पांच हजार रुपए ठग लिए, नहीं आया ऑक्सीमीटर
फर्रुखाबाद। संवाददाता कोरोना के संकटकाल में सायबर ठग लगातार लोगों को शिकार बना रहे...
फर्रुखाबाद। संवाददाता
कोरोना के संकटकाल में सायबर ठग लगातार लोगों को शिकार बना रहे हैं। अपनी अपनी जिंदगी बचाने के लिए जहां लोग फंसे हुए हैं तो वहीं ऐसे मौके का फायदा उठाने से सायबर ठग बाज नहीं आ रहे हैं। सायबर ठगों को किसी भी उलझन या दिक्कत से कोई लेना देना नहंी है। उन्हें तो मजबूर लोगों को शिकार बनाना है। कोरोना काल में वैसे भी पीड़ितों के लिए इलाज बेहद जरूरी है। ऐसे हालात में लोग परेशान चल रहे हैं। आपका अपना अखबार हिन्दुस्तान लगातार प्रयास कर रहा है कि ऐसे सायबर ठगों को चुना जाए। पुलिस भी सहयोग कर रही है। वहीं अभियान का असर हुआ कि कई लोग सायबर फ्रॉड से बच गए।
कमालगंज के संतोष के पिता की तबियत खराब थी। ऐसे में ऑक्सीजन की माप के लिए ऑक्सीमीटर की जरूरत थी। संतोष ने बताया कि सोशल साइट पर एक विज्ञापन देखा। उसके बाद दिए गए नंबर पर बातचीत की गई और आक्सीमीटर का आर्डर किया गया। चूंकि शहर में ऑक्सीमीटर मिल नहीं रहा था तो ऐसे में संबंधित व्यक्ति से संपर्क किया और उसने 24 घंटे में सप्लाई देने का वायदा किया। कहे मुताबिक पांच हजार रुपए खाते में हस्तांतरित कर दिए। जब निर्धारित समय में ऑक्सीमीटर नहंी आया तो संबंधित व्यक्ति से संपर्क किया तो फोन नहीं लगा। एक बार फोन लगा तो उसने काट दिया।
इंजेक्शन के नाम पर ले लिए दस हजार रुपए
फतेहगढ़ के आरिफ ने बताया कि उनके बाबा की तबियत खराब थी। अब्बू की तबियत खराब थी। उसके आगरा में रिश्तेदार रह रहे हैं वहां पर एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने रेमडेसिविर के लिए कहा। आगरा में जब इंजेक्शन में उपलब्ध नहंी हुआ तो वहां से फोन कर बताया गया । इस पर इधर उधर संपर्क किया गया। मगर नहंी मिला। आनलाइन सर्च करने पर पता लगा कि 48 घंटे में इंजेक्शन मिल जाएगा। इस पर आरिफ ने संबंधित नंबर पर संपर्क किया। दो इंजेक्शन के लिए दस हजार खाते में भेजने को कहा। रुपए आनलाइन भेजने के बाद दो दिन निकल गए है मगर इंजेक्शन नहंी आया। साइट पर विज्ञापन भी नहीं दिख रहा है।
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