पकी धान की फसल के लिए अभिशाप बन रही बारिश

सितम्बर माह के अंत में तीन दिनों से हो रही तेज हवाओं के साथ बारिश शहरियों के साथ किसानों के लिए भी कष्टकारी साबित हो रही है। शहर क्षेत्र में जहां बारिश से जलभराव की स्थिति पैदा हो रही है तो वहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, फतेहपुरThu, 24 Sep 2020 03:02 PM
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सितम्बर माह के अंत में तीन दिनों से हो रही तेज हवाओं के साथ बारिश शहरियों के साथ किसानों के लिए भी कष्टकारी साबित हो रही है। शहर क्षेत्र में जहां बारिश से जलभराव की स्थिति पैदा हो रही है तो वहीं किसानों की पकी खड़ी धान की फसल को तगड़ा झटका लग रहा है। वहीं हवाओं ने खेत में ही फसलें जमीदोंज होने के कारण अन्नदाता माथे पर हाथ रखने को मजबूर है।

मंगलवार को दूसरे पहर से हुई बारिश रात में भी जारी रही। बुधवार की सुबह से फिर से बारिश ने अपनी रफ्तार पकड़ी और करीब दस बजे झमाझम बारिश हुई। जिससे शहर के वर्मा तिराहे, राधानगर, गंगा नगर कालोनी, पीएसी परिसर, श्याम नगर आदि स्थानों में जलभराव हो गया। वहीं सड़कों में पानी भरने से लोगों का आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सितम्बर माह में बरसात जैसे हालात होने से जनजीवन पर असर पड़ने लगा है। सुबह शाम बारिश होने के कारण लोगों को कार्यालय जाने में भी लेटलतीफी हुई। वहीं बारिश के कारण प्रमुख बाजारों में भी सन्नाटा पसरा नजर आया।

फसल डूबने से पैदावार पर असर

जहानाबाद। तेज हवा के साथ बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभार दी हैं। थम-थम कर हो रही बारिश के साथ चल रही हवा से सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को है। हालांकि धान के साथ-साथ तिली, ऊर्द, सहित बड़े हुए गन्ने एवं अरहर को भी नुकसान पहुंचा है। मिर्च की खेती जिसमें पानी की निकासी नहीं है तथा खेत में पानी भरा है उसमें जड़ सड़ा रोग लगने का ज्यादा खतरा पैदा हो गया है। कई जगह तो धान की बाली पानी में डूबने से फसल के खराब होने की आशंका बढ़ गई है। इन दिनों धान की लगभग 50 प्रतिशत फसल पकी हुई तैयार है। अगले माह से धान की कटाई शुरू हो जाएगी। सितंबर माह के अंत में बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। क्षेत्र के गांव अकबरपुर नसीरपुर, गोकुलपुर, सैकापुर, मिर्जापुर मकरंदपुर, कोरीपुर, सहित दर्जनों गांव के जलभराव वाले खेतों तथा तेज हवा के चलते धान की फसल खेत में बिछ गई है। जिसके चलते किसान अनुमान लगा रहे हैं कि धान की पैदावार में लगभग 25 प्रतिशत की कमी हो सकती है। ऐसे ही हालात हथगाम, बहुआ, गाजीपुर, असोथर आदि क्षेत्रों में भी हैं।

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