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बोले फतेहपुर: 20 मौतों पर रोए हैं हम पर सेफ्टी किट नहीं मिलीं

Fatehpur News - फतेहपुर में बिजली विभाग के संविदा कर्मचारी सुरक्षा किट और उचित मानदेय की कमी से परेशान हैं। हेल्थ इंश्योरेंस की अनुपस्थिति में कर्मचारी कई जोखिमों का सामना कर रहे हैं, जिसमें दुर्घटनाएं और मौतें शामिल...

Newswrap हिन्दुस्तान, फतेहपुरThu, 20 Feb 2025 06:10 PM
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बोले फतेहपुर: 20 मौतों पर रोए हैं हम पर सेफ्टी किट नहीं मिलीं

फतेहपुर। बिजली विभाग के संविदा कर्मचारी इस वक्त तमाम कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। न तो उन्हें सम्मानजनक मानदेय मिल रहा है न ही उनकी मांगों पर ध्यान दिया जा रहा है। संविदा कर्मचारी रहीश अहमद का कहना है कि अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने वाले लाइनमैनों का हेल्थ इंश्योरेंस भी नहीं किया जाता है। अगर काम के दौरान मौत हो गई तो 10 लाख रुपये परिवार को मिलेंगे। अगर वह बीमार हुआ या झुलसा तो हेल्थ इंश्योरेंस न होने के कारण जेवर तक बेचने पड़ते हैं। हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी है। कम से कम काम करते वक्त सुरक्षा के उपकरण तो मिलने ही चाहिए। कर्मचारी सतीश ने बताया कि 20 मौतों पर हम लोग बिलख चुके हैं लेकिन सेफ्टी किट आज तक नहीं मिली।

बिजली कर्मी नरेश तिवारी ने बताया कि संविदा पर तैनात कर्मचारियों के लिए सुरक्षा किट जरूरी है। नरेश का आरोप है कि ठेकेदार इसमें गड़बड़ी करते हैं। सुरक्षा किट ठेकेदार को विभाग के निर्देश पर उपलब्ध कराई जाती है। किट का बजट भी आता है, लेकिन ठेकेदार सांठगांठ कर घालमेल कर देते हैं। नतीजा ये होता है कि बिना सुरक्षा किट के ही कर्मचारी काम करते हैं और अक्सर किसी न किसी हादसे का शिकार हो जाते हैं। जिसमें उनकी जान जाती है या घायल होकर दिव्यांग हो जाते हैं। बिजली कर्मी धर्मवीर ने बताया कि बिजली कर्मियों को सुरक्षा किट में ग्लब्ज, अर्थिंग चेन, कैप, सेफ्टी बेल्ट, एंग्रीमेंट वर्दी या सेफ्टी सूट, हाइडोलिक सीढ़ी, जूते, लाइट युक्त हेलमेट दिया जाता है। ग्लब्ज करंट से बचाता है। अर्थिंग चेन को काम के दौरान करंट को अर्थिंग देने के लिए इस्तेमाल करते हैं। कैप व हेलमेट लाइनमैन के सिर को तारों के करंट व चोटों से बचाते हैं। सेफ्टी बेल्ट पोल पर चढ़ने के दौरान झटका लगने पर गिरने से बचाती है। बताया गया कि विभाग के पास सिर्फ 200 किट मौजूद है, जबकि 950 किटों की जरूरत है। ऐसे में ज्यादातर कर्मचारी बिना किट के ही काम करते देखे जा सकते हैं।

विनय कुमार ने बताया कि माह में 26 दिन प्रति आठ घंटे ड्यूटी के बजाय 30 दिन व आठ घंटे से अधिक ड्यूटी कराई जा रही है।कर्मचारियों को मिलने वाली महीने में चार दिन की छुट्टी देने के साथ ही अनुबंध के अनुसार काम किया जाए।

