बोले फतेहपुर: कलेजा छील देती हैं तहसील की तकलीफें
Fatehpur News - फतेहपुर के पुरानी तहसील के रजिस्ट्री कार्यालय में 37 अधिवक्ता और 4000 लोग रोजाना आते हैं, लेकिन शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। गंदगी और अव्यवस्था से अधिवक्ता परेशान हैं। परिसर में सुरक्षा...
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फतेहपुर। शहर के जीटी रोड स्थित पुरानी तहसील में रजिस्ट्री कार्यालय, डूडा और सर्व शिक्षा अभियान के कार्यालय हैं। पूरे परिसर में 37 अधिवक्ता एवं बैनामा लेखक बैठते हैं। वहीं रोजाना तीन से चार हजार लोग रोज आते जाते हैं। इतनी भीड़भाड़ वाली जगह पर शौचालय की व्यवस्था नहीं है। यूनियन के लोगों ने एक शौचालय का निर्माण कराया था, उस पर भी कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया। पीने के पानी के लिए बोतल बंद पानी या कैंटर बाहर से मंगाना पड़ता है। खासकर गर्मियों में पानी को लेकर ज्यादा दिक्कत रहती है। जिसका अतिरिक्त खर्चा आता है। परिसर में चारों ओर गंदगी और परिसर में खड़ी बाइकों से निकलने तक को रास्ता नहीं रहता है। जिससे बैनामा लेखक और अधिवक्ता परेशान रहते हैं।
वहीं विजय शंकर मनु बताते हैं कि कार्यालय परिसर में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। अगर कभी वारदात हो जाए तो पुलिस का इंतजार करना पड़ता है। जबकि यहां जमीन के सिलसिले में रोज ही ठीक-ठाक कैश लेकर लोग आते हैं। कार्यालय में बिना रजिस्ट्रेशन के भी कुछ लोग काम करते हैं, जो नियम विरुद्ध है। पुरानी इमारत हो जाने के कारण हादसे का खतरा रहता है। अधिकांश अधिवक्ता अपना खुद की टीनशेड लगवा कर अपना चैम्बर बनाए हुए हैं। जो कुछ पक्के शेड बने हैं। अभिषेक यादव ने बताया कि चारों ओर फैली गंदगी को लेकर प्रशासन ध्यान नहीं देता है। गंदगी के चलते यहां कई बार तो रुमाल लगाकर बैठना पड़ता है। अगर रोज सफाई हो तो ऐसा न रहे। गंदगी के चलते यहां बीमारी फैलने का भी खतरा रहता है। आसपास पौधों के बीच विशैले जीवों के आने का खतरा भी मंडराता रहता है। अशोक कुमार बाजपेई का कहना रहा है कि अनाधिकृत रूप से परिसर में कई दुकानें संचालित होती हैं, जिससे अव्यवस्था फैलती है। बैनामा लेखक बाल मुकुन्द ने बताया कि रजिस्ट्री कार्यालय में कहने को तो दो स्थानों पर शौचालय बने हैं लेकिन एक में ताला लटकता रहता है। जिसके चलते यूनियन ने करीब 2.50 लाख रुपये खर्च कर दूसरे स्थान पर शौचालय बनवाया था लेकिन इस शौचालय में कब्जा किए जाने के कारण अधिवक्ताओं संग वादकारियों व बैनामा लेखकों को परेशान होना पड़ता है। जिससे परिसर में गंदगी फैलने के कारण अधिवक्ताओं में रोष रहता है। कई बार मांग किए जाने के बावजूद समस्याओं से निजात नहीं मिल पा रही। लेखकों का कहना है कि कम से कम बैठने लायक जगह तो मिले।
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सुझाव
- तहसील कार्यालय में रोज चार हजार तक लोग आते हैं अत: यहां पीने के पानी के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।
