नगर निगम के करोड़ों के मार्गों को जांच की दरकार
जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने हाईवे के 16 करोड़ से हो रहे निर्माणों को लेकर जांच बिठाई तो पहले दिन ही गोलमाल सामने आ गया। इसी तरह अगर निगम के...
जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने हाईवे के 16 करोड़ से हो रहे निर्माणों को लेकर जांच बिठाई तो पहले दिन ही गोलमाल सामने आ गया। इसी तरह अगर निगम के करोड़ों रुपये से बनीं सड़कों की जांच हो जाए तो यहां भी गुणवत्ता की पोल खुलकर सामने आ जाएगी।
ठेकेदारों द्वारा नगर निगम के निर्माण कार्यों को मनमानी से किया गया है। नगला बरी से शहर की ओर जाने वाले मार्ग पर पट्टी नहीं लगाने, लाइटिंग नहीं लगाने की कुछ महीने पहले शिकायत हुई थी तो वहीं मुख्य सदर बाजार से होकर बन रहे एक करोड़ से ज्यादा की धनराशि के मार्ग को लेकर व्यापारी संगठन खराब कार्य, सड़क की गलत लम्बाई को लेकर हंगामा भी कर चुके हैं। शिकायतों को लेकर नगर निगम में व्यापारियों की बैठकें भी हुईं लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति हो गई। अगर बात पॉश कॉलोनियों की करें तो यहां भी ठेकेदारों ने अपनी मनमानी दिखाने से कदम पीछे नहीं किए। गणेश नगर में मार्ग बना दिया लेकिन यहां सफेद पट्टी नहीं बनाई। कुछ जगह सड़क में लाइट लगनी थीं वे भी नहीं लगी हैं।
डीएम साहब आप करा दो जांच
लोगों का धन लोगों के बीच में तो लग रहा है लेकिन गुणवत्ता सही नहीं होने से कुछ ही साल में फिर टेंडर कर दिए जाते हैं। कमीशन के चलते कोई आवाज नहीं उठा पाता। पार्षदों द्वारा भी अब गुणवत्ता को लेकर सवाल करने कम हो गए हैं। तमाम ठेकेदारों को पार्षदों का ही संरक्षण मिला है या कई ठेके पार्षदों के द्वारा भी अपनों को दिला दिए जाते हैं।
ठेकेदारों द्वारा काम की गुणवत्ता को प्रभावित करके कार्य कराए गए हैं तो इसकी जांच होगी। पट्टी और कैट आई की लाइटें नहीं लगाई हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी। कुछ मार्गों की जानकारी है उन ठेकेदारों को निर्देश दिए हैं। जिन मार्गों पर कमी होगी उन कार्यों को पूरा कराया जाएगा।
- नूतन राठौर, मेयर
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