बिजली है न पानी, अंधियारे में डूबी प्रकाश नगर की जिंदगानी
Firozabad News - फिरोजाबाद के बंबा बाईपास प्रकाश नगर में हजारों की आबादी और सैकड़ों परिवारों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। बरसात में गंदा पानी घरों में भर जाता है, जबकि नगर निगम ने कोई सुधार नहीं किया है। नेता केवल...

फ़िरोज़ाबाद। यह कहानी है बंबा बाईपास प्रकाश नगर की। हजारों की आबादी एवं सैकड़ों परिवार वाला यह क्षेत्र निगम में तो आ गया, लेकिन हालात गांव से भी बदतर हैं। गांव में घरों का पानी नालियों के जरिए निकासी पर पूरा प्रशासन जुटा हुआ है। शॉक पिट तक बनवाए जा रहे हैं तो अधिकारी इसका निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन निगम के ही एक वार्ड का हिस्सा कहे जाने वाले इस क्षेत्र में नालियां ही नहीं। घरों से निकलने वाला गंदा पानी बाहर खुले गड्ढों में एकत्र हो रहा है तो जहां पर यह गड्ढे लीक कर जाएं तो सड़क पर फैलने लगता है। यह गड्ढे भी लोगों द्वारा खुद ही खोदे गए हैं, ताकि कच्ची गली में इस पानी के बहने से कीचड़ जैसी स्थिति नहीं रहे। कई बार कच्ची गली में इस तरह से पानी बह जाने से रास्ता निकलना मुश्किल होता है तो अन्य लोगों से झगड़े की नौबत भी आती है। गड्ढों में भरे गंदे पानी की निकासी भी लोग खुद ही मोटर एवं पाइप लगाकर आसपास के खाली प्लॉट में कर देते हैं, क्योंकि निगम ने यहां पर कोई संसाधन नहीं दिए हैं। हिन्दुस्तान के बोले फिरोजाबाद के तहत जब क्षेत्र की महिलाएं समस्याएं बताने के लिए जुटी तो नेताओं के प्रति भी आक्रोश दिखाई दिया।
हर बार वोट लेने के लिए नेता न जाने कितने ही वायदे करते हैं, लेकिन आज तक जीतने के बाद किसी जनप्रतिनिधि ने क्षेत्र की एक भी समस्या के निदान के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई। कई तो लौटकर क्षेत्र में ही नहीं आए। बरसात आते ही क्षेत्रीयजनों की धड़कनें बढ़ने लगती हैं। कई परिवारों को तो अपने खुद के मकान में ताला डाल कर जरूरी सामान लेकर किराए के मकान में रहना पड़ता है, ताकि जिंदगानी चलती रहे। निगम की लापरवाही से बरसात में यहां जिंदगानी प्रभावित होती है तो इन मजदूर परिवारों का कई दिन का रोजगार भी प्रभावित।
यह दर्द गहरा है
क्षेत्र में तो समस्याएं ही समस्याएं हैं। बरसात में तो कमर तक पानी भर जाता है। अब मकान यहां पर बनवा लिया है तो झेलना पड़ता है। कई-कई दिन घर में ही कैद जैसी स्थिति हो जाती है या फिर कहीं अन्यत्र पनाह लेनी पड़ती है। -प्रेमवती
नाले का पूरा पानी हमारे क्षेत्र में ही आता है। निगम ने भी न जाने कैसा विकास कराया है, आस-पास सब ऊंचा कराते वक्त यह भी नहीं सोचा कि इन घरों में जो रह रहे हैं, वह किस हाल में रहेंगे। कम से कम विकास समान रूप से कराना चाहिए।
-वीनेश कुमारी
बगैर बरसात के ही यहां पर पानी की स्थिति रहती है। लोग घरों का गंदा पानी गड्डों में एकत्रित करते हैं तथा इसके बाद उसे मोटर की मदद से बहाया जाता है। बरसात में तो हाल यह है कि चार-चार सीढ़ी तक डूब जाती हैं, घरों में पानी घुस आता है।
-पिंकी
यहां पर रहने वालों को काफी दिक्कतों का समना करना पड़ता है। मकान बनवाया था, तब नहीं पता था कि यह स्थिति होगी। नहीं तो यहां पर बनवाते ही नहीं। हाल यह है बरसात में जब यहां पर पानी भरता है तो बाहर जाकर किराए पर रहना पड़ता है।
-राम स्वरूपी
नगर निगम को कम से कम सड़कें एवं नालियों तो बनवानी चाहिए, ताकि घरों से निकलने वाला पानी तो गलियों में निकल जाए। बरसात में तो बच्चे भी कई कई दिन सड़क पर पानी भर जाने से स्कूल नहीं जा पाते हैं।
-रूबी
कई बार गली निर्माण की मांग की है, लेकिन हर बार नेता कोई न कोई बहाने बना देते हैं। गली बन जाए तो कम से कम ठोकरें नहीं खानी पड़ें तथा रोज गड्ढों में भरे घर के गंदे पानी की निकासी की परेशानी से निजात मिल जाए।
-सुनीता देवी
सड़क नहीं बनने से काफी गंदगी है। कई खाली प्लॉट हैं, जिनमें घरों का गंदा पानी पहुंच कर जमा हो रहा है। इससे मच्छरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। हर वक्त बीमारी फैलने का भी डर सताता रहता है।
-मीना देवी
निगम स्वच्छता की बात कर रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण तो निगम के सभी मोहल्लों को मिलाकर होना चाहिए। कुछ क्षेत्रों को ही स्वच्छता सर्वेक्षण के नाम पर चमकाया जा रहा है। जहां मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है, वहां पर ध्यान नहीं। -दुर्गेश देवी
रात में सड़कों पर अंधेरा रहता है। क्षेत्र में कई महिलाएं पेंशन के लिए भी परेशान हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। अगर गलियां एवं नालियां बन जाएं तो लोगों को बड़ी परेशानी से निजात मिले।
-हेमवती
वोट मांगने के लिए नेता आते हैं तो बड़े-बड़े वायदे करते हैं, लेकिन जीतने के बाद में कोई भी लौटकर नहीं आता है। सालों से वोट दे रहे हैं, लेकिन आज तक इस क्षेत्र में कोई भी कार्य नहीं हुआ है।
-त्रिवेणी देवी
एक दिन क्षेत्र के जनप्रतिनिधि आए और बोले कि इन प्लाटों की नींव भर जाए तो सड़क भी बनवा देंगे। इसके बाद में वह क्षेत्र में कभी आए नहीं। प्लाट स्वामियों से नींव भरवाने की जिम्मेदारी निगम की है या फिर हम आम जनता की है। -राधा
बरसात में अब ज्यादा वक्त नहीं है। पिछली बरसात के हालात सोच कर डर जाते हैं, कई दिन तक घर पूरी तरह पानी में डूबा रहा था। बच्चे स्कूल नहीं जा पाए थे तो रोजगार भी कई दिन तक पानी की भेंट चढ़ गया।
-सावित्री देवी
सरकार को ऐसी नियमावली बनानी चाहिए कि निगम पहले उन क्षेत्रों में काम कराए, जहां पर सड़कें ही नहीं हैं। शहर में सड़क के ऊपर सड़क बनाई जा रही है, लेकिन हमारे मोहल्ले में आज भी हालात गांव के दगड़ों से बदतर हैं। -सुनीता देवी
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