समितियों पर खाद न मिलने पर ब्लैक में ले रहे किसान
टूंडला के किसानों को डीएपी खाद समय पर नहीं मिल रही है, जिसके कारण उन्हें काले बाजार में अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। आलू, सरसों और गेहूं की फसल के लिए उन्हें...
टूंडला किसानों को इस समय से डीएपी नहीं मिल पा रही है। यही कारण है कि किसान ब्लैक में खाद लेने के लिये मजबूर हैं। जिसमें उनको भारी आर्थिक हानि हो रही है। डीएपी को लेकर किसानों में भारी रोष व्याप्त है। इस समय क्षेत्र में आलू, सरसों तथा गेहूं की फसल की बुबाई बड़े पैमाने पर चल रही हैं। इसके लिये किसानों को डीएपी खाद की महंती आवश्यकता है। सरकारी समितियों पर पर्याप्त मात्रा में डीएपी आ रही है। कर्मचारियों की लापरवाही से किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। टूंडला क्षेत्र के सभी सहकारी समितियों पर पर्याप्त डीएपी खाद विगत 29 अक्टूर को आ चुकी है लेकिन किसानों को वितरित नहीं की जा रही है। पॉश मशीन का काम न करने का बहाना बना कर खाद वितरित नहीं की जा रही है।
किसानों को जब डीएपी समय से नहीं मिल पा रही है तो उनको ब्लैक में खाद खरीदनी पड़ रही है। जिसमें किसानों को भारी आर्थिक हानि हो रही है। किसानों को ब्लैक में 1700 से लेकर 2 हजार तक का बोरा मिल रहा है। डीएपी को लेकर किसानों में मारा मारी मची हुई है।
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