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सुझाव

- बिजली विभाग में काम करने वाले सभी कर्मचारियों से सुरक्षा किट के साथ ही काम लिया जाना अनिवार्य हो।

- अनुबंध के अनुसार संविदा बिजली कर्मचारियों से तय समय और घंटे पर ही काम करवाया जाए।

- हादसे के चलते दिव्यांग हुए कर्मचारी या मृत कर्मियों को निर्धारित मुआवजा दिलाने में विभागीय अधिकारी तेजी के साथ काम करें।

- संविदा कर्मियों को समय से मानदेय दिलाने के लिए विभागीय सख्ती ठेकेदारों पर की जाए।

- कंपनी को हटाकर विभाग खुद ही एग्रीमेंट करे तो अच्छा रहेगा, साथ ही एग्रीमेंट करते समय भी कंपनी की अच्छे से जांच-पड़ताल की जाए।

- काम का बोझ कम करने के लिए संविदा कर्मियों की भर्ती की जाए। हटाए गए लोगों को दोबारा रखा जाए।

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शिकायतें

- बिजली विभाग के संविदा कर्मियों को बिना सुरक्षा किट दिए काम कराया जाता है। जो एक बड़ा खतरा है।

- अनुबंध के मुताबिक संविदाकर्मी काम नहीं करते, दिन में निश्चित आठ घंटे से ज्यादा काम करना पड़ता है।

- बिना सुरक्षा किट के काम करने पर हाल के सालों में कई संविदा कर्मी घायल हो चुके हैं, कई की मौत भी हुई। उनके मुआवजों की फाइलें लंबित पड़ी हैं।

- ज्यादा काम कराने के बाद भी संविदा कर्मियों को समय से मानदेय नहीं मिलता है।

- ठेकेदारी प्रथा के चलते कई बार कंपनियां भी कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी कर देती हैं, उनका मानदेय देर से मिलता है।

- जरूरत के हिसाब से संविदा कर्मियों की संख्या कम है। ऐसे में उनपर बोझ बढ़ता जा रहा है।

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बोले बिजली संविदा कर्मी

संविदा कर्मचारियों से ज्यादा काम लिया जाता है। विभाग को चाहिए कि कर्मचारियों की और नियुक्ति कराए।

-उमाकांत

संविदा कर्मियों को सुरक्षा किट उपलब्ध कराई जानी चाहिए, कम से कम वो सुरक्षित होकर काम कर सकें।

-पंकज

बर्खास्त कर्मियों की सेवा बहाल की जाए, जिससे अन्य कर्मिचारियों को काम में राहत मिले।

-रहीश अहमद

संविदा कर्मियों को समय से मानदेय नहीं मिलता, जिससे कई बार दिनचर्या चलाना भी मुश्किल हो जाता है।

-शशिकांत तिवारी

काम करते वक्त हादसों का शिकार हुए कर्मियों को मुआवजा भी समय से नहीं मिल पाता, जिससे उनके परिवार को रोटी तक का संकट है।

-दीपांशु

कर्मचारियों को सुरक्षा किट मिले तो बिना डरे काम करें। लापरवाही से होने वाले हादसों से डर का माहौल बन गया है।

-अतुल कुमार

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बोले जिम्मेदार

संविदा कर्मचारियों को होने वाली परेशानियों की जानकारी मिलने पर उनका त्वरित निस्तारण कराया जाता है। इस समय चल रहे ओटीएस के दौरान सही परर्फामेंस न देने के कारण कुछ परेशानियां आ रही हैं। शेष माह का वेतन भुगतान समय पर किया जाता है वहीं कर्मियों द्वारा की जाने वाली गलतियों के चलते ही कार्यवाही की जाती है। बताया कि संविदा कर्मचारियों को सुरक्षा किट देने के लिए ठेकेदारों को पत्र देने की कार्रवाई की जा रही है।

- एसके लोहाट, एसई, बिजली विभाग

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