वनगमन की लीला देख दर्शको के बहें अश्रु
शिवराजपुर में गंगेश्वर धाम श्री रामलीला कमेटी द्वारा हर वर्ष होने वाली ग्यारह दिवसीय रामलीला का मंचन किया गया। बुधवार को भगवान राम के वनवास का दृश्य दर्शाया गया। महारानी कैकेई ने राजा दशरथ से राम को...
औंग। मलवा ब्लाक के अंतर्गत आने वाली ऐतिहासिक नगरी शिवराजपुर में गंगेश्वर धाम श्री रामलीला कमेटी द्वारा पिछले चौबीस वर्ष से हर वर्ष होने वाली ग्यारह दिवसीय रामलीला में का इस वर्ष भी मंचन किया गया। बुधवार को कलाकारों द्वारा भगवान राम के वनवास का मंचन किया गया। अयोध्या नरेश महाराज दशरथ राम को राजा बनाए जाने के लिये राज्याभिषेक की तैयारी करने का आदेश दिया। यह सूचना जैसे ही महारानी कैकेयी की दासी मंथरा को प्राप्त हुई। उसने महारानी के कान भरना शुरू कर दिया। और राजा दशरथ से अपने पुराने दो वरदान मांगने को कहा। महारानी कैकेई ने महराज से दो वरदानों में एक तो भरत का राज्याभिषेक व दूसरा राम को चौदह वर्ष का वनवास मांगा। माता कैकेई के वनवास मांगने की सूचना भगवान राम को मिली। तो वह पिता के वचन का सम्मान करते हुए वन को चल दिए। जिस पर राजा दशरथ फूट-फूट कर रोने लगे और पूरी अयोध्या नगरी में शोक छा गया। महाराज दशरथ का विलाप देख कर दर्शकों की आंखों से अश्रु धारा बहने लगी। यहां धनेश शुक्ला, अशोक कुमार यादव, प्रेमसागर, बसंत लाल, राहुल यादव, वीरेंद्र कुमार यादव सहित अन्य मौजूद रहे।
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