ने जरबेरा की खेती को अपने आय का जरिए बना लिया और पीछे मुड़कर नहीं देखा। जरबेरा की खेती से वह हर साल 18 से 20 लाख रुपए कमाने लगे। धीरे धीरे जरबेरा के साथ ही वह गुलाब, गुलदाउदी, गेंदा, जिप्सोफिला, लिमोनियम और कामिनी के फूलों की खेती भी करने लगे। इससे उनकी आय का दायरा बढ़ता गया।
अन्य उत्पादन में भी मिली सफलता, किसानों के लिए बने मिसाल
आसिफ अजीज सिद्दीकी अब किसानों के लिए एक मिसाल बन चुके हैं। फूलों को खेती के साथ ही उन्हें ने अन्य फसलों की उत्पादन में भी नाम कमाया है। आसिफ ने ड्रेगनफ्रूट, आम, लीची, अमरूद, स्ट्राबेरी, पपीता, विदेशी तरबूज, विदेशी खरबूजा आदि उन्नतिशील किस्मों की खेती कर रहे हैं। साथ ही औषधीय गुणों वाले लेमनग्रास, तुलसी और सहजन का भी उत्पन कर रहे हैं। इससे भी उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है।
किसानी में अब तक मिल चुका है कई पुरस्कार
कृषि में नवीन तकनीक के उत्कृष्ट प्रयोग के लिए आसिफ को अब तक देश में ही नहीं विदेश में भी कई पुरस्कार व सम्मान मिल चुके हैं। वर्ष 2023- 24 में चौधरी चरण सिंह किसान सम्मान कार्यक्रम दूसरा स्थान मिला। नेपाल राष्ट्र के काठमांडू में वर्ष 2016 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में आसिफ के जरबेरा फूल को पहला स्थान मिल चुका है। 2024 में लखनऊ के गवर्नर हाउस में आयोजित प्रदर्शनी में पीला जरबेरा, गुलाबी जरबेरा, स्ट्राबेरी के बेहतर क्वालिटी के लिए पहला पुरस्कार मिला था। 2022 में रंगीन गोभी के लिए गवर्नर हाउस लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में पहला पुरस्कार मिल चुका ही।