तहसील में वकीलों के वाहनों के चालान काटने पर हंगामा
तहसील परिसर में पुलिस ने आड़ी-तिरछी खड़ी बाइकों के खिलाफ अभियान चलाया। इससे वकीलों के वाहनों के चालान कटने पर उन्होंने गुस्सा जताते हुए हंगामा किया। अधिवक्ताओं ने पुलिस की कार्यवाई का विरोध किया। बाद...
तहसील परिसर में पुलिस ने आड़ी-तिरछी खड़ी बाइकों के खिलाफ अभियान चलाया। इससे वकीलों के वाहनों के चालान कटने पर उन्होंने गुस्सा जताते हुए हंगामा किया। अधिवक्ताओं ने पुलिस की कार्यवाई का विरोध किया। बाद में मामला रफा-दफा हो गया।
तहसील परिसर में आने वाले फरियादी दुपहिया वाहनों को आड़ा तिरछा खड़ा कर देने से वहां लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखकर एसडीएम ने पुलिस से फरियादियों के वाहनों के खिलाफ कार्यवाई के आदेश दिए। शुक्रवार शाम जब पुलिस बाइकों के चालान काटने लगी तो कुछ अधिवक्ताओं के दुपहिया वाहनों के चालान काट दिए। इससे अधिवक्ताओं में आक्रोश फैल गया। अधिवक्ताओं ने हंगामा काटना शुरू कर दिया। अधिवक्ता अशोक यादव ने कहा कि किस कानून के तहत तहसील परिसर में वाहनों के चालान काटे जा रहे हैं। इस पर पुलिस ने बताया कि एसडीएम के आदेश पर कार्यवाई की जा रही है। अधिवक्ताओं ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि अगर हमारे कारण व्यवस्था बदल रही है तो अन्य अधिकारियों की गाड़ी भी केवल पार्किंग में खड़ी होनी चाहिए। कानून सबके लिए समान होना चाहिए। अधिवक्ताओं के वाहन शासन द्वारा तय स्थान पर ही खड़े होते हैं। कई नेताओं के वाहन भी आकर परिसर में खड़े होते हैं उन पर कार्यवाई क्यों नहीं की जाती है। मामला अधिवक्ताओं से जुड़ा होने के चलते विवाद बढ़ते ही पुलिस वहां से चली गई।
इस बारे में एसडीएम एकता सिंह का कहना है कि अधिवक्ताओं से बातचीत हुई थी कि अधिवक्ताओं की बाइक स्टैंड में खडी हों। अन्य लोगों के वाहन अगर सार्वजनिक स्टैंड से अलग खड़े होंगे तो कार्यवाई करें। पुलिस ने उसी के चलते कार्यवाई की थी। कोई विवाद नहीं है। प्रकरण हल हो गया है।
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