बोले फिरोजाबाद: जायरीन की मुश्किल आसान करे हुकूमत
Firozabad News - फिरोजाबाद में हज यात्रा को लेकर सरकार द्वारा नियमों में बदलाव से यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। यात्रियों को एक समान किराए पर अलग-अलग क्लास की सीटें मिल रही हैं। पहले सरकार विदेशी मुद्रा की व्यवस्था...

फिरोजाबाद। हज यात्रा को लेकर सरकार द्वारा जो नियमों में बदलाव किया है उससे हज यात्रियों की परेशानी बढ़ी है। फ्लाइट में सफर के दौरान एक जैसा किराया देने के बाद भी किस यात्री को इकनोमी में सीट मिलेगी और किसको बिजिनेस क्लास में जगह दी जाएगी पता नहीं चलता। दोनों अलग अलग होने से यात्रियों के अंदर हीन भावना भी आती है कि एक जैसा किराया देने के बाद भी किसी को वीआईपी जैसी सुविधा मिल जाती है और किसी को सामान्य सीट। इसके अलावा विदेशी मुद्रा यानी रियाल के लिए भी बैंकों में भटकना पड़ जाता है। पहले यह सुविधा सरकार द्वारा ही मुहैया करा दी जाती थी। भारतीय मुद्रा का एक हिस्सा रियाल में चेंज करके दिया जाता था लेकिन अब लाइन में लगकर इसको बुजुर्ग यात्रियों को भी बदलवाना पड़ जाता है। यहां तक कि मेडिकल स्क्रीनिंग और टीकाकरण दोनों अलग अलग तिथियों में कराए जाते हैं। केंद्र पर हज यात्रियों को यात्रा से पहले दो बार बुलाया जाता है। जबकि इन दोनों को एक साथ कराया जा सकता है। इससे समय की बचत होगी और एक ही बार में दोनों ट्रेनिंग हो सकती हैं।
नौकरी पेशा वालों को जल्दी लौटाया जाए:हज यात्रियों का कहना है कि जब वे हज यात्रा पर जाते हैं तो यात्रा का समय 40 या 45 दिन का होता है। ऐसे में जब कोई अपनी हज यात्रा को 20 से 25 दिन में पुरा कर लेता है या 30 दिन में पूरा कर लेता है तो उसको अन्य 10 से 15 दिनों तक रुकना बाध्यता में आ जाता है। अगर सरकार चाहे तो हज यात्रा के दिनों में बदलाव कर सकता है। इससे नौकरी पेशा लोग जल्दी हज यात्रा से लौटकर आ सकते हैं।
रहने की व्यवस्था पहले जैसी की जाए:हज यात्रियों ने बताया कि पहले हज यात्रा पर जाने के बाद हज यात्रियों को ए, बी और सी क्लास की कैटेगरी में कमरे दिए जाते थे। इससे जो अपनी सहूलियत से कमरों का किराया देता था उसी सुविधा से कमरे मिल जाते थे। अब एक ही जैसे कमरे कर दिए हैं। कैटेगरी को खत्म कर दिया है। अच्छे होटल अब नहीं मिल पाते हैं। सामान्य तरीके से ही कमरे दिए जाते हैं जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ जाता है। इस ओर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।
पहले सरकार द्वारा रियाल दी जाती थी। भारतीय मुद्रा को रियाल में बदलने की सहूलियत मिल जाती थी अब इस सहूलियत को भी नहीं दिया जा रहा। बैंकों में जाकर खुद ही इसकी व्यवस्था करनी पड़ती है।
-सन्नो, मदीना कालोनी
हज यात्रियों को सरकार द्वारा ही विदेशी मुद्रा दी जानी चाहिए। इससे यात्रियों को दिक्कत नहीं आएगी। यात्रियों को इस विदेशी मुद्रा को एकत्रित करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ जाती है।
-माही, शिकोहाबाद
रियाल और विदेशी मुद्रा को लेने के लिए सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों को आती है। वे बैंकों के चक्कर काटते रहते हैं। आखिर सरकार द्वारा ही इसकी पहले की तरह व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है।
-बेबी नसीम, मक्का कालोनी
मेडिकल स्क्रीनिंग और टीकाकरण का कार्य अलग अलग किया जाता है जबकि इसको एक बार में किया जा सकता है। अलग अलग की व्यवस्था के चलते लोगों को दो बार केंद्र पर चक्कर लगाने पड़ जाते हैं।
-जहीर, मदीना कालोनी
इंटीमेशन कार्ड की व्यवस्था के बारे में जानकारी नहीं होती है। लोगों को आन लाइन में परेशानी आती है। इसलिए इस व्यवस्था को और सहूलियत वाला बनाना चाहिए ताकि परेशानी से बचा जा सकेगा।
-अब्दुल वाहिद, जाटवपु
जमजम का पवित्र जल लाने के लिए भी नियम बना दिया है। पहले 10 लीटर तक जमजम लाया जा सकता था लेकिन अब पांच लीटर ही लाया जा सकता है। इसको लेकर पुराना नियम बनाया जाना चाहिए।
-रहूफ अहमद, बड़ी छपैटी
मक्का में अच्छे होटलों को लेकर भी दिक्कतें आती हैं। पहले ए, बी और सी कैटेगरी से होटलों को दिया जाता था। अब इन होटलों को एक समान कर दिया है। लोगों को अच्छे होटल नहीं मिल पाते।
-मुबारक खान, मोहम्मदी
हज यात्रियों को हज पर जाने को जिस जिले से भेजा जाता है वहां से वाहन की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रशासन को ये इंतजाम करना चाहिए। कई बार लोग जाम में फंस जाते हैं और फ्लाइट मिस हो जाती है।
-रुकखाना बेगम
फ्लाइट में जाते समय जो भेदभाव हो जाता है वह गलत है। या तो सभी को इकनोमी क्लास वाली फ्लाइट से भेजा जाए या फिर विजिनेस क्लास वाली फ्लाइट से। इसलिए सरकार को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।
-आयशा बेगम
हज यात्रियों के लिए दो बार में ट्रेनिंग की बजाए एक बार की ट्रेनिंग होनी चाहिए। इससे वे एक बार में ही अपने काम को खत्म कर सकते हैं। दो बार आने जाने में कई बार दिक्कतें आ जीता हैं। टीकाकरण और ट्रेनिंग दोनों एक साथ हों।
-यासमीन
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