पराली जलाने वाले किसानों पर लगा जुर्माना, किसान सम्मान निधि से भी होंगे वंचित
उत्तर प्रदेश के महराजगंज में पराली जलाने वाले 102 किसानों पर जुर्माना लगा है। पराली जलाने वाले किसानों को सम्मान निधि से वंचित करने के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
महराजगंज जनपद में धान की कटाई शुरू हो गई है। इसी के साथ पराली को लेकर शासन-प्रशासन भी सख्त हो गया है। अभी तक पराली जलाने पर 102 किसानों के खिलाफ जुर्माना लगाया जा चुका है। डीएम के निर्देश पर कृषि विभाग के अधिकारी, एसडीएम व तहसीलदार गांव में पहुंच किसानों को जागरूक कर रहे हैं कि वह पराली ना जलाएं। पराली जलाने वाले किसानों को सम्मान निधि से वंचित करने के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जनपद में करीब एक लाख 65 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई हुई थी। चार माह बाद अब धान की कटाई शुरू हो गई है। खेतों में कम्बाइन भी चलना शुरू हो गया है। शासन से पराली जलाने पर रोक है। इसके बाद भी जिले में धान की कटाई शुरू होते ही पराली जलाई जा रही है। सैटेलाइट से यह पता चल जा रहा है कि किस-किस गांव के किस-किस खेत में पराली जलाई जा रही है। रिपोर्ट मिलने के बाद राजस्व टीम मौके पर पहुंच स्थलीय परीक्षण के बाद कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर रही है।
जिला प्रशासन ने पराली जलाने की रोकथाम के लिए नई पहल करते हुए ग्राम प्रधानों को भी जवाबदेह बना दिया है। अब यदि किसी गांव में पराली जलती है, तो ग्राम प्रधान को इसकी सूचना लेखपाल को देनी होगी, जिसके बाद संबंधित किसान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रोकथाम के लिए अधिकारी व कर्मचारियों की टीम तैनात : जिला कृषि अधिकारी ने बताया फसलों के अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम किये जाने के लिए सैटेलाइट से निगरानी की जा रही है। जिलास्तर पर एडीएम, तहसील पर एसडीएम एवं विकास खण्ड स्तर पर बीडीओ की अध्यक्षता में कृषि, राजस्व, पुलिस एवं अन्य विभागों के कर्मचारी / अधिकारियों की ड्यूटी लगायी गयी है। सभी थानाध्यक्षों को क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम तथा पराली जलाने की घटना प्रकाश में आने पर संबंधित कृषक/ कम्बाइन हार्वेस्टर स्वामी पर नियामानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने के लिए निर्देशित किया गया है। पराली जलाने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा 24 के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली की जाएगी। धारा-26 के अन्तर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरुद्ध अर्थदण्ड कार्रवाई की जा रही है। इसमें 2 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500, 2 से 5 एकड़ क्षेत्र के लिये 5000 व 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15000 तक पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली के निर्देश हैं।
डीएम ने पराली जलाने पर अंकुश लगाने का दिया निर्देश
पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सोमवार को सभी एसडीएम, बीडीओ और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर निर्देश दिया। डीएम ने सभी एसडीएम को लेखपालों को सक्रिय करते हुए पराली जलाने वालों के के विरुद्ध कठोर विधिक कार्यवाही का निर्देश दिया। डीएम ने उपनिदेशक कृषि को सचल दल को क्षेत्रों में प्रभावी तरीके से सक्रिय करने के लिए कड़ा निर्देश दिया। कहा कि न्याय पंचायतवार गोष्ठियों का गठन करें और विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार कर लोगों को पराली न जलाने हेतु जागरूक करें। बीडीओ को गोशालाओं तक पराली पहुंचाने का प्रबंध प्रधानों के माध्यम से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने हार्वेस्टर मालिकों के साथ तत्काल सभी तहसीलों में एसडीएम की अध्यक्षता में बैठक करवाने का निर्देश दिया।
निचलौल क्षेत्र में 12 किसानों को नोटिस
निचलौल तहसीलदार राजेश श्रीवास्तव ने पराली जलाने के आरोप में विभिन्न गांवों के 12 किसानों को नोटिस दिया है। उन्होंने बताया कि पराली जलाने पर रोक के बावजूद इन किसानों द्वारा पराली जलाई गई है। हल्का लेखपालों की रिपोर्ट पर इन किसानों को नोटिस भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि सोमवार को क्षेत्र के ग्राम बहरौली में एक किसान के खेत में पराली जलाते समय उन्होंने खुद पहुंचकर आग बुझवाई।