5 कत्ल और किसी ने चीख तक नहीं सुनी, मां-बच्चों की हत्या कर बेड में बंद कर दीं लाशें
- क्रूर कातिल ने बेरहमी से पति-पत्नी और तीन बच्चों की बेरहमी से हत्या कर डाली। कातिल का वहशीपन इतने पर ही नहीं रुका। हत्यारे ने आसमा और उसके बच्चों की लाशों को उठाकर बोरों में बांधकर दीवान बेड में बंद कर दिया। एक चादर में मोईन की लाश को बांध दिया और उसे फर्श पर ही छोड़ दिया।
यूपी के मेरठ के सुहैल गार्डन में बुधवार रात को मोईन और उसके परिवार के पांच लोगों की धारदार हथियार से काटकर हत्या की गई और मोहल्ले में किसी ने एक चीख तक नहीं सुनी। इतना बड़ा हत्याकांड हो गया और पड़ोसियों तक को कोई खबर नहीं लगी। क्रूर कातिल ने बेरहमी से पति-पत्नी और तीन बच्चों की बेरहमी से हत्या कर डाली। कातिल का वहशीपन इतने पर ही नहीं रुका। हत्यारे ने आसमा और उसके बच्चों की लाशों को उठाकर बोरों में बांधकर दीवान बेड में बंद कर दिया। एक चादर में मोईन की लाश को बांध दिया था और फर्श पर ही छोड़ दिया था। हैरानी की बात ये भी है कि मोहल्ले के किसी भी आदमी ने मोईन के घर पर किसी अन्य व्यक्ति को आते-जाते नहीं देखा। ऐसे में पांच लोगों की हत्या पुलिस के लिए चुनौती है।
मेरठ के बिजली बंबा बाईपास से सुहैल गार्डन के लिए एक छोटा रास्ता जाता है। सुहैल गार्डन के उबड़-खाबड़ और कीचड़ भरी गलियों से होते हुए सुहैल के घर तक रास्ता जाता है। मोईन पूर्व में अपने भाइयों के साथ रुड़की में रह रहा था और दो माह पूर्व ही मेरठ आया था। मोईन जिस मकान में किराये पर रह रहा था, उससे चंद कदम आगे ही अपना मकान बना रहा था। इस मकान पर बुधवार को लेंटर डाला गया था और मोईन की पत्नी आसमा ने मोहल्ले भर में लड्डू बांटे थे। पूरा परिवार अपना खुद का मकान बनने पर खुश था।
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लाशों को कहीं और ठिकाने लगाने की थी तैयारी
क्राइम सीन देखकर ऐसा लग रहा है कि इन लाशों को कहीं ओर ले जाकर ठिकाने लगाने की तैयारी थी। हालांकि बात नहीं बनी और कातिल मकान के गेट पर बाहर से ताला लगाकर फरार हो गया। सुहैल गार्डन गुरुवार रात को एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या से थर्रा गया। पुलिस के तमाम आला अफसर सुहैल गार्डन में मोईन के मकान के बाहर खड़े थे। विभत्स और दुस्साहसिक वारदात का क्राइम सीन देखने वाले कई पुलिसकर्मियों का चेहरा पीला पड़ गया था। ज्यादातर लोगों का मानना है कि इस नरसंहार को दो लोगों ने अंजाम दिया होगा।
हत्या करने वाले मोईन के जानने वाले हो सके हैं, चूंकि बिना किसी विरोध के घर में एंट्री की थी। घर के दरवाजे पर जबरन अंदर घुसने का कोई निशान नहीं मिला है। ऐसे में साफ है कि परिचित ने ही मोईन, उसकी पत्नी और तीनों बेटियों अक्शा, अजीजा और अदीबा की हत्या की। किसी को बचकर भागने तक का मौका नहीं दिया।
एक कमरे का मकान
किराये के जिस मकान में मोईन परिवार के साथ रह रहा था, उसमें एक गेट लगा है। गेट के बराबर में ही लोहे का शटर लगा हुआ है, जो बंद रहता है। इसके बाद अंदर एक बड़ा कमरा ही है। इसी में एक ओर रसोई है, जबकि दूसरी ओर दीवान बेड और बाकी कपड़े रखे हैं। कमरे से छत पर जाने के लिए एक ओर सीढ़ियां भी बनी हुई हैं। मकान में कोई अलग से कमरा नहीं है। इसी मकान में अंदर कोई वारदात होगी तो बाहर पता चल सकता है, लेकिन पांच लोगों की हत्या में किसी को कोई खबर नहीं हुई। बुधवार रात करीब नौ बजे मोईन और उसके परिवार को आखिरी बार जिंदा देखा था। ऐसे में साफ है कि इसके बाद ही कातिल घर में दाखिल हुआ।
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आखिरी बार नजराना से हुई थी मुलाकात
मोईन के छोटे भाई अमजद की पत्नी नजराना बुधवार देरशाम 7.30 बजे मोईन के घर गई थी। मोईन की दो बेटियां अदीबा और अजीजा दोनों बीमार थी और उन्हें डॉक्टर को दिखाकर दवा दिलाकर लाए थे। करीब पौने आठ बजे नजराना वापस आ गई थी। बताया कि सुबह करीब नौ बजे जब मोईन के घर पहुंचे तो वहां मुख्य गेट पर ताला लगा मिला था। पुलिस ने नजराना के बयान दर्ज किए हैं।
आसमा के परिजन पहुंचे मेरठ
आसमा के भाई शफीक और बाकी परिजन रात को मेरठ पहुंच गए। इस दौरान कुछ लोगों ने ऐलान कर दिया कि जब तक कातिलों का एनकाउंटर नहीं होता, मृतकों का दफीना नहीं होने देंगे। इसके बाद पुलिस ने लोगों को समझा कर शांत कराया। था।