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बोले फतेहपुर: करोड़ों के कारोबार को हिफाजत की दरकार

Fatehpur News - फतेहपुर के सराफा कारोबार में असुरक्षा एक बड़ी समस्या बन चुकी है। पुलिस की कमी और सीसीटीवी कैमरों का अभाव ग्राहकों के लिए जोखिम बढ़ा रहा है। व्यापारी नियमित गश्त और पार्किंग की सुविधाओं की मांग कर रहे...

Newswrap हिन्दुस्तान, फतेहपुरThu, 20 Feb 2025 08:27 PM
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बोले फतेहपुर: करोड़ों के कारोबार को हिफाजत की दरकार

फतेहपुर। जिले का सराफा कारोबार तमाम समस्याओं से जूझ रहा है। ‘असुरक्षा वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या है। डर के बीच आभूषणों का कारोबार करना जोखिम भरा होता जा रहा है। यह डर यूं ही नहीं है। न तो बाजार में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, न ही सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस। कई बार बाजार आने वाले ग्राहकों से टप्पेबाजी हुई। हर बार पुलिस गाल बजाती रही। सराफा कारोबारी ब्रजेश सोनी कहते हैं..अगर पूरा चौक बाजार सीसीटीवी कैमरे की जद में आ जाए तो सुरक्षा को चार चांद लग जाएं। गलियों में होने वाले सोने के कारोबार की सुरक्षा के लिए 100 मीटर दूर चौराहे पर पुलिस पिकेट बैठती है। गश्त भी नहीं होती है। अगर गश्त नियमित हो तो प्रतिष्ठानों पर आने वाले ग्राहक खुद को सुरक्षित महसूस करें बेधड़क खरीदारी करें।

जनपद में सराफा व्यवसाय चौक, खागा एवं बिंदकी तहसील मुख्यालयों में होता है। बड़ा कारोबार चौक में किया जाता है। यहां 300 के करीब दुकानदार हैं। कारोबारी संजय कुमार, पंकज सोनी आदि का कहना है कि प्रशासन को चाहिए कि सभी सराफा कारोबारियों को असलहा का लाइसेंस दें। चाहे कैश लेकर घर जाना हो या फिर व्यापार से जुड़ी खरीदारी करनी हो, हर समय सुरक्षा को लेकर चिंता होती है। बाजार में पुलिस की चौकसी बढ़े। चौक में कई बार ग्राहकों से छिनैती की घटनाएं हो चुकी हैं। पुलिस गश्त न के बराबर रहती है। एक होमगार्ड ही केवल चौक चौराहे पर खड़ा रहता है। चौक के लिए अलग से एक पुलिस चौकी बननी जरूरी है। हर्ष वर्मा का कहना है कि कुछ एक बड़े सराफा कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान के लिए प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड लगा रखे हैं लेकिन छोटा दुकानदार भगवान भरोसे है। कुछ घटनाओं में जेवर बनाने वाले कारीगरों की मुखबिरी की बात सामने आने पर अब व्यापारियों ने कारीगर भी कम कर दिए हैं, बहुत भरोसे के व्यक्ति को ही कारीगर रखा जाता है, जिनका वेरिफिकेशन भी जरूरी है। सिर्फ सुरक्षा ही नहीं यहां साफ-सफाई भी बड़ी समस्या है। गलियों में बनीं दुकानों के बाहर कूड़ा पड़ा रहता है। व्यापारी राजेश गुप्ता का कहना है कि ठंड में दुकानें देर से खुलती हैं। ऐसे में सुबह झाड़ू लग चुकी होती है। जब प्रतिष्ठानों से कूड़ा निकलता है तो वह सड़क पर ही पसरा रहता है। बाजार की कई दुकानों के बाहर नालियां साफ करने के बाद सिल्ट छोड़ दी गई है। ऐसे में दुकानदारों के साथ ग्राहकों को बड़ी परेशानी हो रही है। ग्राहक सिल्ट को देखते ही मुंह घुमा लेते हैं। बाजार में पार्किंग का न होना कारोबार पर बट्टा लगा रहा है। कार वाले बड़े ग्राहक तो आते ही नहीं हैं। अगर आते हैं तो जाम में फंस जाते हैं। गोपाल दीक्षित कहते हैं ई-रिक्शों की धमाचौकड़ी से सभी परेशान हैं। रोज इससे जाम लग जाता है।

