आधार नामांकन को पूड़ी-सब्जी के साथ रात में ही लगती लाइन
हर व्यक्ति की जरुरत बन चुके आधार कार्ड बनवाना मुश्किलों से भरा है। अव्यवस्थाओं के कारण गांव से शहर तक लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए धक्के खा रहे है। शहर के मुख्य डाकघर में 30 फार्म स्वीकार किए जाने के...
हर व्यक्ति की जरुरत बन चुके आधार कार्ड बनवाना मुश्किलों से भरा है। अव्यवस्थाओं के कारण गांव से शहर तक लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए धक्के खा रहे है। शहर के मुख्य डाकघर में 30 फार्म स्वीकार किए जाने के कारण दूर दराज से आकर लोग पूड़ी-सब्जी के साथ सारी रात लाइन में लगे रहते हैं। बावजूद इसके उन्हें कई कई दिनों तक केन्द्र के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
शहर के मुख्य डाकघर में रात हो या दिन आधार नामांकन एवं कार्ड में संशोधन को लेकर न सिर्फ आम लोग परेशान हो रहे हैं बल्कि छात्र-छात्राएं भी आगे की कक्षा में प्रवेश लेने के लिए आधार कार्ड के लिए रतजगा करने को मजबूर हैं। शासन द्वारा आधार नामांकन एवं संशोधन के लिए डाकघर एवं बैंक शाखाओं को जिम्मेदारी दी है। बैंकों में सिर्फ ग्राहकों को प्राथमिकता दिए जाने के कारण शहर में मुख्य डाकघर में लोग आधार कार्ड बनवाने व संशोधन के लिए पहुंच रहे हैं।
50 के स्थान पर बांटे जाते 30 फार्म
व्यवस्था के अनुसार प्रतिदिन 50 आधार नामांकन की व्यवस्था है लेकिन डाक प्रशासन द्वारा 15 फार्म महिलाओं को और 15 फार्म पुरुषों को वितरित करते हैं। सुबह साढे छह बजे वितरित होने वाले फार्मो को लेकर लोग खाना पानी के साथ रात से ही मुख्य गेट पर डेरा जमाने को मजबूर हैं। बावजूद इसके एक बार में ही लोगों को काम नहीं होता है, जिससे खासे परेशान नजर आ रहे हैं। कक्षा 11 की छात्रा वंदना अपनी मां के साथ आकर रात भर जागी लेकिन आधार कार्ड के लिए फार्म नहीं मिल सका।
60 किमी दूर से आते ग्रामीण
मुख्य डाकघर में आधार नामांकन एवं संशोधन के लिए 60 किमी दूर स्थित गांवों से आकर रात में लाइन लगा रहे हैं। गुरुवार को हथगाम क्षेत्र के नगरा से कक्षा 10 के छात्र उमेश कुमार, योगेन्द्र कुमार, शाह जैतपुर की 11 की छात्रा सुमन, चक अल्लीपुर से सलोनी देवी, रावतपुर से सत्यम आदि फार्म न मिलने से निराश गेट के बाहर खड़े नजर आए। जब इनसे पूछा गया तो बताया कि तीन-चार दिनों से चक्कर काट रहे हैं। रात भर जागने के बाद भी फार्म नहीं मिलता है। इनमें से किसी को आधार कार्ड संशोधन कराना है तो किसी को नया आधार कार्ड बनवाना है।
विभाग का आठ सेंटरों में सेवा देने का दावा
डाक प्रशासन का दावा है कि मुख्य डाकघर समेत बिंदकी, खागा और खजुहा, हथगाम, अमौली, फतेहपुर कोर्ट समेत आठ डाकघरों में यह सेवा प्रदान की जा रही है। अब सवाल यह उठता है कि यदि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में यह सेवा प्रदान की जा रही है तो लोग मुख्य डाकघर में आकर रतजगा क्यों कर रहे हैं। वहीं लोगों का आरोप है कि मुख्य डाकघर के अलावा अन्य किसी डाकघर में व्यवस्था नहीं चल रही है।
एक और काउंटर खोले जाने की मंशा
लोगों की समस्या को देखते हुए डाक प्रशासन एक और काउंटर खोले जाने की बात कह रहा है। विभाग की माने तो अभी एक काउंटर पर पूरे दिन कर्मचारी काम कर रहे हैं। समस्या को देखते हुए एक और काउंटर खोला जाएगा। जिससे लोगों को सहुलियत मिल सके।
कोट....
मुख्य डाकघर समेत जिले के आठ डाकघरों में आधार कार्ड बनाने की व्यवस्था है। बावजूद इसके मुख्य डाकघर में ही ज्यादा लोग आ रहे हैं। प्रतिदिन 50 लोगों को फार्म दिए जाते हैं। जिनके नामांकन एवं संशोधन की प्रक्रिया की जा रही है। शीघ्र ही एक और काउंटर खोले जाने का विचार किया जा रहा है।
-राजकुमार, उप अधीक्षक डाक
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