- जर्जर परिसर की मरम्मत करवाई जाए, ताकि यहां काम काम करने वाले बिना डरे बैठ सकें।
- तहसील परिसर में बने पक्के शेडों पर किए गए कब्जे को हटवाया जाए, यहां से अराजकतत्वों का जमावड़ा खत्म किया जाए।
- शौचालय में किए गए कब्जे को खाली करवाया जाए, यहां लोगों की भीड़ देखते हुए अन्य शौचालय भी बनवाने की जरूरत है।
- कार्यालय परिसर से दलालों को चिह्नित कर बाहर किया जाए, सुरक्षा को लेकर यहां पर फोर्स हमेशा मुस्तैद रहे।
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शिकायतें
- परिसर में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। बैनामा लेखकों को पानी की बोतल या टैंकर मंगाने पड़ते हैं। जिससे अतिरिक्त खर्चा आता है।
- परिसर अत्यधिक जर्जर है, जिसके गिरने से हादसा होने का खतरा रहता है।
- तहसील परिसर में कई जगहों पर कब्जे हैं, यहां अराजकतत्वों का जमावड़ा भी लगा रहता है। जिससे काफी दिक्कत होती है।
- पूरे परिसर में शौचालय व यूरीनल की व्यवस्था नहीं है। साथ ही यहां सफाई न होने से भीषण गंदगी चारों ओर फैली रहती है।
- कार्यालय परिसर में सुरक्षा के नहीं हैं कोई इंतजाम नहीं है, जिससे डर लगा रहता है। बिना सीओपी और रजिस्ट्रेशन के लोग काम करते रहते हैं।
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बोले बैनामा लेखक/वकील
बिना रजिस्ट्रेशन व सीओपी के काम करने वालों से बैनामा लेखकों को खासी दिक्कत होती है।
-सावन श्रीवास्तव
परिसर में पीने के पानी की व्यवस्था न होने से लोगों को खासी परेशानी होती है।
-सचिन श्रीवास्तव
कार्यालय परिसर में पार्किंग न होने से यहां आवागमन करना मुश्किलों से भरा है।
-जितेंद्र श्रीवास्तव
कार्यालय में बिना रजिस्ट्रेशन के लोग बैठते हैं। इन्हें चिह्नित करने की जरूरत है।
-महेश कुमार त्रिवेदी
यूनियन के बनाए शौचालय पर लोगों ने कब्जा कर लिया है, जिसे हटवाया चाहिए।
-केबी सिंह
जर्जर बिल्डिंग के कारण बारिश में छत टपकती है, बैठना मुश्किल हो जाता है।
-अमित अग्रहरि
कार्यालय परिसर में सुरक्षा के इंतजाम न होने से वारदात होने का डर लगा रहता है।
-राकेश कुमार
रात में अराजकतत्वों का जमावड़ा रहता है। यहां पुलिस गश्त व रात में सुरक्षा पुख्ता होनी चाहिए।
-अन्नू त्रिपाठी
वाहन पार्किंग न होने से निकलना दूभर है, वाहनों पर भी अक्सर खरोंच आ जाती है।
-दीपक त्रिपाठी
परिसर में सरकारी शेडों से कब्जे हटवा अधिवक्ताओं को आवंटित किए जाएं।
- महेंद्र श्रीवास्तव
मूलभूत सुविधाएं जैसे शौचालय और स्वच्छ पानी तो कम से कम मुहैया कराना ही चाहिए।
-देवेश त्रिपाठी
बोले जिम्मेदार
पुरानी तहसील स्थित रजिस्ट्री कार्यालय परिसर में यदि समस्याएं हैं तो उनका निस्तारण कराया जाएगा। वहां पर पार्किंग की व्यवस्था कराई जाएगी। साफ सफाई के लिए जिम्मेदार विभाग को निर्देश दिए जाएंगे। जल्द यहां की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की जाएंगी।
-अविनाश त्रिपाठी, एडीएम वित्त
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