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सुझाव

- पुलिस की लगातार गश्त और चौकी निर्माण की जरूरत।

- जीएसटी को लेकर समय-समय पर जानकारी दी जाए और इसे सरलीकृत किया जाए।

- जगह चिह्नित कर वाहनों के लिए पार्किंग बनाई जाए।

- बाजार में बड़े वाहनों का प्रवेश रोका जाए, ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगाई जाए।

- बाजार में महिला पुलिसकर्मियों की गश्त होनी चाहिए। इससे महिलाओं को बल मिलता है।

- पानी के लिए बाजार में वाटर कूलर आदि लगवाया जाए

- बाजार में शौचालय व यूरीनल की उचित व्यवस्था की जाए।

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शिकायतें

- बाजार में सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी दिखते हैं।

- जीएसटी के कानूनों में होने वाला संशोधन दर्द देता है, साथ ही अधिकारी प्रताड़ित करते हैं

- वाहन पार्किंग न होने से बाजार में ग्राहक हुए कम।

- बाजार में वाहनों के खड़े होने और बड़े वाहन आने पर जाम लगने की समस्या है।

- हॉल मार्किंग होने के बावजूद मांगते कच्चा बिल, जिससे भी व्यापारी परेशान रहते हैं।

- बाजार में पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है।

- शौचालय व यूरीनल के लिए परेशान होना पड़ता है।

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बोले सर्राफ

बाजार में सीसीटीवी लगे ही नहीं हैं। यदि कोई बड़ी वारदात हो जाए तो पुलिस को सुराग तक नहीं मिलेगा। कैमरे जरूरी हैं।

-राजेश गुप्ता

सराफा कारोबारियों को स्वयं गार्ड लगाने पड़ते हैं। बाजार में पुलिस की गश्त बढ़ जाए तो ग्राहक खुद को सुरक्षित समझे।

-मनोज रस्तोगी

बाजार में जाम बड़ी समस्या है, वाहनों का प्रवेश बंद करवाने के साथ ही यहां पर पार्किंग की सुविधा दी जानी चाहिए।

-संजय कुमार

अफसरों को व्यापारियों की समस्याओं पर गंभीरता दिखानी चाहिए। जिससे व्यापारी परेशान न हो, तभी राजस्व बढ़ेगा।

-शिवांग सोनी

त्योहारों के मौकों पर ही पुलिस की गश्त होती है, जबकि रोजाना बाजारों में गश्त होनी चाहिए, ताकि व्यापारी सुरक्षित रहें।

-गोपाल दीक्षित

व्यापारियों की शिकायतों पर अफसर समय से ध्यान दें तो व्यापारी सुरक्षा व परेशानियों को लेकर निश्चिंत हो जाए।

-योगेश चंद्र

आयकरदाता होने के बाद भी व्यापारियों को प्रताड़ित किया जाता है। अफसरों को सम्मान से पेश आना चाहिए।

-अतीश रस्तोगी

बाजार में होने वाली गंदगी से निजात मिलनी चाहिए। दुकानों के बाहर पड़ी सिल्ट को हटाया जाए। सफाई नियमित हो।

-हर्ष वर्मा

सर्राफों संग हुई वारदातों का खुलासा कर पुलिस को अपराधियों पर डर बैठाना चाहिए, तभी व्यापार सुरक्षित रहेगा।

-अंकुश सोनी

चौक बाजार में जाम एक बड़ी समस्या बन चुका है। ई-रिक्शों की बढ़ती संख्या बड़ी परेशानी बन चुकी है, ट्रैफिक पुलिस इसे रोके।

-ब्रजेश सोनी

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बोले जिम्मेदार

चौक बाजार में 24 घंटे दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी है। शहर में आठ कोबरा बाइक और क्यूआरटी घूमती हैं। बाजार के आसपास लगातार पिकेट वाले पुलिसकर्मी गश्त करते हैं। पिकेट बढ़ाई जाएगी

-विजय शंकर मिश्र, एएसपी

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