ऑक्सीजन सिलेंडर को भेजा लिंक चले गए खाते से रुपए
फर्रुखाबाद। संवाददाता कोरोना संकट काल में लोगों की मुश्किलें वैसे भी काफी बढ़ी हैं।...
फर्रुखाबाद। संवाददाता
कोरोना संकट काल में लोगों की मुश्किलें वैसे भी काफी बढ़ी हैं। लोग इस कदर उलझन में फंसे हैं कि लोग अपनो की जिंदगी बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। ऐसे में सायबर ठग मौका लगते ही ठगी करने से नहीं चूक रहे हैं। व्हाट्सएप लिंक के माध्यम से अब सायबर ठगों ने नया तरीका खोजा है। इस पर लिंक भेजकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। आपके प्रिय समाचार पत्र हिन्दुस्तान की ओर से ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। संकटकाल में जो लोग ऐसा कृत्य कर रहे हैं उनको बेनकाव भी किया जा रहा है।
जिला जेल चौराहा के राघवेंद्र की दादी बीमार हो गई थंी। राघवेंद्र ने बताया कि दादी का ऑक्सीजन लेबल नीचे जा रहा था। इसके लिए एक प्राइवेट अस्पताल में दिखाया तो वहां रेमडेसिविर इंजेक्शन बताया गया। बाजार में उपलब्ध न होने पर इधर उधर खोजबीन की गई। कुछ सौदेबाज भी मिले। ऐसे में उनको बताया गया कि आनलाइन इंजेक्शन मंगा लें तो उन्होंने आनलाइन साइट पर चेक किया । दिए गए नंबर पर बात की गई तो उसने कहा कि व्हाट्सएप पर एक लिंक भेज रहे हैं। बेरीफाई कर दें। चूंकि दादी के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत थी तो ऐसे मेें भेजे गए लिंक को क्लिक कर दिया। इस पर बैंक खाते से 12 हजार रुपए निकल गए। राघवेंद्र ने बताया कि खाते में कुल 13 हजार रुपए थे। यदि ज्यादा रुपए होते तो शायद वह भी निकल जाते। बाद में उसके नंबर पर बातचीत की गई मगर वह बंद निकला।
मोहम्मदाबाद के सतेंद्र को ऑक्सीमीटर की जरूरत थी तो उसने ऑनलाइन ऑक्सीमीटर के लिए ऑर्डर किया। कुछ ही देर बाद उसके पास फोन आया। फोन करने वाले ने अपना खाता नंबर बताते हुए 4500 रुपये भेजने को कहा। वायदा किया कि दो दिन के भीतर ऑक्सीमीटर पहुंच जाएगा। ऑक्सीमीटर जब नहीं पहुंचा तो दिए गए नंबर पर संपर्क किया गया तो वह नंबर लग ही नहंी रहा है। सोशल साइट पर चेक करने पर वह विज्ञापन भी नही दिखा रहा है। उसने बताया कि सायबर ठग ने बडे× ही अच्छे ढंग से उसे अपने जाल में फांस लिया था।
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