हजारों किसानों से सामने गेहूं बिक्री का संकट!
किसानों के उपज की खरीद को केन्द्र तैयार हैं, सरकार का भी अत्यधिक खरीद करने का दवाब है लेकिन किसान केन्द्र से दूरी बनाए हुए हैं। वजह साफ हैं कि विपणन विभाग में रजिस्ट्रेशन नहीं है। बिना रजिस्ट्रेशन...
किसानों के उपज की खरीद को केन्द्र तैयार हैं, सरकार का भी अत्यधिक खरीद करने का दवाब है लेकिन किसान केन्द्र से दूरी बनाए हुए हैं। वजह साफ हैं कि विपणन विभाग में रजिस्ट्रेशन नहीं है। बिना रजिस्ट्रेशन उपज की ब्रिकी संभव नहीं है। ऐसे में हजारों किसान रजिस्ट्रेशन के लिए परेशान है।
लोकवाणी बंद- एंड्रायड फोन है नहीं
लाकडाउन को लेकर लोकवाणी केन्द्र बंद हैं। अफसर सेल्फ मोबाइल से रजिस्ट्रेशन करने पर जोर दे रहे हैं लेकिन बड़ी संख्या में किसानों के पास एंड्रायड फोन भी नहीं है। जिनके पास फोन हैं वह नेटवर्क की समसय से परेशान है। ऐसे में किसान अफसरों से बिना रजिस्ट्रेशन खरीद करने की मांग कर रहे हैं।
सिर्फ 1890 किसानों का हुआ रजिस्ट्रेशन
गत वर्ष सरकारी खरीद केन्द्रों में किसानों ने गेहूं की बिक्री की थी। विभाग के अनुमान है कि इस सत्र में करीब 14 हजार किसानों की उपज खरीदे जाने की उम्मीद है। जिसके सापेक्ष अभी तक 1890 किसान ही रजिस्ट्रेशन करा चुके है। करीब 12 हजार किसान रजिस्ट्रेशन के लिए भटक रहे हैं।
मोबाइल नबंर व आधार जरूरी
पूर्व में रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड और मोबाइल नंबर जरूरी नहीं थी लेकिन सरकार ने नियमों में बदलाव कर आधार कार्ड और मोबाइल नंबर को अनिवार्य कर दिया है। रजिस्ट्रेशन के दौरान किसान को मोबाइल पर ओटीपी आएगी। ओटीपी की इंट्री पर ही रजिस्ट्रेशन संभव है।
प्रभारी से लें सकते हैं मदद
डिप्टी आरएमओ एसके श्रीवास्तव का कहना है कि बिना रजिस्ट्रेशन कराएं केन्द्र में उपज की ब्रिकी संभव नहीं हैं। किसान अपने या पड़ोसी के मोबाइल से रजिस्ट्रेशन कराएं। जिन्हें असुविधा हो रही हैं वह केन्द्र प्रभारी से सहायता लेकर रजिस्ट्रेशन नंबर जनरेट कराएं।
आंकड़ों पर एक नजर..
63 खरीद केन्द्र जिले में हैं
82 लाख मिट्रिकटन खरीद का है लक्ष्य
14 हजार किसान सरकारी केन्द्र में उपज बिक्री करते हैं
1890 किसान करा चुके हैं रजिस्ट्रेशन
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