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बोले फतेहपुर: सड़क पर सैर की मजबूरी साथ-साथ चलता है खतरा

Fatehpur News - फतेहपुर शहर में केवल 11 पार्क हैं, जो पांच लाख की आबादी के लिए अपर्याप्त हैं। अटल पार्क शहर से चार किलोमीटर दूर है, और अन्य पार्कों में सुविधाओं की कमी है। लोग सड़कों पर चलने को मजबूर हैं, जिससे...

Newswrap हिन्दुस्तान, फतेहपुरThu, 20 Feb 2025 06:25 PM
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बोले फतेहपुर: सड़क पर सैर की मजबूरी साथ-साथ चलता है खतरा

फतेहपुर। विडंबना देखिए पांच लाख की आबादी वाले फतेहपुर शहर में मात्र 11 पार्क ही हैं जहां लोग मॉर्निंग वॉक कर सकें। नगर पालिका परिषद की ओर से तीन साल पहले शहर से बाहर पक्का तालाब के पास अटल पार्क बनवाया गया था लेकिन शहर से करीब चार किलोमीटर दूर होने के कारण मॉर्निंग वॉकरों का वहां पहुंचना मशक्कत भरा है। घनी आबादी के बीच एक छोटा पार्क बिंदकी बस स्टॉप रोड और दूसरा डीएम आवास सिविल लाइंस में है। इन पार्कों में सुविधाओं का अभाव है। साथ ही यहां समय से पहले ताला लगा दिया जाता है। पाथवे कम चौड़ा होने के कारण चलने में दिक्कत होती है। पार्क न होने के कारण मॉर्निंग वॉकरों को मजबूरन सड़कों पर वॉक करना पड़ रहा है। मार्निंक वॉकर सत्येंद्र ने बताया कि जिले की आबादी पांच लाख है, ऐसे में सिर्फ 11 पार्कों से काम नहीं चलेगा।

मॉर्निंग वॉक भी जरूरी है! क्योंकि विशेषज्ञ बताते हैं कि सिर्फ आधे घंटे की मार्निंग वॉक आपके शरीर में दिनभर के लिए ऊर्जा भर देती है। सुबह के समय पार्क में सैर मरीजों के लिए भी संजीवनी की तरह कार्य करती है। शहर का सतत विकास जारी है। इस विकास में सेहत कहां है? प्रशासन लोगों के घूमने-टहलने आदि की व्यवस्था का दावा करता है लेकिन शहरियों को अच्छा पार्क ही नसीब नहीं है। इसके कारण आम लोगों को घूमने-टहलने में काफी परेशानी होती है। खासकर बुजुर्गों व महिलाओं को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पार्क के अभाव में लोग सड़कों पर मॉर्निंग वॉक करते हैं। नरेश चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि मैदान के नाम पर कलेक्ट्रेट स्थित गांधी मैदान है लेकिन वहां ज्यादातर अधिकारी, कर्मचारी ही मार्निंग वॉक के लिए पहुंचते हैं। बाकी टाइम ताला बंद रहता है। इसके अलावा शहर के किनारे बना स्पोर्ट्स स्टेडियम में आम जनता को प्रवेश नहीं दिया जाता है। इसे भी शून्य मानें। आईटीआई का मैदान पहले खुला रहता था, तो लोग पहुंच जाते थे लेकिन अब चारों तरफ बाउंड्री हो गई है। ऐसे में शहर की सड़कें ही सुबह की सैर करने के लिए बचती हैं।

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शिकायतें

- पार्कों की कमी होने से सुबह टहलने वालों को अच्छी जगह नहीं मिलती है।

- जहां पार्क हैं भी वहां के झूले टूटे हुए हैं, गंदगी भी रहती है।

- रास्ते में स्ट्रीट लाइटें खराब होने से अंधेरा रहता है।

- गंदगी के कारण सुबह की शुद्ध हवा भी प्रदूषित रहती है।

- अन्ना मवेशियों से टहलने वालों को खतरा है।

- आईटीआई ग्राउंड के बंद होने से सुरक्षित स्थान की दिक्कत है।

- सुबह की सैर के वक्त मार्गों पर पुलिस नहीं रहती, कई बार लूट भी हो जाती है।

- ओपेन जिम उपकरण टूट जाने से बंद हो गई है।

- सुबह के समय खनन कर जा रहे वाहनों के फर्राटा भरने से हादसों की आशंका रहती है।

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सुझाव

- नए पार्क बनवाने के साथ उन्हें आधुनिक सुविधाओं से लैस करना चाहिए।

- लाइटिंग की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए।

- सन्नाटे वाले स्थानों पर पुलिस पेट्रोलिंग होनी चाहिए।

- भारी वाहनों के प्रवेश पर सुबह के समय रोक लगानी चाहिए।

- शहर में एक साइकिलिंग ट्रैक होना बहुत जरूरी है।

- नहर कालोनी को ट्रैक के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

- टहलने वाले स्थानों की साफ-सफाई व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए।

- आधुनिक संसाधन युक्त ओपेन जिम बनाना चाहिए।

- सरकारी जमीन चिह्नित कर ट्रैक बनवाना चाहिए, ताकि लोग आसानी से टहल सकें।

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बोले मार्निंग वॉकर्स

अच्छे साफ-सुथरे पार्क न होने से सुबह टहलने में समस्या होती है, हमें अच्छे पार्क की जरूरत है।

-ज्ञान सिंह

सड़क पर सुबह टहलन में डर लगता है, क्योंकि बड़े वाहन गुजरते है, एक पार्क तो बिना डरे टहल सकें।

-विकास सिंह

आईटीआई रोड में पूर्व में टहलने की सुविधा मिलती रही है इसके बंद होने से सड़क किनारे टहलना पड़ता है।

-कमल सिंह

सेना में जाने की चाह के चलते सुबह से ही कसरत व दौड़ने की प्रैक्टिस की जाती है लेकिन स्थान नहीं है।

-आदर्श

तैयारी करने वाले युवाओं के लिए कोई भी मुफीद स्थान नहीं है जिससे खासी परेशानी होती है।

-वीरू

पहले शहर की आबादी कम थी लेकिन अब बढ़ गई है, ऐसे में पार्कों की संख्या भी बढ़नी चाहिए।

-अश्वनी सचान

सुबह टहलने, दौड़ व कसरत को पर्याप्त स्थान न होने से ताम्बेश्वर रोड पर ही टहलने को जाना पड़ता है।

-अभिषेक कश्यप

पार्क न होने से मजबूरी में सड़क किनारे टहलना पड़ता है। लाइट आदि सुविधाएं भी नहीं हैं।

-निखिल यादव

सड़क किनारे टहलना मजबूरी है। ट्रैक आदि की व्यवस्था हो तो हमें क्यों सड़क किनारे भागना पड़ा।

-संदीप श्रीवास्तव

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बोले फतेहपुर

मार्निंग वाकर्स की सुविधाओं को देखते हुए पार्कों की साफ सफाई और टाइमिंग में बदलाव किए जाने के निर्देश दिए गए है। पार्कों में खराब लाइट को दुरुस्त कराते हुए क्षतिग्रस्त ट्रैक को भी ठीक जाएगा। सड़क पर टहलने वाले लोगों को असुविधा न हो इसके लिए मुख्य मार्गों पर सफेद पट्टी बनाने का भी प्रयास किया जाएगा।

-धीरेन्द्र प्रताप,एडीएम

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