तकनीकी संस्था से कराया जाये तहसील की बिल्डिंग का परीक्षण
फर्रुखाबाद के तहसील सदर भवन में दरारें पाई गई हैं, जिसके चलते जल निगम और पीडब्लूडी के अभियंताओं ने जांच की। भवन का निर्माण टीले पर हुआ है, जिससे मिट्टी का कटान और दीवारों में क्रेक्स आ गए हैं। IIT...
फर्रुखाबाद, संवाददाता। तसील सदर की बिल्डिंग के एक हिस्से में जो दरारें पड़ीं उसको देखते हुये जल निगम के अधिशासी अभियंता के साथ साथ पीडब्लूडी के दो अधिशासी अभियंता ने जांच पड़ताल की। निरीक्षण में पाया गया कि तहसील भवन का निर्माण टीले पर किया गया है जिसकी प्राकृतिक ग्राउंड लेबल से ऊंचाई लगभग 40 फिट है। पूर्व में बरसात में तहसील परिसर की दीवार ढह गयी और भवन के फाउंडेशन की मिट्टी का कटान हो गया जिसके चलते तहसील के मीटिंग हाल, रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय, राजस्व रिकार्ड रूम, संग्रह कक्ष एवं संग्रह रिकार्ड रूम की दीवारों में क्रेक्स आ गये हैं एवं भवन की संरचनात्मक हिस्सों, कालम, बीम इत्यादि में भी क्रेक्स आ गये हैं। वर्तमान में तहसील भवन का मीटिंग हाल रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय, राजस्व रिकार्ड रूम, संग्रह कक्ष तथा प्रथम तल के अन्य कक्षों का हिस्सा अति सुरक्षित है । यहां पर रखे रिकार्ड और फर्नीचर को भी हटवाया जाना आवश्यक है। भवन के संबंध में उपलब्ध कराये गये अभिलेखों में स्ट्रक्चर ड्राइंग फाउंडेशन डिटेल आदि उपलब्ध न होने के कारण भवन के संरचना संबंधी सभी बिंदुओं पर टिप्पणी करनासंभव नही है। तहसील के संपूर्ण भवन को सुरक्षा के दृष्टिगत तकनीकी विशेषज्ञ संस्था आईआईटी रुड़की, कानपुर द्वारा फाउंडेशन की मृदा परीक्षण स्ट्रक्चरल एलीमेंट्स, बीम, कालम, फुलिंग, स्लेब इत्यादि की जांच कराना उचित होगा जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि भवन उपयोग के लिए सुरक्षित है या नहीं। तहसील परिसर में निर्मित अन्य भवन, हवालात, बीआरसी की संरचना में वर्तमान में कोई क्रेक्स इत्यादि नहीं पाये गये हैं। परिसर की बाउंड्री के किनारे से मिट्टी के कटान को दृष्टिगत रखते हुये उक्त भवनों का भी तकनीकी संस्था द्वारा परीक्षण कराया जाना उचित होगा।
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