बोले फतेहपुर: कहां-कहां भटकें हम बूढ़े पेंशनर, खोलें फरियादियों की सिंगल विंडो
Fatehpur News - फतेहपुर में 20 हजार पेंशनर्स सरकारी दफ्तरों और बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। पेंशनर्स ने कहा कि उन्हें अपने कामों के लिए बहुत परेशानी हो रही है, और नोडल अधिकारी की कमी है। कई समस्याएं जैसे दवाई की...

फतेहपुर। केंद्र्र और राज्य सरकार को मिलाकर जिले के 20 हजार पेंशनर्स जीवन यापन के लिए विभागों के चक्कर लगा रहे हैं। पेंशनर्स ने चर्चा के दौरान कहा कि हम जीवन का अमूल्य समय सरकार द्वारा दिए गए दायित्वों को निभाने में बिताते हैं। अब जब सेवानिवृत्त हो गए तो सरकारी कार्यालय हो या फिर बैंक हमें अपने कामों के लिए चक्कर काटने पड़ते हैं। पेंशनर्स रशीद ने बताया कि बुढ़ापे में सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाना किसी सजा से कम नहीं है। पेंशनरों की समस्याएं समझने और शिकायतें सुनने के लिए जिलास्तर पर न कोई नोडल अधिकारी है और न कोई पटल। डीएम की अगुवाई में हर माह एक बैठक जरूर होनी चाहिए, जिसमें पेंशनर अपनी समस्याएं रख सकें। नोडल अधिकारी बनाना जरूरी है।
पेंशनर्स रमेश ने बताया कि बैंक कर्मचारी पेंशनर्स का सहयोग नहीं करते हैं। पासबुक प्रिंट कराना हो या फिर जीवित प्रमाण पत्र जमा करना हो, अनावश्यक रूप से परेशान किया जाता है। पेंशनर काली शंकर श्रीवास्तव ने बताया कि यदि कागजातों में कोई गड़बड़ी हो गई तो उसे ठीक कराने में सालों लग जाता है। पेंशनर्स करुण सिंह ने बताया कि रिटायर होने के बाद कर्मचारी को मिलने वाले भुगतान को लेकर मुख्यालय स्तर से लेकर प्रयागराज पेंशन कार्यालय तक शोषण किया जाता है। पेंशनर्स संगठन के माध्यम से कई बार समस्याओं को दूर करने के लिए आवाज उठाई भी गई लेकिन व्यवस्थाएं नहीं बदलीं।
जेपी सिंह ने बताया कि पेंशनर्स की मौत पर नॉमिनी को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए नियमों को सरल होना चाहिए। जिससे परेशानियां न उठाना पड़े। पेंशनर्स ने सुझाव दिया कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के निधन पर नॉमिनी का भी कोरम पूरा करा लेना चाहिए। जिससे आसानी होगी।
80 साल बाद मिलती 20 फीसदी वृद्धि, कुछ को सिर्फ लाभ : योगेश नाथ बाजपेई ने बताया कि 80 साल के बाद रिटायर कर्मचारियों की पेंशन में 20 फीसदी वृद्धि का प्रावधान है। बहुत कम लोग ही लाभ उठा पाते हैं। सरकार को यह 20 फीसदी वृद्धि रिटायरमेंट होने के बाद से ही देनी चाहिए ताकि सभी लोगों को इसका लाभ मिल सके। 65 साल में पांच, 70 साल में 10, 75 साल में 15 और 80 साल पर 20 फीसदी वृद्धि के साथ पेंशन का भुगतान करें। पेंशनर्स जटाशंकर बाजपेयी ने कहा कि पेंशनरों की फाइल का निस्तारण तत्काल प्रभाव से किया जाए। एक पटल पर तीन दिन से ज्यादा फाइल न रोकी जाए। ज्यादा समय तक लंबित रहने से बार-बार कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
-----
सुझाव
- पूर्व सैनिकों और आश्रितों की तरह जिला मजिस्ट्रेट की अगुवाई में पेंशनरों के साथ मासिक बैठक हो।
- पेंशनरों के लिए थ्री स्टार वृद्धाश्रम का निर्माण हो, जहां पेंशनर समय गुजार सकें।
- रेलवे और परिवहन निगम की बसों में पेंशनरों को किराये में छूट का प्रावधान बनना चाहिए।
- रिटायरमेंट के बाद पेंशन में वार्षिक वृद्धि होनी चाहिए। उम्र की बाधा को दूर किया जाए।
- कैशलेस योजना से जुड़े निजी अस्पतालों के लिए जिला स्तर पर गाइडलाइन होनी चाहिए।
- पटल पर पेंशनरों की कई दिनों तक समस्याएं पहले लंबित रहती हैं, उनका तत्काल निस्तारण हो। कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो।
----
शिकायतें
- पेंशन के साथ चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति पर इनकम टैक्स लिया जाता है, जो टैक्स की दोहरी मार है।
- पेंशनर के बेटे की मौत पर उनकी पुत्रवधू को आश्रित नहीं माना जाता है।
- जिला और प्रदेश स्तर पर पेंशनर सलाहकार समिति है, नियमित बैठक नहीं होती।
- चिह्नित अस्पतालों में भी पेंशनरों की प्रमुख बीमारियों का इलाज नहीं हो पाता है।
- पेंशनरों की समस्या सुनने के लिए कोई अधिकारी या मजिस्ट्रेट नियुक्त नहीं है।
- कई रिटायरमेंट कर्मचारियों को पेंशन और अन्य लाभ नहीं दिए जा रहे हैं। जिससे वो काफी परेशान हैं।
-----
बोले पेंशनर्स
कई दिक्कतों को दूर करने पर सरकार काम कर रही है, लेकिन सुनवाई के लिए नोडल नियुक्त हों।
- रशीद अहमद
इनकम टैक्स में छूट दें या 50 हजार से 20 लाख रुपये तक सीमा तय की जाए। यह बहुत जरूरी है।
- शमशुल हक
पेंशनरों की समस्या हल करने के लिए अफसर नियुक्त किए जाएं ताकि समय रहते दिक्कतें दूर हों।
-धरमपाल सिंह
बसों में किराये में छूट देने का प्रावधान बने। ट्रेन में बुजुर्गों को 40 फीसदी छूट का लाभ फिर दिया जाए।
- नजमुद्दीन
मेडिकल प्रतिपूर्ति का लाभ दो माह में मिल जाना चाहिए। कई माह की देरी से आर्थिक परेशानी होती है।
- अनीसुल हक
हर पांच साल में पांच फीसदी का लाभ मिले। सीधे 80 साल बाद 20 फीसदी का लाभ मिलता है।
- श्याम सुंदर
इलाज के लिए साढ़े नौ लाख स्वीकृत हुए थे। पर बकाये धनराशि का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
-राजेंद्र नारायण
सरकारी कार्यालयों में हमारी शिकायतें सुनने में काफी हीला हवाली होती है, बैंकों तक में दौड़ाया जाता है।
- केपी सिंह
पेंशन हो या प्रतिपूर्ति जिला मुख्यालय से प्रयागराज तक वसूली की जाती है। वसूली करने पर सख्ती हो।
-राकेश चंद्र
----
बोले जिम्मेदार
सीनियर सिटीजन का काम प्राथमिकता से किए जाने के निर्देश बैंको को पूर्व में जारी किए गए हैं। बैंको को पुन: सीनियर सिटीजनों को फिर से निर्देशित किया जाएगा। जिससे सीनियर सिटीजनों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
- गोपाल कृष्ण, एलडीएम
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।