Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़first punishment in up second in the country under the new law process completed on 29th day

नए कानून के तहत यूपी में पहली, देश में दूसरी सजा; 29वें दिन पूरी हुई प्रक्रिया

  • मानसिक रूप से कमजोर 11 साल की बच्‍ची घर के बाहर चारपाई पर बैठी थी। तभी नामजद पड़ोसी मोहल्ला सराय तोताराम का भारत भूषण उर्फ सोनू वहां आया और टॉफी के लिए बच्ची को दस रुपये देकर उससे अश्लील हरकत करने लगा। वह उसे अपने घर ले गया। वहीं उसके साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया।

Ajay Singh लाइव हिन्दुस्तानSun, 20 Oct 2024 09:28 AM
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First punishment in UP under the new law: भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत दर्ज दुष्कर्म के मुकदमे में दीवानी कोर्ट से प्रदेश में पहली सजा सुनाए जाने का रिकार्ड जिले से बनाया गया है। साथ में यह देश में दूसरी सजा का रिकार्ड है। प्रकरण अतरौली में मानसिक कमजोर बच्ची संग दुष्कर्म का है। जिसमें एडीजे विशेष पॉक्सो सुरेंद्र मोहन सहाय की अदालत से दोषी को 29वें दिन बीस वर्ष कैद व पचास हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जिसमें से चालीस हजार रुपये पीड़ित को देने के आदेश दिए हैं।

अभियोजन अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक महेश सिंह के अनुसार घटना बीएनएस लागू होने के बाद 19 जुलाई की दोपहर की है। वादी मुकदमा के अनुसार वह पास के गांव का रहने वाला है और मजदूरी के लिए परिवार को लेकर कस्बे में किराये पर रहता है। वादी की 11 वर्ष की बेटी मानसिक रूप से कमजोर है। वह घर के बाहर चारपाई पर बैठी थी। तभी नामजद पड़ोसी मोहल्ला सराय तोताराम का भारत भूषण उर्फ सोनू वहां आया और टॉफी के लिए बच्ची को दस रुपये देकर उससे अश्लील हरकत करने लगा। वह उसे अपने घर ले गया।

वहीं उसके साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया। इसी बीच पड़ोसी ने अपनी छत से आरोपी को यह हरकत करते देखा तो पहले तो उसने वीडियो बनाई और फिर दौड़कर पकड़ने का प्रयास किया तो आरोपी भाग गया। बाद में बच्ची ने अपने घर जाकर अपनी मां को वाकया बताया। शाम को पिता के घर आने पर उसे वाकया बताया और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मुकदमे के आधार पर मेडिकल परीक्षण व चार्जशीट आदि की प्रक्रिया पूरी की। न्यायालय में ट्रायल शुरू हुआ। सत्रपरीक्षण के दौरान साक्ष्यों व गवाही के आधार पर सजा सुनाई गई है।

29वें दिन ऐसे पूरा हुआ सजा का क्रम

19 जुलाई की घटना में मुकदमे के आधार पर गिरफ्तारी व चार्जशीट की प्रक्रिया पूरी हुई। अदालत में 21 सितंबर को आरोप तय होकर ट्रायल शुरू हुआ। इसके बाद 23 सितंबर को वादी व पीड़ित की गवाही, 24 सितंबर को पीड़ित की मां की गवाही, 25 सितंबर को मुकदमा लेखक की गवाही, 30 सितंबर को वीडियो बनाने वाले चश्मदीद की गवाही, 1 अक्तूबर को डॉ.नाजिया की गवाही, 3 अक्तूबर को विवेचक एसओ की गवाही, 5 अक्तूबर को आरोपी के बयान, 10 अक्तूबर को आरोपी के मौखिक साक्ष्य पेश, 14 अक्तूबर को अंतिम बहस और 19 अक्तूबर को सजा।

न्‍यायालय ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि आरोपी को दुष्कर्म व पॉक्सो दोनों धाराओं में दोषी किया गया है। मगर दुष्कर्म व पॉक्सो में एक समान सजा का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के अनुसार सिर्फ पॉक्सो में सजा सुनाई गई है।

क्‍या बोले विशेष लोक अभियोजक

विशेष लोक अभियोजक महेश सिंह ने कहा कि मुकदमे में सभी सात गवाहों ने मजबूत गवाही दी है। सबसे मजबूत साक्ष्य चश्मदीद द्वारा बनाया गया वीडियो माना गया है। जिसके आधार पर अदालत ने अधिकतम सजा सुनाई है।

प्रदेश में पहली सजा

संयुक्‍त निदेशक अभियोजना संतोष उपाध्‍याय ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता के तहत यह सजा प्रदेश में पहली सजा का रिकार्ड दर्ज कर रही है। साथ में देश में दूसरी सजा का रिकार्ड बनाया है। यह शासन से मिशन शक्ति में चयनित मुकदमा भी था।

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