पुलिस दफ्तर में विवेचक ने देखी चरित्र पंजिका
गैर हाजिर सिपाही नरेश सिंह के मामले में तत्कालीन प्रधान लिपिक प्रेमचंद्र राजपूत के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट फतेहगढ़ कोतवाली में दर्ज है। मुकदमे की विवेचना कर रहे दरोगा ने पुलिस कार्यालय पहुंचकर गैर...
गैर हाजिर सिपाही नरेश सिंह के मामले में तत्कालीन प्रधान लिपिक प्रेमचंद्र राजपूत के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट फतेहगढ़ कोतवाली में दर्ज है। मुकदमे की विवेचना कर रहे दरोगा ने पुलिस कार्यालय पहुंचकर गैर हाजिर रहे सिपाही की चरित्र पंजिका को देखा। विवेचक को और जो महत्वपूर्ण अभिलेख चाहिए थे वह हाथ नहीं लग पाए। ऐसे में विवेचक को यहां से लौटना पड़ा। सिपाही नरेश सिंह साढे़ तीन साल तक गैरहाजिर रहा और उसका वेतन निकलता रहा। जब दिसंबर माह में उसकी मौत की खबर पहुंची तो इसका खुलासा हुआ। इस मामले में धोखाधड़ी में तत्कालीन प्रधान लिपिक प्रेमचंद्र राजपूत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। इसकी विवेचना दरोगा दिनेश चंद्र यादव कर रहे हैं। मंगलवार को वह पुलिस कार्यालय पहुंचे और उन्होंने सिपाही नरेश सिंह की चरित्र पंजिका को देखा। यह पता करने का प्रयास किया कि उसके प्रमोशन में रोल किसने लिखा। विवेचक ने बताया कि जो राइटिग्ंा सामने आएगी उसका मिलान कराया जाएगा। उन्होने बताया कि कुछ महत्वपूर्ण अभिलेख चाहिए हैं वह अभी नहीं मिल पा रहे हैं। उनके मिलते ही जांच की रफ्तार और तेज हो जाएगी।
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