सेंगर नदी के पानी से तीन गांवों में 100 एकड़ धान, बाजार खराब
जसराना में बारिश ने किसानों की फसलें बर्बाद कर दी हैं। सैंगर नदी के उफान से धान, बाजरा और अन्य फसलें जलमग्न हो गई हैं। किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। अब तक पानी की निकासी नहीं हो पाई है,...
जसराना। बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। उनके खेतों में खड़ी धान,बाजरा एवं अन्य फसलें जलमग्न हो गई है। सैंगर नदी के उफान से आसपास के खेतों में खड़ी धान, बाजरा एवं अन्य फसलें चौपट हो गई हैं। किसानों ने प्रशासन से जलमग्न फसलों का आंकलन करवाकर मुआवजे की मांग की है। जसराना क्षेत्र के तीन गांवों में सेंगर नदी में बरसाती पानी की निकासी न होने के कारण सौ एकड़ में धान, बाजार एवं अन्य फसलें बर्बाद हो गई। यहां से अब तक पानी की निकासी नहीं हो पाई है। करीब दस दिन पहले हुई बारिश के कारण खेतों में अब तक जलभराव की स्थिति बनी हुई है। फसल बर्बाद होने के कारण किसान भी परेशान हैं।
इससे पहले भी कई बार बारिश हुई थी। बारिश के बाद से सेंगर नदी का पानी बिलासपुर, नगला नदिया, प्रानपुर, नगला गेहूं, आवू खेतों में करीब दो फुट तक जलभराव है। इस कारण करीब सौ एकड़ धान, बाजार एवं अन्य फसलें पानी में डूब गई है। दस दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन अभी तक पानी निकासी के पुख्ता इंतजाम नहीं कर पाया है। ऐसे में किसानों को अपनी अगली फसल की भी चिंता सता रही है।
फसल खराब होने पर मनपाल सिंह, नरेंद्र, नेम सिंह, पूरन सिंह, हरेंद्र, प्रताप, हरीश, राजकुमार, दामोदर सिंह, गोविंद सिंह, भजनलाल, शेतीलाल, राजेंद्र सिंह, अमलेश राजपूत, बदन सिंह, रतन सिंह, जयपाल सिंह, भारत सिंह, राहुल अन्य किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग करते हुए पानी निकासी की मांग की है।
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