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बोले फर्रुखाबाद:खुशहाली की सूची से अब तक दूर.. हम मजदूर

Farrukhabad-kannauj News - आवास विकास क्षेत्र में मजदूरों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। श्रम विभाग द्वारा पंजीकरण शिविर नहीं लगाए जाने से मजदूर सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और कार्यस्थलों...

Newswrap हिन्दुस्तान, फर्रुखाबाद कन्नौजFri, 21 Feb 2025 12:03 AM
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बोले फर्रुखाबाद:खुशहाली की सूची से अब तक दूर.. हम मजदूर

आवास विकास क्षेत्र में मजदूरों की मंडी लगती है। मगर आम लोगों के साथ ही जिम्मेदार भी इनकी समस्याओं से अनजान हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों से चर्चा की तो उनका दर्द जुबां पर आ गया। मजदूर रामअवतार ने बताया कि श्रम विभाग उनके पंजीयन के लिए शिविर तक नहीं लगाता है। इसके परिणामस्वरूप सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। मजदूरों में स्वास्थ्य की भी समस्या है पर कोई भी जिम्मेदार स्वास्थ्य शिविर लगाकर उनकी जांच नहीं कराता। आखिर कब तक उन्हें खुशहाली की सूची से दूर रखा जाएगा? मजदूर बताते हैं कि धूप, बारिश, सर्दी में काम करते करते न जाने कितना समय हो गया है मगर परिवार की स्थिति नहीं बदल पा रही है। रामबरन कहते हैं कि सर्दी, गर्मी या फिर बरसात में कभी आराम करने तक का मौका नहीं मिलता है। श्रम विभाग के अधिकारी भी हम लोगों पर ध्यान नहीं देते हैं। उन जैसे न जाने कितने लोगों का तो श्रम विभाग में पंजीयन ही नहीं हुआ है। पंजीयन के लिए शिविर ऐसे स्थानों पर लगाए जाएं जहां पर पल्लेदारों और मजदूरोंं का हुजूम जुटता है। हालांकि हालात ये हैं कि मंडी में भी श्रम विभाग को पंजीयन शिविर लगाने की फुर्सत नही मिलती है। मजदूर सोनू कहते हैं कि यदि श्रम विभाग मेहरबान हो जाए तो उन लोगों को लाभकारी योजनाएं मिलने लगेंगी। अभी तो पंजीकरण न होने की दशा में तमाम प्रकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। मानसिंह और पंचम सिंह कहते हैं कि उन लोगों की मजदूरी भी जस की तस है। महंगाई चरम सीमा पर है। घर का खर्चा भी जुटाना मुश्किल पड़ जाता है। जहां पर काम करते हैं वहां पर भी कोई सुविधाएं नहीं मिलती हैं। चाहे शीतगृहों की बात हो या ईंट भट्ठों पर या माल गोदाम। यहां पर मजदूरों के लिए सरकार की लाभकारी योजनाएं नहीं पहुंच पाती हैं। मजदूरों को यह तक जानकारी नहीं है कि उनके कल्याण के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं और संबंधित योजनाओं में कौन-कौन से कागजात की जरूरत पड़ती है। यदि कैंप लगे तो इससे मजदूरों और उनके परिवारों का भला हो सकता है। दशकों से मजदूरी पेशे में लगे राजबहादुर, राजू और दिनेश कहते हैं कि मंडी में उन लोगों के बैठने उठने के लिए कोई ठिकाना नहीं है। यही स्थिति मालगोदाम की है। राजकुमार कहने लगे कि उन लोगों की जिम्मेदार कोई सुनवाई भी नहीं कर रहे हैं। ज्यादा थक जाने पर मन करता है कि कहीं बैठकर थोड़ा सुकून महसूस किया जाए। मगर कोई ऐसी जगह नहीं है। दुकानों के बाहर या फिर फुटपाथ पर अंगौछा बिछाकर ही आराम करना पड़ता है। सुविधाएं न होने से मजदूरों को रहती है दिक्कत: मालगोदाम और मंडी मे भले ही शौचालय की व्यवस्था है मगर लिंजीगंज की किराना मंडी में शौचालय की व्यवस्था न होने से पल्लेदारों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में काम छोड़कर पल्लेदारों को घर की राह तकनी पड़ती है। इसके साथ ही मालगोदाम और मंडी में जो शौचालय हैं उनकी साफ सफाई व्यवस्थित ढंग से नहीं हो रही है। इससे उसमें उठती दुर्गंध से दिक्कत होती है। ओमपाल कहते हैं कि पल्लेदारो के आराम के लिए कम से कम मुख्य प्वाइंटों पर शेड की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए जिससे कि वे लोग वहां पर कुछ देर आराम कर सकें। जहां पर मजदूरों की संख्या अधिक है वहां पर श्रम विभाग की ओर से कैंप लगाने चाहिए साथ ही मजदूरों को पीएम आवास का भी लाभ दिया जाना चाहिए। मजदूरों का सुझाव है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से चौक, लिंजीगंज रेलवे माल गोदाम, मंडी समिति सातनपुर, अर्राह पहाड़पुर सब्जी मंडी में कैंप लगाये जाएं जिससे कि मजदूरों की स्वास्थ्य की जांच निशुल्क हो सके और दिक्कत है तो इलाज कराया जा सके।

बोले मजदूर-

सुबह से लेकर देर शाम तक मजदूरी करनी पड़ती है लेकिन आराम करने का कोई स्थान नहीं है। -तुलसीराम

श्रम विभाग की ओर से रजिस्ट्रेशन करवाया जाए जिससे कि उन योजनाओं का लाभ मिले। -कन्हैयालाल

मालगोदाम पर मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था नहीं है। इसलिए इस पर जिम्मेदार विशेष ध्यान दें। -ओमपाल

एक उम्र के बाद दिक्कत आती है इसलिए 60 वर्ष से ऊपर के सभी मजदूरों के लिए आयुष्मान कार्ड बनें। -मनोज कुमार

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