बोले फर्रुखाबाद:हमें ठौर-ठिकाना मिल जाए, फिर नहीं लगेगा जाम
Farrukhabad-kannauj News - चार लाख की आबादी वाले शहर में छह हजार से अधिक ई-रिक्शे चल रहे हैं। शहर में ई-रिक्शा के रूट तय नहीं होने से चालक परेशान हैं। पुलिस चालान करते हैं और ट्रैफिक की समस्या बढ़ती है। चालक रूट निर्धारण और...
चार लाख की आबादी वाले शहर में छह हजार से अधिक ई-रिक्शे चल रहे हैं। विडंबना यह है कि अभी पूरे शहर में ई रिक्शा के रूट तय नहीं किए गए हैं। ऐसे में जिसे जहां सवारी मिली वह उधर ही चल पड़ा। ऐसी स्थिति में पुलिस रिक्शे वालों का चालान करते हैं। ई-रिक्शा चालक चाहते हैं कि पूरे शहर में रूट तय कर दिए जाएं ताकि उन पर जाम का आरोप न लगे। इसके साथ ही स्टैंड भी बनाया जाए। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान ई-रिक्शा चालक जावेद खां कहते हैं कि यदि रूट निर्धारण हो जाए तो यह साफ हो जाएगा कि कौन सा रिक्शा किस रूट पर जाएगा। अभी जहां सवारी कहती है वहां रिक्शा लेकर जाते हैं। ऐसे में पुलिस परेशान करती है।
शहर में अभी तक सभी ई रिक्शों पर नगर पालिका की ओर से रूट नंबर नहीं दिया गया है। इसके चलते ई-रिक्शा शहर के हर रोड पर जहां के लिए सवारी मिली वहां के लिए चलाये जा रहे हैं। ई-रिक्शा के लिए स्टैंड भी नहीं बनाए गए हैं। सबसे ज्यादा ई-रिक्शा टाउनहाल से बजरिया, आईटीआई होते हुए बसअड्डा के लिए चल रहे हैं। इसी क्षेत्र से रेलवे स्टेशन के लिए भी काफी संख्या में ई-रिक्शा सुबह शाम सवारियां लेकर निकल रहे हैं। इसके अलावा शहर के अन्य स्थानों पर भी जो व्यक्ति जिस ओर जाना चाहता है उस ओर ई-रिक्शा वाले उन्हें लेकर चल देते हैं। सवारी हाथ देती हैतो बैठाने के लिए रोकना पड़ता है। यदि सवारी से क्षेत्र जाने के लिए पूछते हैं, रिक्शा खड़ा करने में समय लगता है तो सड़क से गुजरते पुलिस कर्मी आंखे तरेरते हुए ई-रिक्शा आगे बढ़ाने की हिदायत देते हैं। किसी की दुकान के सामने खड़ा करते हैं तो वह रिक्शा खड़ा नहीं होने देता है। ई-रिक्शा चालक राजीव कुमार ने बताया कि रात के समय में तो रिक्शा चलाना और भी कठिन काम है। स्टेशन के बाहर जाम ट्रैक्टर से लगे, डंडा ई-रिक्शा चालक की ओर घूमता है। इस तरह से पुलिस कर्मी बर्ताव करते हैैंजैसे हम ही बड़े अराजक हैं। सुरजीत कुमार ने बताया कि हम लोग काफी समय से शहर में ई-रिक्शा चला रहे हैं। प्रयास यही रहता है कि जाम न लगे। अगर कहीं जाम लगता है तो दूसरे रिक्शा चालकों से भी कहा जाता है कि वह देखभाल कर सवारियां बैठाएं। पुलिस हम लोगों की ओर नरम रुख रखे जिससे कि हम लोग भी अपने परिवार का अच्छी तरह से पालन पोषण कर सकें। अशोक कुमार बताते हैं कि रोडवेज बस स्टैंड के बाहर से अतिक्रमण जरूर हट चुका है लेकिन वहां पर ठेली वालों ने बाहर की ओर कब्जा कर रखा है। इससे जाम उनके कारण लगता है और दोष ई-रिक्शा चालकों को दिया जाता है। सवारी छोड़कर पैसे लेने में कुछ समय तो लगता है लेकिन जाम के लिए हमें दोषी ठहरा दिया जाता है। बेवजह पुलिस यहां पर भी परेशान करती है। इसे रोका जाए। 12 हजार से अधिक रिक्शा चालकों की संख्या है। शहर में ई रिक्शा के लिए अभी केवल 12 रूट निर्धारित किए जा चुके हैं। जो काफी कम हैं।
बने ई-रिक्शा स्टैंड तो मिले राहत: ई-रिक्शा चालकों ने कहा कि बसअड्डा और रेलवे स्टेशन पर ई-रिक्शा के लिए स्टैंड की अलग से व्यवस्था की जाए। ऐसा होने से ई-रिक्शा वाले जो सवारी बाहर से लेकर आते हैं उन्हें स्टैंड पर ही उतार सकेंगे। इससे जाम की समस्या भी नहीं रहेगी और सवारी भी आराम से सुरक्षित ढंग से उतर सकेगी। ई-रिक्शा चालक, अजय, राहुल का कहना है कि पुलिस जितनी सख्ती दिखाती है उतना काम नहीं करती। यदि ट्रैफिक का सिस्टम ठीक करने के लिए बड़े वाहनों पर शिकंजा कसा जाए तो ज्यादा बेहतर रहेगा। छोटे वाहनों से शहर में जाम नहीं लगता है न ही ई रिक्शा जाम के दोषी हैं। ई-रिक्शा चालकों ने कहा कि जल्द से जल्द नगर पालिका भी इस ओर ध्यान दे। स्टैंड ऐसे स्थान पर बनवाया जाए जहां आराम से ई-रिक्शा खड़े हो जाएं और चालकों को आराम करने के लिए भी स्थान मिल सके।
बोले ई-रिक्शा चालक-
शहर में ई-रिक्शा लेकर निकलते हैं। कई जगह अतिक्रमण है इससे रिक्शा चलाना मुश्किल होता है। इस ओर ध्यान दिया जाए।
-तालिब
शहर में चार्जिंग प्वाइंट नहीं है। इससे दिक्कतें आती हैं। यदि बिजली निगम की मदद से चार्जिंग प्वाइंट बनें तो बेहतर रहेगा।
-अभय प्रताप
बजरिया से जब पल्ला के लिए जाते हैं तो सड़क पर निकलना मुश्किल होता है सामने कोई वाहन आता है तो जाम लग जाता है। -अर्जुन
चालक सवारियों को सुरक्षित ढंग से पहुंचाने का काम कर रहे हैं। ई-रिक्शा चालकों को कोई सुविधाएं नहीं मिल रहीं।
-रामविलास
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