. . .ऐसे तो गांवों में बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा
फर्रुखाबाद। हिन्दुस्तान संवाद शासन ने भले ही बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कोरोना जांच...
फर्रुखाबाद। हिन्दुस्तान संवाद
शासन ने भले ही बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कोरोना जांच का काम डोर टू डोर कराने के नर्दिेश दिए हैं मगर सेहत महकमे की टीमें अभी तक गांवों में पहुंची ही नहीं हैं। जो जांचे हो रही हैं वह सर्फि अस्पतालों के माध्यम से ही। एंटीजन किट खत्म होने के बाद तो अब लोगों की जांच आरटीपीसीआर पर नर्भिर रह गई है। आरटीपीसीआर की रिपोर्ट का भरोसा नहीं है कि कब उसका रिजल्ट आएगा।
ऐसी स्थिति में संक्रमण घटने की बजाय और बढ़ने के आसार हैं। यही नहीं थर्मल स्क्रीनिंग भी संभव नहीं हो पा रही है। शासन की ओर से घर घर जांच के नर्दिेश जो मिले हैं उसको लेकर अभी तक स्वास्थ्य महकमे ने कोई तैयारी ही नहीं की है। पंचायत चुनाव के बाद तो संक्रमण जहां तेजी के साथ बढ़ रहा है वहीं एक महकमा लापरवाह हो गया है। टीमें घर घर भेजने की नौबत ही नहंी आ पा रही है। इसकी मुख्य वजह एंटीजन किट का अकाल है। पिछले 10 से 2 दिनो से एंटीजन जांच के लिए किट भी पर्याप्त नहीं है। इसी वजह से जिले में सैंपलिंग के काम में भी तेजी नहीं आ पा रही है। कमालगंज में तो पिछले कई दिनों से सर्फि आरटीपीसीआर की टेस्टिंग हो रही है। पिछले दो तीन दिनों के औसत को देखा जाए तो यहां पर टेस्टिंग भी नहीं हो पा रही है। सर्वाधिक आरटीपीसीआर की टेस्टिंग हो रही है। आरटीपीसीआर की रिपोर्ट समय पर मिलना संभव नहंी हो पा रही है। ऐसे में संक्रमण पाए जाने की स्थिति में मरीज इधर उधर घूमते रहते हैं जिसका परिणाम है कि संक्रमण घटने की बजाय बढ़ रहा है। कई दफा तो यह भी स्थिति सामने आई है कि संक्रमित मरीज की मौत हो गई और उसकी रिपोर्ट कई कई दिनों बाद आई।
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