शहीद की याद में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन
देश की आन बान और शान को हृदय में रख अपने वतन की रक्षा के लिए 1963 में भारत पाकिस्तान के युद्ध में दुश्मनों से लोहा लेते हुए उनके तीन टैंकरों को ध्वस्त कर शहीद हुए पं. राम दुलारे तिवारी के स्मृति में...
देश की आन बान और शान को हृदय में रख अपने वतन की रक्षा के लिए 1963 में भारत पाकिस्तान के युद्ध में दुश्मनों से लोहा लेते हुए उनके तीन टैंकरों को ध्वस्त कर शहीद हुए पं. राम दुलारे तिवारी के स्मृति में महामहेश्वर धाम पर श्रीमद्भागवत कथा के साथ धार्मिक आयोजन किया जा रहा है।
शहीद स्मारक श्रद्धांजलि समारोह के अंतर्गत आयोजित पंच दिवसीय रुद्र महायज्ञ पर श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन श्रीधाम वृंदावन से पधारे आचार्य श्रीराघव जी महाराज के द्वारा कथा प्रारम्भ की गई। श्रीमद्भागवत कथा के महत्व का वर्णन करते हुए धुंधकारी को गोकर्ण जी महाराज के द्वारा श्रीमद्भागवत कथा को श्रवण करा कर मोक्ष दिलवाया। उन्होंने कहा कि कलियुग में भवसागर से पार जाने का सुगम रास्ता श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा है, श्रीमद्भागवत महापुराण एवं भगवन नाम संकीर्तन यही दो साधन है। जिसका सहारा लेकर जीव पापमुक्त हो जाता है। कार्यक्रम के आयोजक सिया तिवारी ने बताया कि 17 से 23 फरवरी तक निरन्तर चलने वाले कार्यक्रम में प्रात: 10 बजे से अखण्ड पाठ, 20 से 24 फरवरी तक प्रात: 6 से 12 बजे तक पंचकुंडीय महायज्ञ, 23 से 24 फरवरी रात्रि 8 बजे से रामलीला कार्यक्रम व 24 फरवरी को 21 बटुकों के यज्ञोपवीत कार्यक्रम व हवन के पश्चात प्रसाद वितरण व भण्डारे का कार्यक्रम किया जाएगा। कार्यक्रम में सिंचाई संघ नलकूप खण्ड के अध्यक्ष महेश शुक्ल व उनकी पत्नी रानी देवी ने परीक्षित बन कथा श्रवण किया। इस मौके पर ओमप्रकाश तिवारी, रमई, जनार्दन प्रसाद सहित अन्य तमाम लोग उपस्थित रहे।
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