Hindi NewsUttar-pradesh NewsFatehpur NewsRise in Divorce Cases Amidst Young Couples in Fatehpur Challenges and Trends

चंद महीनों में ही टूट रहे सात जन्मों तक साथ निभाने के वचन

Fatehpur News - -सुलह के तमाम प्रयासों के बाद भी साथ रहने को नहीं हैं राजीसुलह के तमाम प्रयासों के बाद भी साथ रहने को नहीं हैं राजी -कभी मोबाइल तो कभी अपने ही लगा रहे

Newswrap हिन्दुस्तान, फतेहपुरSun, 29 Dec 2024 10:29 PM
share Share
Follow Us on

फतेहपुर,संवाददाता। मंडप के नीचे वैदिक मंत्रों के बीच अग्नि को साक्षी मान एक दूसरे का हाथ थाम सात जन्मों तक साथ रहने का वचन लेने पति-पत्नी चंद महीने में ही वचन तोड़ एक दूसरे से अलग होने को थानों, प्रोबेशन कार्यालय और कोर्ट पहुंच रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर परिवारों को टूटने से बचाने के लिए की जा रही सुलह समझौतों की कोशिशें भी काम नहीं आ आ रही है। अकेले जिला प्रोबेशन कार्यालय में ही पिछले तीन सालों में घरेलू विवादों के 554 मामले पहुंचे हैं। जिनमें 110 में ही समझौता हो सका। जबकि अन्य मामलों में बात नहीं बनी तो वे कोर्ट पहुंच गए।

आज के युवा विवाह के पवित्र बंधन को निभाने में विफल हो रहे हैं। इनमें अधिकांश पढ़े लिखें हैं, समाज जिन्हें शिक्षित मानता है। विवाह के कुछ माह में ही दोनों में किसी न किसी बात पर तनाव की स्थिति बन जाती है। जिसके बाद दंपत्ति कोर्ट कचहरी, पुलिस थानों का रुख करते हैं। जिले के वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता संदीप त्रिपाठी बताते हैं कि हर साल फैमली कोर्ट में दायर होने वाले मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। साल 2024 में करीब सात सौ तलाक या भरण पोषण से जुड़े मामले दर्ज हुए। हालांकि कोर्ट परिवार को टूटने से बचाने के लिए पहले मीडिएशन में भेजती है। यहां तक की वो मामले भी मीडिएशन में भेजे जाते हैं जिनमें पति-पत्नी आपसी सहमति से तलाक के लिए 13 बी के तहत वाद दायर करते हैं।

प्रोबेशन कार्यालय में एक ऐसा मामला आया, जिसमें पति-पत्नी की सरकारी नौकरी के चलत साथ न रहने के कारण मनमुटाव है। शहर के एक मोहल्ले में रहने वाला युवक पुलिस में सिपाही है, प्रयागराज में तैनात है। वहीं उसकी पत्नी प्राथमिक स्कूल में शिक्षक हैं। दोनों की शादी आठ माह पूर्व हुई थी। युवक की मां का आरोप है इकलौती बहू है। घर में बेटा नहीं रहता और बहू उनसे बात नहीं करती।

कोरोना महामारी के बाद दंपतियों में विवाद और बढ़े हैं। महामारी से कईयों की नौकरियां प्रभावित हुईं, जिससे तनाव और चिड़चिड़ापन बढ़ा है। परिवार परार्मश केंद्र में आने वाले मामलों में कई मामलों में मोबाइल भी बड़ी वजह सामने आया है। काउंसलर्स के अनुसार पत्नी मोबाइल में अधिक बात करती है। तो वहीं पत्नियां भी आरोप लगाती हैं कि पति अपना मोबाइल नहीं छूने देते।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें