मक्खनपुर के कंस मेला की अनुमति नहीं देने पर गुस्सा
होली के बाद पंचमी को लगने वाले मक्खनपुर के प्राचीन कंस मेला पर कोरोना का संकट छा गया है। प्रशासन द्वारा अनुमति देने की बात पहले कह दी गई थी जिसको...
होली के बाद पंचमी को लगने वाले मक्खनपुर के प्राचीन कंस मेला पर कोरोना का संकट छा गया है। प्रशासन द्वारा अनुमति देने की बात पहले कह दी गई थी जिसे लेकर मेला की व्यवस्थाएं चल रही थीं। गुरुवार को अचानक परमीशन नहीं मिलने को लेकर दुकानदारों में गुस्सा व्याप्त हो गया है।
दुकानें लगाने वाले लोगों और स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि 22 मार्च को मक्खनपुर थाने में हुई बैठक के बाद इस प्राचीन कंस मेला को साढ़े सात लाख रुपये में ठेका उठाने पर सहमित जताई थी। एक लाख रुपये ठेकादार ने जमा भी करा दिया था। ठेकेदार ने लाइटिंग, तोरण द्वार बनवा दिए और लगातार दुकानों और खेलकूद की झूले, मौत का कुआं लगवाए जा रहे थे। गुरुवार को ठेकेदार और दुकानदारों को ईओ मक्खनपुर वेद प्रकाश यादव ने बताया कि जिला प्रशासन ने प्राचीन कंस मेला की अनुमति नहीं दी है। कोरोना को देखते हुए इसकी अनुमति नहीं मिलने की बात कहने पर ठेकेदार और दुकानदारों ने गुस्सा जताया। कहा कि अगर परमीशन नहीं मिलनी थी तो उनका जो सामान लाने में और लगवाने में लाखों रुपये का खर्चा हुआ है उसे कौन वहन करेगा। ईओ ने एक लाख रुपये को वापस करने की बात ठेकेदार से कही तो ठेकेदार ने कहा कि लाखों रुपये बाकी कार्यों में खर्च हुए हैं उनको कौन देगा।
एक जिले में दो नियम अपना रहा प्रशासन
ठेकेदार और दुकानदारों में आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि ईओ मक्खनपुर के पास ही ईओ सिरसागंज का चार्ज है। सिरसागंज में बुधवार को प्राचीन तीज मेला की अनुमति मिलने के साथ शुभारंभ हुआ है। वहां कोरोना के नियम कहां चले गए और यहां पर लगातार तैयारियों के बीच इस तरह का झटका व्यापारी हित में नहीं है। पिछली बार भी एक दिन पहले ठेका नहीं देने की अनुमति की बात कहकर पुलिस ने जबरन दुकानों को हटवाया था।
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