Hindi NewsUttar-pradesh NewsFatehpur NewsArcheology forgot age-old wealth

रेंय की युगों पुरानी संपदा को भूल गया पुरातत्व

Fatehpur News - यमुना नदी के किनारे बसा छोटा सा गांव रेंय अपनी कोख में युगों पुरानी संपदा और शिल्प समेटे हैं। पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस गांव में आज भी कलात्मक वैभव का प्रतीक बर्तन, ईंट व प्रतिमाएं मिलती...

Newswrap हिन्दुस्तान, फतेहपुरTue, 6 Oct 2020 10:45 PM
share Share
Follow Us on

यमुना नदी के किनारे बसा छोटा सा गांव रेंय अपनी कोख में युगों पुरानी संपदा और शिल्प समेटे हैं। पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस गांव में आज भी कलात्मक वैभव का प्रतीक बर्तन, ईंट व प्रतिमाएं मिलती हैं। हालांकि यह संरक्षण की बाट जोह रहा है। यहां मिली भगवान विष्णु की अष्टधातु की प्रतिमा को कीतिखेड़ा में स्थापित कर दिया गया लेकिन गांव को संरक्षित करने के प्रयास आज तक शून्य ही रहे।

द्वापर युग में राजा रेवत की राजधानी के रूप यह गांव नगर की तरह ही विकसित था। कई इतिहासकारों ने यहां पर मिली खंडित मूर्तियों, गोलाकार कुआं, ईंट की दीवारें, पकी मिट्टी के बर्तन का जिक्र करते हुए कहा था कि भग्नावेशों से यह अनुमान है कि यह मौर्य व शुंगकालीन होंगे। नदी किनारे का गांव होने के कारण कभी यह व्यापारिक केंद्र रहा होगा। इसके बाद भी पुरातत्व विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों का कहना है कि इस धरती में कई युगों का रहस्य है। पुरातत्व विभाग ने कभी इसे खोजने व सहेजने की कोशिश ही नहीं की। आज भी खोदाई करने पर खंडित मूर्तियां, प्राचीन बर्तन व कई आकार की पुरानी ईंटे यहां मिलती हैं अगर पुरातत्व विभाग इसको संरक्षित कर खोदाई कराए तो इतिहास की कई परतें सामने आ जाएंगीं।

कटान में मिली थी भगवान विष्णु की प्रतिमा

सालों पहले टीले की कटान से मिली भगवान विष्णु की अष्टधातु की मूर्ति को सुरक्षा कारणों से भव्य मंदिर का निर्माण कराकर कीर्तिखेड़ा में स्थापित कर दिया गया है। इस प्रतिमा का अलग महत्व माना जाता है। भगवान विष्णु की प्रतिमा के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं।

यवन राजा मेनैंडर का शिवलिंग

रेंय का सर्वाधिक प्राचीन एवं महत्वपूर्ण पाषाण प्रतिमा इंडो-ग्रीक राजा मेनैंडर का लेखांकित शिवलिंग है। पुरातात्विक मानचित्र में इस शिवलिंग को पाया तो इस पर शोध शुरू हुआ। भू सामधिस्थ शिवलिंग की ऊंचाई डेढ़ मीटर से अधिक पाई गई। कला की दृष्टि से शिवलिंग तीन भागों में बंटा हुआ है। नीचे का ब्रह्म भाग, बीच का विष्णु भाग और ऊपर का रूद्र भाग है। इसमें मौर्य कालीन ओपदार पालिश है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें