बोले फर्रुखाबाद:शिफ्ट हुआ संडे बाजार तो निपट जाएगा कारोबार
Farrukhabad-kannauj News - रविवार को संडे बाजार की वजह से घुमना से चौक तक जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। कारोबारियों का कहना है कि बाजार को शिफ्ट करने से उनके रोजगार पर खतरा है। उन्हें प्रशासन से जाम की समस्या का समाधान करने की...
रविवार को भले ही मुख्य मार्ग की रोजाना खुलने वाली दुकानें बंद रहती हैं मगर संडे बाजार लगने से घुमना से चौक तक जाम की जो स्थिति रहती है इस पर कई बार हल्ला मच चुका है। इसी बात को लेकर संडे बाजार को शिफ्ट किए जाने की बात चल रही है। हालांकि बाजार के कारोबारी इस बात से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि बाजार शिफ्ट हुआ तो उनका कारोबार खत्म हो जाएगा। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान साप्ताहिक बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष नितिन गुप्ता कहते हैं कि जाम का ठीकरा पूरे तौर पर संडे बाजार पर फोड़ना ठीक नहीं है। दुकानदार तो फुटपाथ पर अपना कारोबार करते हैं और उनकी वजह से जाम नहीं लगता है बल्कि संडे को चार पहिया वाहनों के अंदर घुस आने से जाम की स्थिति बन जाती है। बाजार को कहीं शिफ्ट नहीं किया जाना चाहिए। महामंत्री रामू कश्यप कहते हैं कि उन लोगों की रोजी रोटी पर आएदिन संकट के बादल छाने लगते हैं। प्रशासन को अब यह चैप्टर बंद कर देना चाहिए। क्योंकि उन जैसे सैकड़ों लोगों की रोजी रोटी इसी संडे बाजार से चलती है। सचिन अग्रवाल के मुताबिक कि इस बाजार में कपड़े काफी सस्ते मिलते हैं इसलिए यह बाजार गरीबों के लिए काफी मददगार साबित होता है। कम पैसे में अच्छे कपड़े मिल जाते हैं। ऐसे में प्रशासन को कारोबारियों और गरीबों की चिंता करनी चाहिए। मोहक अग्रवाल कहते हैं कि संडे को 12 से 6 बजे तक चौक से घुमना तक चार पहिया वाहन की नो इंट्री हो जाए। इससे जाम नहीं लगेगा। कहने लगे कि इस व्यवस्था पर अमल करा लिया जाए तो व्यापारियों की आजीविका नहीं छिनेगी। केशव कहते हैं कि यदि संडे बाजार को कहीं और शिफ्ट किया गया तो इससे कारोबार खत्म हो जाएगा। जहां कहीं की बात चल रही है वहां पर कारोबार सुरक्षित नहीं रहेगा। कारोबारी कहते हैं कि उन जैसे सैकड़ों लोगों का पेट इसी से पलता है। यदि उनके चेहरों की मुस्कान छीन ली गयी तो वह कहीं के नहीं रहेंगे। इसके लिए सभी को चिंता करनी चाहिए। शाकिर कहते हैं कि बाजार में संडे को सुरक्षा व्यवस्था भी दुरुस्त की जाए। इससे तमाम तरह की व्यापारियों को राहत मिलेगी।
जाम की समस्या के निदान खोजने की जरूरत : संडे बाजार के स्थानांतरण पर जो बात चल रही है उससे कारोबारियो की चिंता वाजिब है। कारोबारी कहते हैं कि प्रशासन को जाम की समस्या का हल खोजना चाहिए न कि पूरा ठीकरा उन पर फोड़ना चाहिए। क्योंकि इस बाजार से सीधे तौर पर सैकड़ों लोगों की घर गृहस्थी चलती है और किसी भी तरह से दुकानदार अतिक्रमण भी नही करते हैं। केवल फुटपाथ पर ही अपना कारोबार संचालित करते हैं। संडे वाले दिन नियमित दुकानें बंद रहती हैं उनके ठीक सामने ही अपना कारोबार संचालित करते है। लिंजीगंज में बाजार शिफ्ट करने की जो बात चल रही थी उस पर लिंजीगंज के दुकानदार कतई सहमत नहीं हैं। क्योंकि त्योहार आदि पर यह लिंजीगंज बाजार भी खुल जाता है। ऐसे में यहां पर संडे बाजार लगना उचित नहीं है। बहरहाल, संडे बाजार आएदिन जाम की वजह से सुर्खियों में रहता है। घुमना से चौक और किराना बाजार तक और दूसरी तरफ चौक से रेलवे रोड तक संडे बाजार लगता है। संडे बाजार का रूप अब काफी व्यापक हो चला है। पिछले दस वर्षों में कारोबारियों की संख्या में भी खासा इजाफा हुआ है।
बोले कारोबारी-
संडे को दोपहर 12 से 6 बजे तक बड़े वाहनों को प्रवेश न दिया जाये। इससे काफी समस्या हल हो सकती है, और राहत भी मिलेगी।
-कन्हैया बाजपेयी
बाजार में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए और दुकानदारों की जो भी समस्याएं हैं उनका प्राथमिकता से हल होना चाहिए।
-शिवशंकर
जिस तरह की बातें संडे बाजार को लेकर हो रही हैं वह कदापि सही नही हैं। यदि दूसरी जगह बाजार गया तो सैकड़ों लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
-मोहक अग्रवाल
संडे बाजार पर बार-बार सवाल उठाना ठीक नहीं है। जहां पर यह बाजार चल रहा है वहीं पर सही है। स्थान बदला तो दिक्कत होगी।
-मोहम्मद वारिस
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