गंगा के साथ ही रामगंगा ने भी किया खतरे का निशान पार
फर्रुखाबाद में गंगा और रामगंगा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। रामगंगा में 12 घंटे में 40 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं, जबकि प्रशासन राहत कार्य...
फर्रुखाबाद, संवाददाता। गंगा नदी के साथ ही रामगंगा नदी भी अपने रौद्र रूप में आ गयी हैं। दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। इससे गंगा किनारे गांव में कहर बरपने लगा है। सर्वाधिक तबाही गंगापार क्षेत्र में शुरू हो गयी है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पहुंचने लगे हैं। रामगंगा नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित रूप से 40 सेंटीमीटर की 12 घंटे में बढ़ोत्तरी हुयी है। गंगा और रामगंगा नदियों के विकराल रूप धारण करने से प्रशासन के सामने भी बड़ी चुनौती आ गयी है। सबसे अधिक नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को सुरक्षित रखने की है। शाम को गंगा नदी का जलस्तर दस सेंटीमीटर बढ़कर 137.20 मीटर पर पहुंच गया जो कि खतरे के निशान से दस सेंटीमीटर ऊपर है।
रामगंगा नदी का जलस्तर 12 घंटे में 40 सेंटीमीटर बढ़ गया। इस नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करता हुआ 137.15 मीटर पर पहुंच गया। यह जलस्तर खतरे के निशान से 5 सेंटीमीटर ऊपर है। नरौरा, हरिद्वार और बिजनौर बांधों से गंगा नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है तो वहीं हरेली, खो, रामनगर बैराज से भी पानी की मात्रा आम दिनों की अपेक्षा अधिक है। जो पानी पास किया गया है वह 12 से 14 घंटे में यहां आ जायेगा। जलस्तर में फिलहाल कमीं के आसार नहीं दिख रहे हैं। क्योंकि बांधों से पानी की मात्रा में किसी प्रकार की कोई कमीं नही है। पिछले एक सप्ताह से दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। गंगापार और तराई इलाके के लोगों को इस वजह से घोर संकट में जूझना पड़ रहा है। कई परिवार तो अपनी रिश्तेदारियों में कूच कर गये हैं या फिर सड़कों पर आ गये हैं। गंगापार में सबसे अधिक कहर बरपने लगा है। क्योंकि यहां पर दोनों नदियों की धारा कई स्थानों पर एक हो गयी है। रामगंगा और गंगा नदी के जलस्तर में और बढ़ोत्तरी हुयी तो पिछले दो दशक पहले आयी बाढ़ की यादें ताजा हो जाएंगी। ऐसा कम ही हुआ है जब गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने पर रामगंगा नदी का जलस्तर भी तेजी के साथ बढ़ा है। मगर इस बार तो रामगंगा नदी भी रिकार्ड तोड़ रही हैं। नदी के जलस्तर में तेजी के साथ उछाल आया है। गंगापार के कटरी क्षेत्र में चारो तरफ पानी ही पानी है तो वहीं शमसाबाद तराई क्षेत्र, कंपिल की कटरी के अलावा सदर तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांवों में भी बाढ़ की आपदा से लोगों की नींद उड़ी है। इस बीच प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य मेंे तेजी न लाने से लोगों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। कई क्षेत्रों में नाव की जरूरत है। राजस्व टीमें जरूर सड़क किनारे गांवों में जाकर हाल चाल ले रही हैं। मगर दूर दराज कटरी के क्षेत्रों में जाने की हिम्मत नहीं की जा रही है। चाचूपुर से जो सड़क कड़हर गांव के लिए गयी हुयी है उस पर अर्जुनपुर पुलिया के पास सड़क के ऊपर से पानी चलने लगा है। गंगापार के पूर्वी इलाके में भी पानी इसी तरह बढ़ा तो दिक्कतें खड़ी हो जाएंगी। क्योंकि पिछली साल यहां पर रोड कट गया था जिसे ग्रामीणों ने श्रमदान कर बनाया था। अब सडक से पानी चलने लगा है। ऐसे में ग्रामीणों की घबराहट बढ़ गयी है कि कहीं कोई दिक्कत न हो जाये। हालांकि अभी इधर से बाइक लेकर लोग निकल रहे हैं। लोग सड़क की निगरानी कर रहे हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।