Farmers in Firozabad Struggle with Water Supply and Rising Costs Amid Government Promises बोले फिरोजाबाद: अन्नदाता की कहानी, ब्लैक में खाद, खेतों के लिए नहीं है पानी, Firozabad Hindi News - Hindustan
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बोले फिरोजाबाद: अन्नदाता की कहानी, ब्लैक में खाद, खेतों के लिए नहीं है पानी

Firozabad News - फिरोजाबाद में किसानों को सरकार द्वारा सम्मान निधि मिल रही है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण वे समस्याओं का सामना कर रहे हैं। पानी की कमी और खाद की महंगाई से किसान दुखी हैं। बेसहारा...

Newswrap हिन्दुस्तान, फिरोजाबादWed, 16 April 2025 02:06 AM
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बोले फिरोजाबाद: अन्नदाता की कहानी, ब्लैक में खाद, खेतों के लिए नहीं है पानी

फिरोजाबाद। सरकार किसानों को सम्मान निधि दे रही है। गांव-गांव में हर घर पेयजल योजना के तहत पानी पहुंचाने पर भी जोर दिया जा रहा है, लेकिन स्थानीय स्तर पर विभागीय अधिकारियों की अनदेखी का दर्द किसानों को झेलना पड़ रहा है। कहीं पर किसान बंबा में बहते नाले के पानी से परेशान हैं तो दूसरी तरफ कई अल्टीमेटम के बाद भी बेसहारा गोवंश न तो गांवों की सड़कों से दूर हो सका है न ही खेतों में खड़ी फसलों से। किसानों की रात आज भी फसल की सुरक्षा के लिए खेतों में जागकर कट रही है। ऊपर से खाद की महंगाई से किसान दोहरी मार झेल रहे हैं। हिन्दुस्तान के बोले फिरोजाबाद के तहत सदर ब्लॉक के लुहारी में किसानों से संवाद किया तो स्थानीय स्तर पर कई लापरवाही सामने आईं। किसानों ने छूटते ही कहा कि गेहूं का बाजार में क्या भाव मिल रहा है। समर्थन मूल्य कम है तो कारोबारी भी किसानों को गेहूं कीमत देने में लापरवाही कर रहे हैं। किसानों ने कहा कि सरकार खाद की कीमत बढ़ाती जा रही है। इसके बाद भी जरूरत के वक्त किसानों को खाद ही नहीं मिलती है। समितियों पर सचिव जान-पहचान वालों को खाद देते हैं। पारदर्शिता के लिए भले ही सरकार ने मशीन का सिस्टम लागू कर दिया हो, लेकिन हकीकत में क्या हो रहा है किसी से छिपा नहीं।

लुहारी का क्षेत्र आलू एवं गेहूं की फसल के लिए खासतौर पर जाना जाता है। दोनों ही फसल को पैदा करने वाले किसानों का कहना था कि सरकार को खेतों पर ही किसानों को उचित मू्ल्य देना चाहिए, तभी किसानों की आय दो गुनी हो सकेगी। बात जब फसल की सिंचाई की आई तो कई जुबां एक साथ बोल सकीं कि अधिकारी शासन की मंशा को पलीता लगा रहे हैं। सरकार कह रही है कि किसानों को बेहतर बिजली दें, लेकिन यहां पर बिजली अधिकारियों ने सात किमी दूर से आने वाली बिजली को 35 से 40 मीटर दूर से सप्लाई देना शुरू कर दिया है। इससे विद्युत आपूर्ति भी ढंग से नहीं मिल पा रही है।

सिंचाई के लिए खुलवाए जाएं रजवाहा

फिरोजाबाद। हिन्दुस्तान के संवाद में ग्रामीणों का कहना है कि सिंचाई विभाग ने रजवाहा को बंद किया हुआ है। इसमें नाले का पानी आने से यह ओवरफ्लो हो जाता है तो नाले से निकलने वाले पानी से सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं। इस बंबा में नाले के गंदे पानी को दौड़ने से रुकवाया जाए। सिंचाई विभाग अगर बंबा को फिर से रजवाहा से जोड़ता है तो जरूरत के वक्त इस पानी से लोगों को सिंचाई के लिए पानी मिल सकता है, लेकिन इसके साथ इस बंबा में आ रहे पानी सप्लाई पर भी नजर रखने की जरूरत है, ताकि इसके ओवरफ्लो होने से किसानों की फसल प्रभावित न हो।

