बोले फर्रुखाबाद:हमारी काबिलियत को भी मिले सम्मान.. पहचान खुद बना लेंगे
Farrukhabad-kannauj News - छोटे शहरों में इंटरनेट की सीमित कनेक्टिविटी और ब्रॉडबैंड की सुविधाओं के कारण इन्फ्लूएंसरों को वीडियो अपलोड करने में कठिनाई होती है। उन्हें मानसिक तनाव, ट्रोलिंग और ब्रांड स्पांसरशिप की समस्याओं का...
अपने शहर में इंटरनेट की कनेक्टिविटी और ब्रॉडबैंड की सुविधाएं सीमित हैं। कई इन्फ्लूएंसरों को वीडियो अपलोड करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कंटेंट क्रिएट करने में समय और मेहनत ज्यादा लगती है और दर्शकों तक सामग्री सही रूप से नहीं पहुंच पाती है। सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त करना या किसी नए ट्रेंड को अपनाना कुछ परिवारों के लिए स्वीकार नहीं होता है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा में आरबी गुप्ता कहती हैं कि कई बार परिवार वाले और समाज इस पेशे को नकारात्मक नजर से देखता है। इससे इन्फ्लूएंसर को मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ता है। स्पंासरशिप और ब्रांड से जुड़ी समस्याएं भी कम नही हैं। इन्फ्लूएंसर को ब्रांड्स और कंपनियों से स्पांसरशिप मिलनी मुश्किल होती है। बड़े शहरों के मुकाबले छोटे शहरों में ब्रांड्स के प्रतिनिधि कम होते हैं और वहां इन्फ्लूएंसरों के साथ साझेदारी करना उन कंपनियों के लिए आकर्षक नहीं लगता। इससे इन्फ्लूएंसरों को अपनी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।
केशव कुशवाह कहते है कि इन्फ्लूएंसरों के सामने ट्रोलिंग और नकारात्मक टिप्पणियां भी अहम समस्या हैं। इन्फ्लूएंसरों का मानना है कि उन लोगों को न सिर्फ आलोचना का सामना करना पड़ता है बल्कि अक्सर व्यक्तिगत जीवन पर भी आक्रमण होते हैं। इससे न सिर्फ उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित होती है बल्कि सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। अच्छा इन्फ्लूएंसर बनने के लिए अच्छा कैमरा, एडीटिंग साफ्टवेयर और अन्य संसाधनों की जरूरत होती है। यहां के युवा ऐसे संसाधनों से वंचित रहते हैं जिससे उनकी कंटेंट क्वालिटी पर फर्क पड़ता है। इन्फ्लूएंसर यह भी कहते हैं कि डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया ट्रेंड्स के बारे में सही प्रशिक्षण की कमी भी एक बड़ी समस्या है।
उनका यह भी कहना है कि छोटे शहरों में सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर दर्शकों का निर्माण करना भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं होता है। यहां के लोग बड़े शहरों के मुकाबले सोशल मीडिया का उपयोग कम करते हैं। इससे इन्फ्लूएंसर को अपने कंटेंट के लिए पर्याप्त आडियंस नहीं मिल पाते हैं। यह भी सबसे बड़ी समस्या है। इन्फ्लूएंसर कहते हैं कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उचित स्तर से प्रयास करना चाहिए। सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसरों को सरकार की ओर से किसी योजना का लाभ नहीं मिलता है। इससे इस पेशें में आने वाले लोग हमेशा जोखिम में रहते हैं।
सुझाव-
1. इंटरनेट कनेक्टिविटी में काफी दिक्कतें आती हैं उसका समाधान होना चाहिए।
2. समय के साथ ही लोगों को इन्फ्लूएंसर के प्रति अपनी सोच बदलने की जरूरत है।
3. ब्रांड से साझेदारी करने की सभी दिक्कतें खत्म की जानी चाहिए।
4. इन्फ्लूएंसरों को संसाधन उपलब्ध हैं उनको भी व्यवस्थित करने की जरूरत है।
5. डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया ट्रेंडस के लिए ट्रेनिंग की जरूरत है।
6. लोगों का माइंडसेट बदलने के लिए जागरूकता फैलाई जानी चाहिए।
7. इस पेशे के लिए कोर्स शुरू किए जाने चाहिए ताकि लोग दक्ष हो सकें।
शिकायतें-
1. इंटरनेट कनेक्टिविटी की दिक्कत से काम में पिछड़ जाते हैं।
2. पारंपरिक सोच के चलते अक्सर इन्फ्लूएंसर पर अभद्र टिप्पणियां की जाती हैं ।
3. सोशल मीडिया का कम उपयोग करने से कंटेंट के लिए पर्याप्त आडियंस नहीं मिल पाते हैं।
4. सही प्रशिक्षण की कमी से भी दिक्कतें हैं। प्रशिक्षण ने होने से उत्कृष्टता नहीं आ पाती है।
5. इन्फ्लूएंसर के व्यक्तिगत जीवन पर आक्रमण होने से सुरक्षा भी खतरे मंें पड़ जाती है।
6. इन्फ्लूएंसर को सामाजिक जीवन में स्वीकार्य न होने का सामना करना पड़ता है।
7. इन्फ्लूएंसर को अक्सर हल्के में लेकर उनकी बातों पर कम ध्यान दिया जाता है।
बोले इन्फ्लूएंस-
म्यूजिक इंडस्ट्री को लेकर थोड़ा ध्यान दिया जाये। अगर इन्फ्लूएंसर को गाना रिकार्ड या शोध करना हो तो बाहर जाना पड़ता है। यहां पर बहुत से सिंगर हैं जिन्हें समस्या उठानी पड़ती है। यहां पर जो प्रमुख स्थल हैं उनकी साज सज्जा बेहतरीन की जाये जिससे कि सांग रिकार्ड करने को दूसरे शहरों में न जाना पड़े। अपने शहर में ही इन्फ्लूएंसर रिकार्ड कर सकें। -केशव कुशवाह
समय समय पर इन्फ्लूएंसर के इवेंट होने चाहिए। जो लोग शहर और सरकार के लिए काम कर रहे हैं उनके काम को लेकर उनको प्रोत्साहित किया जाये जिससे उनका उत्साह बढ़ेगा और वह अपने शहर के लिए कुछ न कुछ बेहतर कर सकेंगे। इसके साथ ही अपने शहर और देश का भी नाम रोशन होगा। जो दिक्कतें हैं उसका भी समाधान समय पर होना चाहिए। -मोंटी सरताज
सोशल मीडिया के माध्यम से अपने शहर को पहचान देने का काम कर रहे हैं। पहचान पत्र मिले।
-आरबी गुप्ता
यह क्षेत्र भी बेहतरीन अवसर दे सकता है। युवा इस क्षेत्र में आ रहे हैं। उन्हें मुकाम हासिल हो रहे हैं।
-पवन कुमार
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