वाराणसी में पहली बार महाशिवरात्रि के अगले दिन निकलेगी शिवबारात, प्रशासन के अनुरोध पर फैसला
वाराणसी में महाशिवरात्रि के मौके पर निकलने वाली शिव बारात इस बार अगले दिन निकलेगी। महाकुंभ की भीड़ के कारण प्रशासन के अनुरोध पर बारात समिति ने यह फैसला लिया है।
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काशी में महाशिवरात्रि पर निकलने वाली प्रधान शिव बारात में पहली बार एक दिन बाद निकाली जाएगी। महाकुंभ से भीड़ के पलट प्रवाह को देखते हुए जिला प्रशासन के अनुरोध पर चार दशक पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए बारात महाशिवरात्रि के अगले दिन 27 फरवरी को निकालने का फैसला हुआ है। भगवान शिव और पार्वती के विवाह को दर्शाने वाला यह आयोजन 43 सालों से महाशिवरात्रि के दिन ही होता आया है। प्रशासन के अनुरोध के बाद हुए इस फैसले से राजनीतिक विवाद भी खड़ा हो गया है। वाराणसी के ही रहने वाले उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने इसे शहर की परंपराओं पर हमला बताया है। अजय राय ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शहर की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत में हस्तक्षेप कर रही है।
अजय राय ने कहा कि काशी की पहचान रही विश्व प्रसिद्ध शिव बारात को प्रशासनिक दबाव में टाला जा रहा है। इसकी तारीख बदलना हमारी पवित्र परंपराओं का उल्लंघन है। उन्होंने वाराणसी से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें और परंपरा का पालन सुनिश्चित कराया जाए।
अजय राय ने कहा कि जिस दिन शादी होगी उस दिन बारात नहीं निकाली जा रही है। शादी के बाद बारात निकाली जाएगी। यह सनातन धर्म का अपमान है। भगवान शिव का अपमान है। इस परंपरा को जारी रखना चाहिए। योगी सरकार इस पुरानी परंपरा को ध्वस्त न करे, यही अनुरोध है।
वहीं, शिव बारात समिति के संरक्षक मंडल के सदस्यों प्रमुख उद्यमी आरके चौधरी, दीपक बजाज, गौरव अग्रवाल, संतोषी शुक्ला, दिलीप सिंह, महेश माहेश्वरी आदि ने संयुक्त रूप से बताया कि बारात शाम 6 बजे दारानगर स्थित महामृत्युंजय मंदिर से आरंभ होकर विभिन्न मार्गों से होती दशाश्वमेध स्थित चितरंजन पार्क पहुंचेगी। वहां कन्या पक्ष की ओर से बारातियों का स्वागत बनारसी ठंडई और भांग से किया जाएगा।
कहा कि बाबा विश्वनाथ की बारात के विश्वव्यापी प्रचार प्रसार का परिणाम है कि आठ विदेशी बालाएं बाबा के गणरूप में बारात में शामिल होंगी। इनमें यूक्रेन की यूलिया, ऐलोना, आइरीना, ओलेना, नेटलिया, ओल्हाजुबैदा, जर्मनी की डारिया और यूके की टेंटीना हैं।
इस वर्ष बारात का मुख्य आकर्षण महाकुंभ पर केंद्रित झांकी भी होगी। बारात के स्वागत में खड़ी जनता पर त्रिवेणी से मंगाए गए एक टैंकर जल की बौछार की जाएगी। लाइट एण्ड साउंस सिस्टम पर आधारित मसाने की होली की झांकी भी आकर्षण बनेगी। बारात के संयोजक दिलीप सिंह ने बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि शहर में कुछ लोग प्रधान शिवबारात के नाम पर चंदा उगाही कर रहे हैं। शिव बारात का बीते 43 वर्षों का इतिहास है कि कभी भी बारात के नाम पर किसी से चंदा नहीं लिया गया है।