बंबा के कटने की समस्या ज्यादा है। इससे सड़क खराब हो जाती है तो लोगों को राह गुजरने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बंबा हाथरस रजवाहा का माइनर हुआ करता था। अब रजवाह से तो पानी आता नहीं है, बल्कि नगर निगम द्वारा नाले का पानी इसमें छोड़ दिया जाता है। इसकी भी सीमा नहीं है, गांव से आगे रजवाहा नहीं है तो इसमें आने वाला पानी नाले से उफनने लगता है। हालांकि पहले से ही मेड़बंदी को किसानों ने ऊंचा कर रखा है, लेकिन इसके बाद भी इस वक्त यह नाला बगैर बरसात उफन रहा है, जो फसलों के लिए भी परेशानी का सबब बन रहा है।

-अंबरेश सिंह, प्रधान

यह पूरा क्षेत्र इस वक्त बिजली के बड़े संकट से जूझ रहा है। यह टीटी जैड में आता है लिहाजा बिजली आपूर्ति की दरें भी किसानों पर अन्य की तुलना में ज्यादा लगती हैं तो बिजली पूरे वक्त भी नहीं मिलती है। 12 से 14 घंटे तक बिजली मिल पाती है। पहले मात्र सात किमी दूर स्थित आसफाबाद से बिजली आपूर्ति होती थी तो आपूर्ति ठीक भी थी, लेकिन अब न जाने किस कारण से इन गांवों को गुढ़ा सलेमपुर से जोर दिया है, जो यहां से 35-40 किमी दूर है। इस स्थिति में हर वक्त ही कम वोल्टेज आदि की समस्या रहती है।

-डॉ.इंद्रपाल सिंह, बीडीसी सदस्य

गांव में बेसहारा गोवंश की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। बेसहारा गोवंश फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। किसान रात-दिन मेहनत मजदूरी कर फसल तैयार करता है तो बेसहारा गोवंश उसे रौंद देते हैं। इन्हें गौशाला में पहुंचाना चाहिए।

-सतीश

बंद पड़े बंबा में आने वाला नाले का गंदा पानी सड़कों पर दौड़ रहा है। इससे सड़कें भी खराब हो रही हैं। नाले का पानी सिंचाई में भी प्रयुक्त करना ठीक नहीं, लेकिन यह खेतों में पहुंच रहा है। इस तरफ किसी का ध्यान नहीं।

-सत्यशील

गांव में बेसहारा गौवंश का आतंक फैला हुआ है। किसान रात भर फसलों की सुरक्षा की चिंता में जाग रहे हैं तो दिन में बिजली आने पर सिंचाई के लिए दौड़ते हैं। खेती-किसानी करना पहले कभी इतना मुश्किल नहीं हुआ।

-भानुप्रताप

खाद समय पर नहीं मिलती है। ब्लैक में खाद खरीदनी पड़ती है तो फसल की लागत बढ़ जाती है। सरकार अगर समर्थन मूल्य नहीं बढ़ा सकती है तो कम से कम लागत घटाने के लिए खाद-बीज पर महंगाई कम करे। लो वोल्टेज की समस्या को

-संजीव

सरकार किसानों का मुनाफा बढ़ाना चाहती है तो खाद की महंगाई पर अंकुश लगाए। लागत बढ़ती जा रही है तो उसके अनुपात में मूल्य नहीं। इससे किसानों की आय कम होती जा रही है। सिंचाई की दिक्कत होने से पहले ही पैदावार प्रभावित हो जाती है।

-धर्मेंद्र सिंह

कई साल पहले बीएसएनएल ने फाइबर ऑप्टिकल केबल डलवाई थी तो देहात के युवाओं को लगा था कि अब सस्ती दर पर वाई-फाई की सुविधा मिलेगी, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी अभी तक केबल डालने के बाद कोई कार्य नहीं हुआ है।

-प्रद्युम्न सिंह

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