खतरे के निशान पर गंगा, कई गांवों में घुसा पानी
फर्रुखाबाद में बारिश और नरौरा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा और रामगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुँच गया है। कई गांवों में पानी घुस गया है, और लोग छतों पर रातें काट रहे हैं। राहत के लिए...
फर्रुखाबाद, संवाददाता। पहाड़ों पर बारिश के बाद व नरौरा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से गंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। कई गांवों के घरों में पानी घुस गया। लोग छतों पर रातें काट रहे हैं। सड़कों पर पानी भरा होने से दोपहिया वाहनों को आवागमन में परेशानी हो रही है। रविवार शाम को गंगा नदी का जलस्तर 137.10 मीटर पर रहा। यह खतरे का निशान है। जबकि रामगंगा नदी का जलस्तर 136.60 मीटर पर है। यह निशान चेतावनी बिंदु का है। गंगा और रामगंगा नदी अभी भी उफान पर चल रही हैं। इससे नदी किनारे गांवों के हालात नहीं सुधर पा रहे हैं। गंगा नदी से सर्वाधिक कहर बरप रहा है। भले ही गंगानदी के जलस्तर में मामूली गिरावट आयी है फिर भी गंगानदी खतरे के निशान पर हैं तो वहीं रामगंगा नदी के जलस्तर में धीरे- धीरे कमीं आ रही है। इस नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु पर ठहरा है। बांधों से पानी की मात्रा मे कमीं किए जाने से दो दिन में राहत मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है। शाम को गंगा नदी का जलस्तर 137.10 मीटर पर रहा। यह खतरे का निशान है। जबकि रामगंगा नदी का जलस्तर 136.60 मीटर पर है। यह निशान चेतावनी बिंदु का है। हरेली, खो, रामनगर बैराज से रामगंगा नदी में जो पानी पास किया गया है उसकी मात्रा में भी फिलहाल कमीं आयी है। यही स्थिति गंगा नदी में छोड़े गये पानी की है। नरौरा, हरिद्वार और बिजनौर बांधों से जो पानी पास किया गया है उसकी मात्रा में भी कुछ कमीं आयी है। इससे नदी किनारे गांव के लोगों को दो दिन दिन में राहत मिलने की उम्मीद है। गंगानदी के अभी भी खतरे के निशान पर चलने से नदी किनारे गांवों के लोगों की हालत खराब हो रही है। शमसाबाद की तराई, गंगापार की कटरी, सदर तहसील क्षेत्र के कई गांवों में हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर कंपिल की कटरी क्षेत्र में कई गांव में जलभराव होने से लोगों को मुश्किल हालातों से जूझना पड़ रहा है। कटरी इलाके के लोग जलस्तर पर निगाह बनाये हुये हैं। रामगंगा नदी के जलस्तर में कमीं आने के बाद भी प्रभावित गांव के लोगों को राहत मिल सकेगी।
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