बोले फर्रुखाबाद: रंग पिचकारियों से पटा बाजार,मिठाइयों की भरमार
Farrukhabad-kannauj News - होली के त्योहार में सिर्फ पाँच दिन बाकी हैं। बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है, खासकर मोदी-योगी हथौड़ा पिचकारी की मांग में। दुकानदारों का कहना है कि महंगाई का असर नहीं है और ग्राहक मनमाने दाम चुका रहे...
होली के त्योहार में महज पांच दिन शेष हैं। त्योहार को लेकर बाजारों में खासी रौनक दिखाई देने लगी है। ग्राहक रंग, गुलाल और पिचकारी खरीदने को पहुंचने लगे हैं। बाजार में सबसे अधिक यदि किसी की मांग हो रही है तो वह मोदी-योगी की हथौड़ा पिचकारी है। यह पिचकारी हथौड़ा की तरह वार करते हुए चारो तरफ रंग की बरसात करने लगती है। थोक कारोबारी इस हथौड़ा पिचकारी की आपूर्ति पूरी नहीं कर पा रहे हैं। फुटकर दुकानों पर डिमांड अधिक होने की वजह से ग्राहकों से मनमाने पैसे भी लिये जाने लगे हैं। वैसे पिचकारी के विभिन्न प्रकार के उत्पाद बाजार में हैं। बच्चों, युवकों और बड़ों के लिए न जाने कितनी वैराइटी की पिचकारी बाजार में उपलब्ध करायी गई हैं। शहर के लिंजीगंज थोक मार्केट के अलावा घुमना चौक, नेहरू रोड, किराना बाजार, स्टेट बैक वाली गली, बीबीगंज, किराना बाजार, पक्का पुल, मदारवाड़ी, बूरा वाली गली, नया कोठा पार्चा, कादरी गेट, साहबगंज, सुतहट्टी रोड, नाला मछरट्टा, लोहाई रोड, अंगूरीबाग आदि क्षेत्रों में बाजारों में त्योहार का रंग साफ दिख रहा है। बढ़ती मांग को देखते हुए दुकानदारों ने पिछले साल की पिचकारी भी निकाल ली है। इनकी भी खपत होने लगी है। फुटकर दुकानदार संतोष कहते हैं कि इस बार पिचकारी की ढेरों वैराइटियां आई हैं। पिचकारी पचास रुपये से लेकर डेढ़ हजार रुपये तक की उपलब्ध है। इन सबमें हथौड़ा पिचकारी खासी लोकप्रिय हो रही है। फतेहगढ़ के दुकानदार राजेश कहने लगे कि महंगाई का असर त्योहार पर दिख नहीं रहा है। लोगों की पसंद के आगे पिचकारी के रेट मायने नहीं रख रहे हैं। ऐसे में यही मालूम पड़ रहा है कि त्योहार मनाने के लिए किसी प्रकार की कोई कंजूसी लोग नहीं कर रहे हैं। पिचकारी दुकानदारों का कहना है कि गुलाल भी विभिन्न प्रकार के उपलब्ध हैं। उनका कहना है कि गुलाल पचास से सौ रुपये किलो में बिक रहा है जबकि पाउच में भी गुलाल उपलब्ध कराया गया है। पिचकारियों में बलून शूटर, बबल गन, सपेरा बीन, मैगजीन, लोडेड गन और फायर गन की मांग आ रही है। लिंजीगंज के विकास कहते हैं कि इस बार बच्चों की पसंद की पिचकारी की आपूर्ति करना काफी मुश्किल हो रहा है। क्योंकि बाहर से जो माल मंगाया था वह अभी से खत्म हो गया है। पक्का पुल के जगदीश, प्यारे, मोहन प्रकाश का कहना है कि पिचकारी की इतनी बैराइटी हैं कि उसकी आपूर्ति मुश्किल है।
बोले कारोबारी
-रंग गुलाल तो होली के त्योहार पर हमेशा से ही बिकते हैं इस बार भी रंग गुलाल की बिक्री में कोई कमी नहीं है। अभी से ही लोग रंग गुलाल लेने लगे हंै। क्योंकि त्योहार के ऐन समय में रेट न बढ़ जाएं इसको लेकर ग्राहक की चिंता रहती है। -आकाश
गुलाल के रेट अपेक्षाकृत पिछली साल के बराबर ही हैं। यही स्थिति रंग की भी है। लोग रंग की बजाय गुलाल अधिक पसंद कर रहे हैं। खुला गुलाल के बजाय पाउच के गुलाल की डिमांड की जा रही है। ग्राहकों के लिए गुलाल मंगा लिया गया है। -सरवन
-चिप्स पापड़ में भी कई प्रकार की वैराइटियां हैं। आलू, साबूदाना, चावल के चिप्स पापड़ लोग पसंद कर रहे हैं। इसमें सर्वाधिक लोग आलू के पापड़ और कचरी की खरीदारी कर रहे हैं । ग्राहकों का बाजार में आना शुरू हो गया है। भीड़ बढ़ती जा रही है। -दिलीप
-चिप्स पापड़ में एक दो नहीं बल्कि दर्जनों वैराइटियां हैं। कुछ कचरी तो किलो के हिसाब से बिक रही है। इसमें भी भांति भांति की वैराइटियां हैं। 200 रुपये के आस पास ज्यादातर कचरी बिक रही हैं। जल्द ही और वैराइटियां बढ़ाई जाएंगी।
-अशोक
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