Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़फतेहपुरGovernment Ambulance Service Saves Lives 27 Safe Deliveries in 2023

प्रसूताओं के लिए जीवनदायनी बनी एंबुलेंस, गूंज रही किलकारी

फतेहपुर में गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं के लिए सरकारी एंबुलेंस सेवा एक महत्वपूर्ण सहारा बन गई है। इस साल 27 सुरक्षित प्रसव एंबुलेंस में कराए गए हैं। प्रशिक्षित स्टाफ एंबुलेंस में ही प्रसव कराने में...

Newswrap हिन्दुस्तान, फतेहपुरSun, 24 Nov 2024 11:52 PM
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फतेहपुर,संवाददाता। गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं के लिए सरकारी एंबुलेंस सेवा जीवनदायनी साबित हो रही है। एंबुलेंस में ही किलकारी गूंज रही है। अस्पताल पहुंचते-पहुंचते हालत बिगड़ने पर एंबुलेंस में ही प्रशिक्षित स्टाफ प्रसव करा रहा है। जनवरी माह से अब तक इस साल 27 सुरक्षित प्रसव एंबुलेंस में कराये जा चुके हैं। गर्भवतियों को घर से अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाना सरकारी एंबुलेंस सेवा ने आसान बना दिया है। जिले में 102 सेवा की 35 और 108 सेवा की 33 एंबुलेंस हैं। हर दिन करीब तीन सौ कॉल ये एंबुलेंस अटेंड करती हैं। जिनका रिस्पांस टाइम सात से दस मिनट हैं। 102 एंबुलेंस सेवा गर्भवतियों को घर से अस्पताल पहुंचाने के साथ प्रसव बाद सुरक्षित अस्पताल से घर पहुंचाने का काम भी कर रही हैं। जिले में तैनात एंबुलेंस जिला कार्यवाहक शुभम मिश्रा बताते हैं कि 108 एंबुलेंस सेवा तत्काल सूचना पर एक्सीडेंट स्थल पर पहुंचती है। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इन एबुलेंस को ब्लैक स्पाट के आस पास तैनात रहने के निर्देश मिले थे। इन चिंहित स्थानों पर एंबुलेंस तैनात रहती हैं। वहीं गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने का काम दोनों एंबुलेंस सेवा करती हैं। लेकिन प्रसव बाद घर छोड़ने के लिए जरुरतमंद को 102 पर ही कॉल करनी पड़ती है। घर छोड़ने की जिम्मेदारी 102 एंबुलेंस सेवा की है।

एंबुलेंस में होता है प्रशिक्षित स्टाफ

सरकारी एंबुलेंस सेवा में प्रत्येक एंबुलेंस में चालक के साथ पैरामेडिकल स्टाफ होता है। पैरामेडिकल स्टाफ इमरजेंसी सेवा और प्रसव आदि के लिए प्रशिक्षित होता है। कई बार गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीर अधिक होती है। अस्पताल पहुंचने से पहले ही प्रसव कराना पड़ता है। स्टाफ के प्रशिक्षित होने के कारण दिक्कत नहीं होती और सड़क पर एक किनारे एंबुलेंस खड़ी कर एंबुलेंस कर्मी सुरक्षित प्रसव करा देते हैं।

ऑनलाइन चिकित्सक से परार्मश ले कराया प्रसव

22 अक्टूबर को अमौली ब्लाक के खादरी गांव निवासी सरिता को प्रसव पीर होने पर परिजनों ने 102 नंबर पर काल किया। करीब आठ मिनट में एंबुलेंस उनके दरवाजे पहुंच गई। अस्तपाल ले जाते समय रास्ता खराब होने की वजह से गर्भवती की प्रसव पीड़ा बढ़ जाने पर ईएमटी ने सड़क किनारे एंबुलेंस खड़ी करके अपनी सुझ-बुझ और ऑनलाइन चिकित्सक डॉ. रस्तोगी व आशा की मदद से सुरक्षित प्रसव कराया। इसके बाद सीएचसी अमौली में भर्ती कराया। जहां दोनों जच्चा बच्चा स्वस्थ्य थे।

कोट...

102 और 108 एंबुलेंस सेवा पूरी तरह से नि:शुल्क है। गर्भवती महिलाओं व दो साल तक के बच्‍चों को घर से सरकारी अस्‍पताल ले जाती है और वापस घर भी छोड़ती है। आकस्मिक स्थिति के लिए एम्बुलेंस में डिलीवरी किट उपलब्‍ध रहती है। एंबुलेंस स्टाफ भी प्रशिक्षित हैं। इस साल एंबुलेंस में 27 सुरक्षित प्रसव कराए जा चुके हैं।

आशीष कुमार द्विवेदी, प्रोग्राम मैनेजर एंबुलेंस सेवा

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