बोले फर्रुखाबाद:बाजार में बजबजाती गंदगी, कैसे करें तरक्की
Farrukhabad-kannauj News - रेडीमेड गारमेंट कारोबारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि बाजारों में सुरक्षा, पेयजल की कमी और सफाई की समस्या। व्यापारियों ने शौचालयों और सीसीटीवी कैमरों की मांग की है। इसके अलावा,...
रेडीमेड गारमेंट कारोबारियों को जिन बुनियादी दिक्कतों ने घेर रखा है उसके समाधान के लिए जिम्मेदार रुचि नहीं ले रहे हैं। ऐसे में सीधे तौर पर कारोबार पर भी असर पड़ रहा है। आपके अपने अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान रेडीमेड गारमेंट कारोबारी आफताब ने कहा कि बाजारों में न तो सुरक्षा के इंतजाम हैं और न ही पेयजल की समुचित व्यवस्था। ऐसे में हमारा कारोबार कैसे चलेगा? रोहित सिंह बाजारों में शौचालय स्थापित किए जाने की मांग करने लगते हैं। कहते हैं कि खरीदारों से लेकर आम लोगों को बाजार में शौचालय की व्यवस्था न होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कारोबारी कहते हैं बाजारों में सफाई की समस्या सबसे बड़ी है। सबसे अधिक दिक्कत उन स्थानों पर होती है जहां पर खाने पीने के स्टाल लगते हैं। दोना-पत्तल दुकान के सामने बाहर सड़क पर पड़े रहते हैं और वह काफी समय तक नहीं उठाये जाते हैं। ऐसे में ग्राहकों को दुकान के अंदर आने में झिझक होती है। बाजारों में सफाई रोज नहीं कराई जाती। दुकान हमारी रोजी-रोटी है अत: दुकानों के सामने को लगातार सफाई होनी चाहिए।
आकाश कश्यप सभी प्रमुख बाजारों में तिराहे चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे की मांग करने लगते हैं। कहते हैं कि इससे व्यापारियों की सुरक्षा मजबूत होगी। मोहित कुमार कहते हैं कि छोटे व्यापारियों की सहूलियत के लिए भी प्रशासन को सोचना चाहिए। जिससे उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े। ऐसे में कोई स्थायी योजना लाकर छोटे व्यापारियों को स्थापित किया जाए।
हिमांशु कहने लगे कि ऑनलाइन व्यापार की जो छूट दी गयी है उससे छोटे, मध्यम शहरों में कारोबार कर रहे दुकानदारों के भविष्य पर कम चिंता नहीं हैं। हाजी इकलाख खां कहते हैं कि आज स्थितियां काफी बदल गयी हैं। इसका समाधान यदि निकट भविष्य में नहीं किया गया तो दूरगामी परिणाम होंगे। व्यापारी सड़क पर आकर रह जाएंगे। उन्हें अपनी रोजी रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल होगा। वैसे भी टैक्स दर टैक्स जो समस्याएं हैं उससे व्यापारी चिंतित हैं। विशाल वर्मा कहने लगे कि व्यापारी अपने कारोबार के साथ ही सरकार को राजस्व देने का काम करते हैं। मगर उनकी सुविधा के लिए तो कुछ भी नहीं होता है। व्यापारियों का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए उन्हें बीमा जैसी योजनाओं का लाभ देने की जरूरत है। यही नहीं छोटे बड़े सभी पंजीकृत व्यापारियों के लिए ऋण की सुविधा आसान की जाए। उन्हें ऋण के लिए दौड़ न लगाना पड़े। अंकित अग्रवाल की पीड़ा है कि ऋण के लिए पत्रावली बैंकों में लंबे समय तक पड़ी रहती है कोई सुनवाई नहीं होती है। ऐसे माहौल मे ंव्यापारी ऋण की आस ही छोड़ देते हैं। आफताब कहते हैं कि व्यापारियों की समस्या समाधान के लिए जिला मुख्यालय पर या फिर जीएसटी विभाग में एक हेल्प डेस्क होनी चाहिए जिससे प्रत्येक फोन पर रिस्पांस भी मिले। व्यापारियों को लगे कि उनके लिए कुछ हो रहा है। हेल्प डेस्क केवल नाम की न हो बल्कि समस्याओं पर तत्काल रिसपांस मिले।
चार पहिया वाहनों की इंट्री से बढ़ जाती समस्या: शहर के प्रमुख मार्गों पर भले ही नो इंट्री दिन में प्रभावी है। इसके बाद भी पुलिस की मेहरबानी से चार पहिया वाहनों की इंट्री मुसीबत पैदा कर देती है। कारोबार भी चौपट हो जाता है। अपने दर्द को साझा करते हुए आलोक बाथम कहते हैं कि शहर के प्रमुख मार्गों पर जाम के लिए व्यापारियों को ही दोषी कहना गलत है। क्योंकि चार पहिया वाहन मुख्य मार्ग के फुटपाथ पर जब खड़े हो जाते हैं तो इससे जाम गंभीर होता है। सीधे तौर पर कारोबार पर असर पड़ता है। व्यापारी अनुराग पांडेय कहते हैं कि जो वाहन सड़क पर खड़े होते हैं उन पर यातायात विभाग को सख्ती करना चाहिए। दिन में तो बड़े वाहनों पर सीधे तौर पर पाबंदी लगानी चाहिए जिससे कि ग्राहक खरीदारी कर सके।
बोले कारोबारी
व्यापारियों के लिए हमेशा माहौल चुनौतीपूर्ण है। वह असुरक्षित माहौल मे ंव्यापार कर रहे हैं। सुरक्षा बेहतर हो। -विजय
देर रात तक बाजार खुलते हैं। ऐसे में बाजारों में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए।
-आमिर खां
बाजारों में पेयजल की भी समस्या रहती है। पालिका को चाहिए कि प्रमुख बाजारों में वॉटर कूलर लगाए। राकेश सक्सेना
व्यापारियों को प्राथमिकता के आधार पर शस्त्र लाइसेंस दिये जाएं। इसके साथ ही जीएसटी की विसंगतियां दूर हों। -नदीम।
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